Gorakhpur Double Murder: योगी के गोरखपुर में डबल मर्डर, 18 दिन से लापता नाबालिग दोस्तों के खेत में दबे मिले शव
Gorakhpur Double Murder: योगी आदित्यनाथ के गृह जनपद गोरखपुर (Gorakhpur) में झंगहा के नौवाबारी में दो दोस्तों की हत्या कर दी गई। बताया जा रहा कि यह दोनो दोस्त 18 दिन से लापता थे। अब दोनों की खेत के गडढे में दबी हुई लाशें मिली हैं। वारदात के शिकार दोनों दोस्त नाबालिग थे। दोनों के हाथ पीछे बांधे गए थे। पुलिस ने सिर पर भारी वस्तु से प्रहार कर हत्या किए जाने की आशंका जताई है।
गड्ढों में शव (Gorakhpur Double Murder) दफन होने की जानकारी लोगों को तब हुई, जब कुत्तों को शव नोचते देखा गया। डीआईजी जे. रविंद्र, एसएसपी डॉ. विपिन ताडा और एसपी नार्थ मनोज अवस्थी ने मौके पर पहुंचकर पड़ताल की। पुलिस ने शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। हत्या की असल वजह अभी स्पष्ट नहीं है। चर्चा प्रेम प्रसंग की भी है। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है।
जानकारी के मुताबिक, नौवाबारी गांव निवासी 17 वर्षीय गणेश जायसवाल पुत्र जितेंद्र और 16 वर्षीय आकाश जायसवाल पुत्र साहब, घर से 07 जनवरी को ही लापता हो गए थे। चार दिनों तक घरवालों ने काफी तलाश की, लेकिन उनका कुछ पता नहीं चला। इसके बाद 11 जनवरी को नई बाजार पुलिस चौकी पर घरवालों ने तहरीर दी थी। पुलिस मामले की जांच कर रही थी कि इसी बीच मंगलवार को स्थानीय लोगों ने गांव में ही खेत किनारे कुत्तों का झुंड देखा, जो गड्ढा खोदकर कुछ नोच रहे थे। यह देखकर उस ओर ग्रामीण गए तो आदमी का पैर नजर आया और तेज बदबू भी आ रही थी।
पुलिस ने गड्ढा खुदवाया तो दोनों दोस्तों के शव बरामद हुए। दोनों के हाथ पीछे से बांधे गए थे। एक किशोर का मुंह भी बांधा गया था। दोनों के सिर पर गंभीर घाव के निशान साफ नजर आ रहे थे। देखने से लग रहा था कि किसी भारी वस्तु से प्रहार करके दोनों को मौत के घाट उतारा गया है। अब हत्या के कारण तलाशे जा रहे हैं। पुलिस की अलग-अलग टीमें जांच में लग गईं हैं।
इस मामले में एसएसपी डॉ. विपिन ताडा ने कहा कि दो लापता दोस्तों का शव गड्ढे से बरामद किया गया है। प्रथम दृष्टया मामला हत्या का है। पुलिस हत्या मानकर ही मामले की जांच कर रही है। शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। घटना के शीघ्र पर्दाफाश के लिए एसपी नार्थ के नेतृत्व में टीम गठित कर दी गई है।
क्या गांव में ही छिपा है कत्ल का राज?
बताया जा रहा कि इन दोनों की हत्या का राज गांव के ही किसी घर में छिपा है। मौके की परिस्थितियां इसकी बानगी कह रहीं हैं। खेत के जिस गड्ढे में दोनों शव पाए गए, वहां के हालात का इशारा है कि कत्ल कहीं और करके, लाशों को वहां लाकर ठिकाने लगाया गया है। लाशों को ठिकाने लगाने के लिए गांव में ही जगह चुनना और 17-18 साल के दो किशोरों को कत्ल करके कहीं दूर से लाश वहां ले जाना, किसी आम आदमी के गले नहीं उतरता। फिर, सब कुछ सूंघ लेने वाली पुलिस इस तथ्य को कैसे नजर अंदाज कर सकती है। उसकी पैनी निगाहें, गांव के लोगों में कातिल को तलाशने में लग गईं हैं। बुधवार 26 जनवरी को पुलिस ने गांव के तीन लोगों को उठाकर पूछताछ की है। इसके अलावा एसपी नार्थ ने गांव में ही कैंप लगाया है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक पुलिस की जांच में मौके पर ऐसे कोई साक्ष्य नहीं मिले, जिससे यह साबित हो कि जिस जगह शव दफनाए गए, वहीं पर हत्या की गई हो। यानि, हत्या कहीं और की गई। शव को लाने और दफनाने में काफी समय लगा होगा। अब ऐसे में कोई बाहरी आकर यह नहीं जान सकता है कि गांव में किस समय, उस जगह, जहां लाशें मिलीं गड्ढा खोदा जाए कि किसी की नजर ही ना पड़े। इससे अनुमान है कि कातिल उसी गांव का ही कोई हो सकता है। पुलिस भी मान रही है कि अगर कोई बाहरी हत्या करता तो शव को यहां ठिकाने लगाने के लिए कतई नहीं आता।
रहा कत्ल का कारण तो दोनों परिवार किसी भी दुश्मनी से इंकार कर रहे हैं। कोई यकीन करेगा क्या कि बिना दुश्मनी के दो-दो कत्ल हो गए। ये बात अलग है कि जाहिर दुश्मनी न हो। मगर, किसी ने तो दोनों किशोरों या उनके परिजनों की कोई बात दिल पर ले ही ली होगी, वरना इतना जघन्य कांड कैसे हो सकता। कत्ल करने में जिस तरह की बरर्बता की गई है, उससे साफ है कि कातिल के दिल को कोई ऐसी गहरी चोट लगी है, जो घृणा की इंतहा बनकर दोनों शवों पर चस्पा हो गई है।
प्रेम प्रसंग का एंगल तो नहीं?
इस घृणा का कारण मोहब्बत भी हो सकती है। मारे गए किसी एक किशोर की मोहब्बत या दोनों की कातिल के दिल में नश्तर बनकर उतर गई। और उसी नश्तर को हथियार बनाकर उसने दोनों किशोरों को हलाक कर डाला। हां, एक बात और है, जरूरी नहीं की कातिल दोनों ही किशोरों को मौत के घाट उतारना चाहता रहा हो। संभव है कि एक को मारने के दौरान दूसरे की मौजूदगी रही हो। दूसरा राज न खोल दे, इसी अंदेशे में नाहक ही उसकी जान ले ली गई हो। खैर, ये अनुमान हैं, लेकिन जब भी दोहरे हत्याकांड का राज खुलेगा, ये अनुमान सच के काफी करीब नजर आएंगे। फिलहाल, एसएसपी डॉ. विपिन ताडा का कहना है कि एसपी नार्थ के नेतृत्व में टीम लगी है, सभी बिंदु पर जांच जारी है।
यहां पहले भी हो चुके हैं दोहरे हत्याकांड
- 06 जनवरी 2016 को कौशल व उनके चाचा बलवंत की गोली मारकर हत्या।
- 21 अप्रैल 2018 कचहरी से मुकदमे की पैरवी करके लौट रहे चाचा भतीजे जयहिंद व नागेंद्र की गजाइलकोल में गोली मारकर हत्या।
- 25 मई 2020 को कड़जहां के रहने वाले चचेरे भाइयों की झंगहा थाने के पीछे गोर्रा नदी के किनारे दावत के दौरान दिन दहाड़े गोली मारकर हत्या।
- 28 नवंबर 2021 को झंगहा थाना क्षेत्र में दिन दहाड़े विशाल यादव व उसके चाचा राम किशुन की गोलियों से भूनकर हत्या।