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Young Chief Ministers of India : देश में सबसे कम उम्र में CM बनने वाले नेता कौन थे? युवा मुख्यमंत्रियों की लिस्ट में योगी और भगवंत मान का भी नाम

Janjwar Desk
26 March 2022 6:33 PM IST
Young Chief Ministers of India : देश में सबसे कम उम्र में CM बनने वाले नेता कौन थे? युवा मुख्यमंत्रियों की लिस्ट में योगी और भगवंत मान का भी नाम
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(देश में सबसे कम उम्र में CM बनने वाले नेता कौन थे? युवा मुख्यमंत्रियों की लिस्ट में योगी और भगवंत मान का भी नाम)

Young Chief Ministers of India : यूपी में शुक्रवार (25 मार्च) को मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने वाले योगी आदित्यनाथ भी 50 साल से कम उम्र वाले मुख्यमंत्रियों की लिस्ट में पिछले पांच साल से शुमार हैं.....

Young Chief Ministers of India : 2022 बार के विधानसभा चुनावों (Assembly Elections 2022) के बाद देश में युवा मुख्यमंत्रियों (Young Chief Ministers) की संख्या में एक और इजाफा हुआ है। पंजाब में आम आदमी पार्टी के नए नवेले मुख्यमंत्री भगवंत मान (Bhagwant Mann) 48 साल की उम्र में मुख्यमंत्री बन कर देश में 50 साल के कम उम्र के मुख्यमंत्रियों की लिस्ट में शामिल हो गए हैं। हाल के समय में देखा जाए तो 50 साल से कम उम्र के मुख्यमंत्रियों की संख्या लगातार बढ़ी है. वर्तमान समय में समय देश में छह राज्यों के सीएम 50 वर्ष या उससे कम उम्र के हैं. देश की राजनीति में कुछ समय पहले तक किसी युवा चेहरे का राजनीति के शिखर पर पहुंचकर मुख्यमंत्री का पद संभालना काफी अहम बात हुआ करती थी।

यूपी में शुक्रवार (25 मार्च) को मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने वाले योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) भी 50 साल से कम उम्र वाले मुख्यमंत्रियों की लिस्ट में पिछले पांच साल से शुमार हैं। आइए एक नजर डालते हैं अब देश में बने युवा मुख्यमंत्रियों। हम यह भी जानेंगे कि देश में अब तक कौन सा नेता सबसे कम उम्र में किसी प्रदेश का मुख्यमंत्री बन गया था।

जहां तक हमारे देश में सबसे कम उम्र में मुख्यमंत्री बनने वाले नेता का सवाल है तो वे थे एमओएच फारुक (MOH Farooq)। फारुक साल 1967 में सिर्फ 29 साल की उम्र में ही पुडुचेरी के मुख्यमंत्री बन गए थे। यह अब तक एक रिकॉर्ड है। वहीं शिरोमणि अकाली दल के सुप्रीमो और पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल भी साल 1970 में केवल 43 साल की उम्र में पंजाब के सीएम पद पर आसीन हुए थै।

वर्तमान में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख और कभी कांग्रेस के दिग्गज नेता रहे शरद पवार ने 1978 में 38 साल की उम्र में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद की कमान संभाल ली थी।e पवार जब मुख्यमंत्री बने थे उससे दो चार दिन पूर्व ही उन्होंने राज​नीति में आने की घोषणा की थी। इसकी कहना हम किसी और दिन करेंगे। बात अगर पूर्वोत्तर राज्य असम की करें तो असम गण परिषद के नेता नेता प्रफुल्ल कुमार महन्त साल 1985 में 34 साल की उम्र में असम मुख्यमंत्री चुन लिए गए ​थे।

यहां एक बात और महत्वपूर्ण है कि भाजपा को छोड़कर अन्य ​दलों के जिन नेताओं का कम उम्र में किसी राज्य की कमान संभालने का मौका मिला उनमें ज्यादातर पूर्वजों की राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ा रहे थे। इन्हीं नेताओं पर भाजपा की ओर से समय-समय पर परिवारवाद के आरोपल लगाए जाते रहे हैं। पहले भी इन नेताओं के परिवार से कोई ना कोई सीएम रह चुका था। ऐसे नेताओं की लिस्ट में सबसे पहला नाम आता है जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारुक अब्दुल्ला के बेटे उमर अब्दुल्ला का। साल 2009 में जब उमर अब्दुल्ला ने जम्मू-कश्मीर की कमान मुख्यमंत्री के रूप में संभाली थी तब उनकी उम्र 38 साल थी।

इस लिस्ट में अगला नाम है समाजवादी पार्टी के सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव के बेटे अखिलेश यादव का। वर्तमान में समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव साल 2012 के विधानसभा चुनावों में सपा की जीत के बाद सिर्फ 38 साल की उम्र में देश में राज​नीतिक रूप से सबसे महत्वपूर्ण और सबसे अधिक आबादी वाले राज्य उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बन गए थे. इसके अगले ही साल 2013 में झारखंड में मुख्यमंत्री रह चुके झारखंड मुक्ति मोर्चा के सुप्रीमो शिबू सोरेन के पुत्र हेमंत सोरेन 37 साल की उम्र में झारखंड के बन गए थे। उससे पहले वे प्रदेश में अर्जुन मुंडा की भाजपा-झामुमो गठबंधन सरकार में उपमुख्यमंत्री रह चुके थे।

इसके बाद आंध्र प्रदेश में कभी कांग्रेस के तेजतर्रार मुख्यमंत्री रहे वाईएस राजशेखर रेड्डी के बेटे जगनमोहन रेड्डी साल 2019 में अपने दम पर 46 साल की उम्र में विधानसभ चुनाव जीतकर आंध्र के मुख्यमंत्री बने। उनके पिता वाईएस राजशेखर रेड्डी का मुख्यमंत्री रहते हुए एक हेलिकॉप्टर हादसे में 02 सितंबर 2009 को निधन हो गया था। उनके निधन के बाद जगनमोहन ने कांग्रेस से मतभेदों के बाद जेल भी जाना पड़ा था। उसके बाद जगन ने अपनी अलग पार्टी युवजन श्रमिक रायथू कांग्रेस पार्टी वाईएसआर कांग्रेस बना ली थी।

हालांकि बीते सालों में कई ऐसे नाम भी युवा मुख्यमंत्री के रूप में सामने आए हैं ​जिनकी कोई राजनीतिक विरासत नहीं थी। इनमें सबसे जानामाना नाम आम आदमी पार्टी के अरविंद केजरीवाल का है जो कि पहली बार 45 साल की उम्र में 2013 में कांग्रेस का समर्थन लेकर दिल्ली का मुख्यमंत्री बने थे। बाद में उनकी पार्टी को 2015 के चुनाव में जनता ने बहुमत दे दिया था। 2020 के विधानसभा चुनावों में भी जीत का उनका सफर जारी रहा।

पूर्वोत्तर के एक और राज्य अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू युवा मुख्यमंत्रियों की लिस्ट में शामिल है वे पहली बार सिर्फ 37 साल की उम्र में प्रदेश के मुख्यमंत्री बने थे. वहीं गोवा के वर्तमान मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत की उम्र 48 साल और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की उम्र 46 साल की उम्र में मुख्यमंत्री की कुर्सी संभाल रहे हैं। देश में 50 साल से कम उम्र वाले मुख्यमंत्रियों की लिस्ट में चार मुख्यमंत्री भारतीय जनता पार्टी से, एक आम आदमी पार्टी से, एक वाईएसआर कांग्रेस से और एक झारखंड मुक्ति मोर्चा से हैं।

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