Yogi Government 2.0 : कभी मायावती पर गलत बयान देकर पार्टी से निष्कासित होने वाले दयाशंकर योगी सरकार में बने मंत्री
Yogi Government 2.0 : उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) की योगी सरकार पार्ट टू (Yogi Government 2.0) में बलिया नगर (Baliya Nagar) से विधायक दयाशंकर सिंह (MLA Daya Shankar Singh)को अहम जिम्मेदारी सौंपी गयी है। शुक्रवार 25 मार्च को इकाना स्टेडिय में शपथ ग्रहण के दौरान दयाशंकर सिंह ने राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार के रूप में शपथ ली है।। दयाशंकर सिंह 361 बलिया नगर विधानसभा के अलावा पर प्रदेश भाजपा के उपाध्यक्ष भी हैं। बलिया जिले से इस बार उन्होंने पार्टी के लिए जीत हासिल कर मंत्री पद के लिए अपनी दावेदारी पेश की थी।
आपको बता दें ये वही दयाशंकर सिंह हैं जिन्हें साल 2016 में बसपा सुप्रीमो मायावती पर विवादित बयान देने के चलते भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने निष्कासित कर दिया था। लेकिन 2017 चुनाव की काउंटिंग के तत्काल बाद उन्हें पार्टी में वापस बुला लिया गया था। उसके बाद दोबारा दयाशंकर सिंह यूपी बीजेपी के उपाध्यक्ष बनाए गए थे। उसके बाद से वे अब तक इस पद पर बने हुए हैं। वे बीजेपी की ज्वाइनिंग कमेटी के सदस्य भी हैं।
बलिया में नगर विधानसभा से इस बार दयाशंकर सिंह की जीत के बाद से ही उनके राज्यमंत्री बनने की चर्चा रही है। जिले में भाजपा के लिए बड़ा चेहरा होने की वजह से इस बार दयाशंकर सिंह को मंत्री बनाया गया है। उनको राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) बनाए जाने की बाबत शासन स्तर से भी उनको पूर्व में ही फोन कर सूचित कर दिया गया था। शाम पांच बजे उन्होंने राज्यमंत्री पद की शपथ ली तो बलिया में उनके समर्थक भी खूब उत्साहित नजर आए।
बलिया के सदर विधायक और अब मंत्री दयाशंकर सिंह मूल रूप से बिहार के बक्सर जिला के रहनेवाले हैं। उनका गांव बलिया शहर के दक्षिणी छोर से गंगा नदी के उस पार बड़का राजपुर है। पर उनकी शिक्षा—दीक्षा और राजनीति बलिया से ही शुरू हुई थी।। इसीलिए बीजेपी ने सरोजनी नगर सीट से उनका टिकट काटकर तो बलिया नगर से दे दिया। दयाशंकर का जन्म 27 जून 1972 को को हुआ था।
दयाशंकर सिंह साल 1997-98 में लखनऊ विश्वविद्यालय के छात्रसंघ अध्यक्ष निर्वाचित हुए थे। इसके बाद वे भारतीय जनता पार्टी से जुड़ गए। पार्टी में युवा मोर्चा के प्रदेश मंत्री के तौर पर राष्ट्रीय उपाध्यक्ष युवा मोर्चा, प्रदेश अध्यक्ष युवा मोर्चा, प्रदेश मंत्री भाजपा से प्रदेश उपाध्यक्ष बनाए गए थे। 51 वर्षीय दयाशंकर सिंह के पास एमए और एमएड की डिग्रियां हैं। इनकी राजनीतिक पृष्ठभूमि इनके ननिहाल से जुड़ी हुई हैं। इनके मामा मैनेजर सिंह बैरिया विधानसभा से कई बार विधायक रह चुके हैं।
दयाशंकर वर्ष 2007 में सदर विधानसभा से भाजपा प्रत्याशी के रूप में लड़े, पर चुनाव हार गए। इसके बावजूद भारतीय जनता पार्टी ने इन पर विश्वास करते हुए संगठन में इन्हें महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी। साल 2017 में बलिया नगर से चुनाव जीते आनंद स्वरूप शुक्ला उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री बने थे। पर, 2022 में उनके स्थान पर दयाशंकर को टिकट देकर मैदान में उतारा गया और वे चुनाव जीत गए।
आपको बता दें कि योगी की पहली सरकार में मंत्री रह चुकी दयाशंकर शंकर सिंह की पत्नी स्वाति सिंह ने भी मुख्यमंत्री के शपथ ग्रहण से पहले फेसबुक पर पोस्ट कर योगी आदित्यनाथ को दोबारा मुख्यमंत्री बनने की बधाई दी। इस बार के विधानसभा चुनाव में स्वाति सिंह को भाजपा ने टिकट नहीं दिया था।
बीते सोमवार (21 मार्च) को ही स्वाति सिंह (Swati Singh) ने दयाशंकर सिंह से अपने तलाक का मामला दोबारा खोलने के लिए फैमिली कोर्ट से गुहार लगायी थी। गौरतलब है कि चुनाव से ठीक पहले स्वाति सिंह का एक ऑडियो वायरल होने के बाद पति-पत्नी का विवाद चर्चा में आ गया था। उसी के बाद स्वाति सिंह का टिकट काटकर दयाशंकर सिंह को टिकट दिया गया था।
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