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नाम में क्या रखा है - इसका दर्द पूछो अजमेर दरगाह के प्रमुख से, जिनकी गिरफ्तार Salman Chishti की वजह से गिरी प्रतिष्ठा, जीना हुआ दूभर

Janjwar Desk
10 July 2022 5:35 AM GMT
नाम में क्या रखा है - इसका दर्द पूछो अजमेर दरगाह के प्रमुख से, जिनकी गिरफ्तार सलमान चिश्ती की वजह से गिरी प्रतिष्ठा, जीना हुआ दूभर
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नाम में क्या रखा है - इसका दर्द पूछो अजमेर दरगाह के प्रमुख से, जिनकी गिरफ्तार सलमान चिश्ती की वजह से गिरी प्रतिष्ठा, जीना हुआ दूभर

हाजी सैयद सलमान चिश्ती का कहना है कि जिस समय कन्हैयालाल शाह की उदयुपर में हत्या हुई उस समय मैं विदेश में एक सूफी सम्मेलन में था। कुछ लोग अजमेर दरगाह के छवि को इसकी आड़ में खराब कर रहे हैं। दरगाह के बारे में भ्रम फैलाया जा रहा है और हम कुछ नहीं कर पा रहे हैं।

नई दिल्ली। अमूमन लोग यह कहते हुए सुनाई दे जाते हैं कि नाम में क्या रखा है, लेकिन आपको बता दूं कि नाम में ही सबकुछ है। नाम की अहमितयत क्या होती है, उसे न जानने वाले जान लें। इस बात को समझने में दिक्क्त हो रही हो तो चर्चित स्कॉलर श्वार्ट्ज की पुस्तक द टू फेसेस आफ इस्लाम को पढ़ लें। इस पुस्तक को लेकर श्वार्ट्ज इस्लाम सहित पूरी दुनिया में काफी चर्चित है।

द टू फेसेज पुस्तक लिखने वाले श्वार्ट्ज क्यों आये याद

श्वार्ट्ज ने इस पुस्तक में इस्लाम के दार्शनिक और धार्मिक विश्वासों में अंतर का उल्लेख किया है। उन्होंने वर्षों तक अपने अध्ययन के बाद इस पुस्तक लेखन किया था। पुस्तक में उन्होंने 1500 वर्षों के दौरान चरमपंथियों द्वारा धर्म के आधार पर फैलाए गए भ्रम का पर्दाफाश भी किया है।

फिलहाल, हम मूल विषय पर आते हैं और एक ही नाम के उन दो चेहरों की चर्चा करते हैं जो दुनियाभर में सुर्खियों में है। दो चेहरोंवाला एक नाम है सलमान चिश्ती ( Salman Chishti ) । यह नाम पिछले कुछ दिनों से सोशल मीडिया पर सबसे ज्यादा ट्रेंड में है। नाम एक है पर दो व्यक्ति इस नाम से हैं। खास बात यह है कि दुनिया में चर्चित दरगाह अजमेर ( Ajmer Dargah ) से दोनों जुड़े हैं। दोनों का नाम सलमान चिश्ती ही है। पिछले कुछ दिनों से सोशल मीडिया पर दोनों को लगातार देखा और सुना जा रहा है, लेकिन दोनों की वजह अलग-अलग है।

इसमें पहला व्यक्ति एक हिस्ट्रीशीटर है जिसे राजस्थान पुलिस ने भाजपा की निलंबित प्रवक्ता नुपुर शर्मा ( Nupur sharma ) की गिरफ्तारी के लिए सर कलम करने के बदले बड़़ा इनाम देने की घोषणा करने के बाद गिरफ्तार कर लिया है।

इसी नाम का दूसरा शख्स हाजी सैयद सलमान चिश्ती ( Haji Sayed Salman Chishti ) हैं जो अजमेर दरगाह के गद्दीनसीं हैं और समाज में उनकी अपनी एक अलग पहचान है। हाजी सैयद सलमान चिश्ती अजमेर दरगाह के 26वीं पीढ़ी में गद्दी नशीन संरक्षक हैं।

इन दिनों हाजी सैयद सलमान चिश्ती का पैगंबर मोहम्मद ( Prophet Mohammad row ) और नुपुर शर्मा ( Nupur sharma ) विवाद की वजह से बुरे दौर से गुजर रहे हैं। उनका नाम और फोटो गलत तरीके से सोशल मीडिया से लेकर मेन स्ट्रीम मीडिया में यूज हो रहा है। ऐसा इसलिए हो रहा है कि दोनों का नाम एक ही है और दोनों अजमेर दरगाह से जुड़े हैं। दोनों का नाम एक होने के साथ दोनों अजमेर के एक ही स्कूल से से पासआउट भी हैं।

दोनों के बीच समानता यहीं तक सीमित है। इस मामले में दो समुदायों के बीच नफरत फैलाने के आरोप में सलमान चिश्ती को गिरफ्तार कर लिया जाता है। सलमान चिश्ती ( Salman Chishti ) के खिलाफ 13 मामले दर्ज हैं। वह हिस्ट्रीशीटर है। उस पर हत्या के भी आरोप है। दो समुदायों के बीच तनाव पैदान करने के आरोप हैं।

दूसरी तरफ हाजी सैयद सलमान चिश्ती ( Haji Sayed Salman Chishti ) सूफी स्कॉलर है। वह शांति के लिए न केवल भारतीय दल का दुनियाभर में प्रतिनिधित्व करते हैं। यूएन में भी कई मौके पर वह सम्मेलनों में शामिल हो चुके हैं।

हिस्ट्रीशीटर सलमान चिश्ती ( Salman Chishti ) की वह से सैयल सलमान चिश्ती दुनियाभर में बदनाम हो चुके हैं। टीवी चैनलों, अखबारों से लेकर सोशल मीडिया में सलमान चिश्ती एक बदनाम नाम है। चिंता की बात ये है कि इसमें सूफी स्कॉलर सैयद चिश्ती ( Haji Sayed Salman Chishti ) का फोटो भी यूज हो रहा है।

दरअसल, भ्रम की यह स्थिति इसलिए उत्पन्न हुई कि अजमेर दरगाह के इन्हीं में एक खादिम सलमान चिश्ती ने नुपुर शर्मा का सर कलम करने वालों को इनाम देने की घोषणा की थी। हिस्ट्रीशीटर सलमान चिश्ती का यह वीडियो पैगंबर मोहम्मद से जुड़ा होने की वजह से दुनियाभर में वायरल हो गया। इतना ही नहीं उदयपुर में कन्हैया लाल तो अमरावती में उमेश की हत्या भी हुई।

अजमेर दरगाह के प्रमुख हाजी सैयद सलामन चिश्ती ( Haji Sayed Salman Chishti ) कहते हैं कि उस समय मुझे नहीं पता था कि सोशल मीडिया पर उनके नाम से इस तरह का कोई वीडियो वायरल हो रहा है। यही वजह है कि मैं फोन कॉल आने और पूछे जा रहे सवालों का जवाब देने के लिए मानसिक रूप से तैयार भी नहीं था। मैं इस बात को भी नहीं समझ पाया कि उनकी तस्वीर का उपयोग हेट मैसेजेज के लिए न्यूज पोर्टल पर हो रहा है।

अजमेर दरगाह फाउंडेशन के चेयरमैन ने खुद प्रेम, शांति और भाईचारे का संदेश देने का फैसला लिया है, जिसके लिए सूफी समुदाय दुनिया भर में जाने जाते हैं। हाजी सैयद सलमान चिश्ती ने अपने एक मीडियाकर्मी दोस्त से अपने दर्द का हवाला देते हुए कहा कि इन घटनाक्रमों की वजह से वह खुद को बहुत बुरी स्थिति में पा रहे हैं। उनकी बदनाम हो रही है। लोग सवाल जवाब कर रहे हैं। मेरा फोटो यूज किया जा रहा है। मेरे खिलाफ पता नहीं कैसे कैसे बयान दिए जा रहे हैं। यह सब उस हिस्ट्रीशीटर सलमान चिश्ती की वजह से हुआ है।

जब कन्हैयालाल शाह की उदयुपर में हत्या हुई उस समय मैं विदेश में एक सूफी सम्मेलन में था। कुछ लोग अजमेर दरगाह के छवि को इसकी आड़ में खराब कर रहे हैं। दरगाह के बारे में भ्रम फैलाया जा रहा है और हम कुछ नहीं कर पा रहे हैं।

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