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Supreme Court On MSP : चोर दरवाजे से कृषि कानून वापस लाने का माहौल बना रही सरकार, SC की ओर से गठित पैनल की रिपोर्ट पर बोले योगेंद्र यादव

Janjwar Desk
23 March 2022 6:30 AM GMT
Supreme Court On MSP : चोर दरवाजे से कृषि कानून वापस लाने का माहौल बना रही सरकार, SC की ओर से गठित पैनल की रिपोर्ट पर बोले योगेंद्र यादव
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(चोर दरवाजे से कृषि कानून वापस लाने का माहौल बना रही सरकार, SC की ओर से गठित पैनल की रिपोर्ट पर बोले योगेंद्र यादव)

Supreme Court On MSP : योगेंद्र यादव ने कहा कि कमेटी ने 19 हजार लोगों से डिजिटल फीडबैक लिया, जिनमें केवल पांच हजार किसान शामिल थे, उनकी बातों को सुनकर रिपोर्ट तैयार की गई है...

Supreme Court On MSP : केंद्र सरकार द्वारा कृषि कानूनों (Three Farm Laws) को निरस्त करने के बाद सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित कमेटी की रिपोर्ट सार्वजनिक (Supreme Court Report On Three Farm Laws) हुई है। हालांकि कमेटी के सदस्य अनिल घनवट द्वारा रिपोर्ट को सार्वजनिक किए जाने के बाद इस पर बहस और प्रतिक्रियाओं का दौर शुरू हो गया है। इसी क्रम में जय किसान आंदोलन (Kisan Andolan) के संयोजक और किसान नेता योगेंद्र यादव (Yogendra Yadav) की भी प्रतिक्रिया (Yogendra Yadav Reaction On Supreme Court Report) सामने आई है।

योगेंद्र यादव ने की रिपोर्ट की आलोचना

बता दें कि किसान नेता योगेंद्र यादव ने इस पर तंज कसते हुए इसे गजब की रिपोर्ट्स बताया है। बता दें कि योगेंद्र यादव ने मंगलवार को एक वीडियो शेयर किया है। जिसमें उन्होंने कहा है कि रिपोर्ट में तीनों निरस्त कानूनों को शानदार और पॉपुलर बताया गया है। यह रिपोर्ट किसानों के शिकायतों के आधार पर बनाई जानी थी। वे किसान जो सड़क पर आकर आंदोलन कर रहे थे, उनकी शिकायतें सुनकर अदालत को रिपोर्ट देने का निर्देश दिया था लेकिन ऐसा नहीं हुआ। तीनों कानूनों का विरोध करने वाले 450 में से एक भी संगठन से कमेटी में कोई भी सदस्य नहीं मिले और न ही उनकी शिकायतें सुनी गई। यहां तक कि न आंदोलनरत एक किसान से मिले और न ही किसानों का सर्वे कराया, बल्कि कमेटी उन 73 संगठनों से मिले, जिन्हें इन कानूनों से कोई परेशानी ही नहीं थी। उनसे बात कर कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में कहा, सब बढ़िया है।

सरकार तीनों कानूनों को वापस लाने की रच रही है साजिश

बता दें कि किसान नेता योगेंद्र यादव ने कहा कि कमेटी ने 19 हजार लोगों से डिजिटल फीडबैक लिया, जिनमें केवल पांच हजार किसान शामिल थे। उनकी बातों को सुनकर रिपोर्ट तैयार की गई है। सरकार इस रिपोर्ट के जरिए तीनों कृषि कानूनों को वापस लाने की साजिश रच रही है। माहौल बनाने की कोशिश कर रही है, जिसमे ये तीनों कानूनों को वापस लाया जा सके। साथ ही उन्होंने कहा कि सरकार माहौल बना रही है कि चोर दरवाजे से इन कानूनों को वापस लाया जा सके। संयुक्त किसान मोर्चा और किसान इसे बर्दाश्त नहीं करेगा। एमएसपी को लेकर एक सप्ताह है। हम एमएसपी सप्ताह मनाएंगे। वहीं तीनों कृषि कानूनों का विरोध कर रहे अन्य संगठनों ने भी सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित कमेटी की रिपोर्ट की आलोचना की है।

सुप्रीम कोर्ट की कमेटी ने की रिपोर्ट सार्वजनिक

बता दें कि तीनों कृषि कानूनों की वापसी से बाद सुप्रीम कोर्ट की कमेटी की रिपोर्ट सार्वजनिक हुई है। सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल 12 जनवरी को तीन सदस्यों की एक कमेटी बनाई थी। उस कमेटी से जुड़े अनिल घनवट ने ये रिपोर्ट सार्वजनिक की है। सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित कमेटी की ओर से जारी इस रिपोर्ट में बताया गया है कि 73 किसान संगठनों में से 61 कृषि कानूनों के समर्थन में थे। हालांकि इसमें दिल्ली की सीमा पर आंदोलन कर रहे किसान संगठन शामिल नहीं है। इस पर किसान नेता योगेंद्र यादव का कहना है कि जब चार सौ से ज्यादा किसान संगठनों से कमेटी की कोई बातचीत ही नहीं हुई है तो ये रिपोर्ट कैसे दावा कर रही है कि 3.3 करोड़ किसान इसके समर्थन में थे।

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