Begin typing your search above and press return to search.
राष्ट्रीय

पश्चिम बंगाल : ममता कैबिनेट की बैठक में नहीं शामिल हुए चार मंत्री, बगावत के आसार

Janjwar Desk
13 Nov 2020 4:23 AM GMT
पश्चिम बंगाल : ममता कैबिनेट की बैठक में नहीं शामिल हुए चार मंत्री, बगावत के आसार
x

शुभेंदु अधिकारी व ममता बनर्जी।

बिहार चुनाव खत्म होने के साथ पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव को लेकर सरगर्मी बढती जा रही है। ममता बनर्जी की पार्टी के कुछ नेता भाजपा का दामन चुनाव से पहले थाम सकते हैं...

जनज्वार। पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली तृणमूल कांग्रेस सरकार की बुधवार को हुई कैबिनेट बैठक में चार मंत्री शामिल नहीं हुए। इसके बाद से राज्य में तृणमूल कांग्रेस की बागवत की आशंका जतायी जा रही है। इन मंत्रियों के कैबिनेट की बैठक में उपस्थित नहीं होने से ये अटकलें लगायी जा रही हैं कि ये बगावत कर भाजपा का दामन थाम सकते हैं। अगले छह महीने के अंदर पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव होना है, जिसमें ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी के बीच सीधे मुकाबले के आसार बन रहे हैं। ऐसे में दोनों खेमों की ओर से राजनीतिक लामबंदी तेज हो गई है।

राज्य सचिवालय नवन्ना में हुई कैबिनेट बैठक में परिवहन मंत्री शुभेंदू अधिकारी, वन मंत्री राजीव बंद्योपाध्याय, पर्यटन मंत्री गौतम देव और उत्तर बंगाल विकास मंत्री रवींद्रनाथ घोष गैर हाजिर रहे। इन चार मंत्रियों के गायब रहने के बाद पश्चिम बंगाल में उनके भावी कदम की अटकलें लगायी जा रही हैं। हालांकि रवींद्रनाथ घोष ने कहा है कि उनकी तबीयत ठीक नहीं थी और उन्होंने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को इसकी सूचना दे दी थी। वहीं, गौतम देव के बारे में बताया गया कि वे कोरोना से संक्रमित हो गए हैं, इसलिए उपस्थित नहीं हो सके।

हालांकि शुभेंदू अधिकारी और राजीव बंद्योपाध्याय के गायब रहने को लेकर अटकलें अधिक लगायी जा रही हैं। दोनों मंत्री ने कैबिनेट में शामिल नहीं होने पर कोई बयान देने से इनकार कर दिया है, वहीं तृणमूल कांग्रेस ने भी इस पर कोई टिप्पणी नहीं की है। ऐसे में इनके बागी होने की संभावना जतायी जा रही है। शुभेंदू अधिकारी को तृणमूल कांग्रेस से लंबे अरसे से नाराज बताया जा रहा है और ऐसे में इन संभावना को खारिज नहीं किया जा रहा है कि वे चुनाव के ठीक पहले कोई बड़ा निर्णय ले लें।

शुभेंदू अधिकारी ने नंदीग्राम दिवस के दिन पार्टी नेतृत्व पर कटाक्ष किया कि उन्हें 13 साल बाद नंदीग्राम की याद आयी। वे अपनी सभाओं में तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष ममता बनर्जी का न नाम ले रहे हैं और न उनके पोस्टर व पार्टी का झंडा-बैनर लगा रहे हैं। हावाड़ा क्षेत्र से आने वाले राजीव बंद्योपाध्याय भी पार्टी से नाराज बताए जा रहे हैं। हालांकि तृणमूल कांग्रेस की चुनावी बागडोर हाथ में ले चुके चुनाव प्रबंधक प्रशांत किशोर ने हावड़ा के पार्टी नेताओं के साथ एक बैठक कर सुलह की कोशिश की थी, लेकिन वह कोशिश नतीजे तक नहीं पहुंच पायी।

मालूम हो कि बिहार विधानसभा चुनाव संपन्न होने के साथ ही भारतीय जनता पार्टी पश्चिम बंगाल के चुनाव पर फोकस हो गई है। गृहमंत्री अमित शाह ने राज्य का दौरा भी किया है और अध्यक्ष जेपी नड्डा भी अब अपनी सक्रियता वहां बढाने वाले हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी कहा है कि राजनीतिक हिंसा करने वालों को जवाब दिया जाएगा।

Next Story

विविध