Begin typing your search above and press return to search.
राजनीति

छिबरामऊ के भीषण हादसे में अब तक 23 की मौत और 2 दर्जन से ज्यादा गंभीर, अखिलेश बोले हादसे का कारण योगी सरकार

Prema Negi
11 Jan 2020 6:08 PM IST
छिबरामऊ के भीषण हादसे में अब तक 23 की मौत और 2 दर्जन से ज्यादा गंभीर, अखिलेश बोले हादसे का कारण योगी सरकार
x

दुर्घटना के लिए प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और सपा मुखिया अखिलेश यादव ने योगी सरकार को ठहराया दोषी, कहा पीड़ितों की बच सकती थी जान अगर योगी सरकार ने संकीर्ण राजनीतिक सोच की वजह से सपा सरकार के समय में बने फायर स्टेशन को नहीं करवाया होता बंद, क्योंकि वह फायर स्टेशन था दुर्घटनास्थल से बहुत नजदीक...

मनीष दुबे की रिपोर्ट

जनज्वार। उत्तर प्रदेश स्थित कन्नौज के छिबरामऊ रोड पर ट्रक से टक्कर के बाद जयपुर जा रही स्लीपर बस में शुक्रवार 10 जनवरी की रात को भयानक आग लग गई। आग का कारण टक्कर के बाद ट्रक का फ्यूल टैंक फटकर हाईटेंशन लाइन की चपेट में आ जाना रहा। दमकल की कई गाड़ियों ने बमुश्किल आग पर काबू पाया। इस दुर्घटना में लगभग दो दर्जन की मौत और दो दर्जन लोग गंभीर रूप से घायल हुये हैं।

लकर मरने वालों की संख्या 23 पहुंच चुकी है। गंभीर रूप से झुलसे बस यात्रियों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उनका इलाज चल रहा है। इनमें से भी कई की हालत गंभीर बनी हुई है। बस के अंदर मौजूद जो लोग बुरी तरह जलकर कंकाल बन गये हैं, उनकी डीएनए जांच कराने के बाद ही सही सही पता चल पायेगा कि इस हादसे में कितने लोगों की मौत हुई। उनकी पहचान भी उसी के बाद भी जाहिर हो पायेगी।

स दुर्घटना के लिए प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और सपा मुखिया अखिलेश यादव ने योगी सरकार को दोषी ठहराया है। उन्होंने आरोप लगाया कि लोगों की जान बच सकती थी, अगर भाजपा सरकार संकीर्ण राजनीतिक सोच की वजह से सपा सरकार के समय में बने फायर स्टेशन को बंद नहीं करवाती।

जो फायर स्टेशन योगी सरकार ने बंद करवाया, वह घटनास्थल से महज 10 मिनट की दूरी पर मौजूद था। साथ ही अखिलेश यादव ने कन्नौज अग्निकांड में मारे गए लोगों के प्रति श्रद्धांजलि व्यक्त की तथा उनके परिजनों के प्रति हार्दिक संवेदना प्रकट की।

गौरतलब है कि फरुर्खाबाद की चतुर्वेदी बस सर्विस की एक स्लीपर बस गुरसहायगंज से सवारियां लेकर जयपुर जा रही थी। छिबरामऊ से 5 किलोमीटर दूर घिलोई के बेवर मोड़ के पास बस की भिड़ंत एक ट्रक से हो गई। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक टक्कर का धमाका इतना तेज था कि अगले बगल के कई गांवों के लोग मौके पर पहुंच गए। बस में आग लग जाने के बाद करीब 15-18 यात्री किसी तरह बस से कूदकर अपनी जान बचा सके।

हादसे के वक्त बस में लगभग 60-70 सवारियां थीं। आधिकारिक तौर पर मरने वालों की जो संख्या बताई जा रही है वो 20 है, मगर बस में बैठे और प्रत्क्षयदर्शियों के मुताबिक बस में 70 से अधिक लोग सवार थे, जिसमें लगभग 17-18 लोग कूदकर अपनी जान बचा पाये हैं।

ग इतनी विकराल थी कि मौके पर सैकड़ों ग्रामीणों की भारी भीड़ जुट गई, पर किसी की हिम्मत नहीं हुई कि किसी को बचा सके। फायर बिग्रेड की कई गाड़ियां मौके पर पहुंचीं, तब जाकर देर रात आग पर काबू पाया जा सका। जिले के तमाम आला अधिकारी घटना की सूचना पाकर मौके पर पहुंचे। साथ ही कानपुर रेंज एडीजी प्रेम प्रकाश व आईजी रेंज मोहित अग्रवाल के साथ मंडलायुक्त सुधीर एम बोबडे भी घटनास्थल पर पहुंचे।

हादसे की भयावहता का अनुमान इसी से लगाया जा सकता है, कि स्लीपर कोच बस में फंसे यात्रियों को निकलने तक का मौका नहीं मिल सका। आधिकारिक घोषणा के आधार पर बस में 42 यात्री होने की बात कही जा रही है। कहा जा रहा है कि इनमें से 20 जिंदा जल गए तो 21 झुलसे हुए हैं। मगर यह आधिकारिक दावा यहीं पर खारिज हो जाता है कि 42 यात्रियों में 20 जलकर मर चुके हैं तो 21 का अस्पताल में इलाज चल रहा है। वहीं प्रत्यक्षदर्शी ग्रामीणों के अनुसार 17-18 लोगों ने बस से कूदकर अपनी जान बचाई। आखिर प्रशासन ने उन सवारियों को अपने आंकड़ों में शामिल क्यों नहीं किया, जिन्होंने कूदकर अपनी जान बचायी।

हादसे के बाद बस से कूदकर अपनी जान बचाने वालों में से एक गुरसहायगंज निवासी पंछी कहते हैं, टक्कर के वक्त बस में करीब 100 से अधिक सवार थे। बस खचाखच भरी हुई थी। बस के टकराने के बाद आग लग गई। आग लगने के बाद करीब 18 से 20 लोग बस से कूदकर अपनी जान बचा सके, बाकी सब उसी में जल गए। हालांकि 21 लोग अस्पताल में इलाज करा रहे हैं। कई की हालत गंभीर बनी हुई है।

इसी बस में जलकर खाक हो गयीं 2 दर्जन सवारियां

हादसे में घायल हुए चांदपुर निवासी रण सिंह पुत्र भीम सिंह का कहना है कि हादसे के बाद यूं लगा कि जैसे धरती फट गई हो। सौरिख निवासी रामबाबू पुत्र प्रेमबाबू चौरसिया कहते हैं, हादसे के बाद बस आग की लपटों से घिर गई। अंदर मची चीख पुकार दिल दहला रही थी।

हीं कुतुबपुर निवासी ओमवीर पुत्र सुरेश चंद्र कहते हैं कि हादसे के बाद वहां भीड़ जुट गई थी, पर आग इतनी विकराल थी कि किसी को बचाने की कोई हिम्मत नहीं जुटा सका। नगला जैदी निवासी बृजमोहन कहते हैं, हादसे के बाद हुए विस्फोट को सुनकर रूह कांप गई। वहीं शकील बताते हैं कि हादसे को याद कर कलेजा कांप जा रहा है।

स पूरे मामले में जिलाधिकारी कन्नौज रविन्द्र कुमार कहते हैं, बस में गुरसहायगंज से कुछ लोग चढ़े थे। इसके अलावा कुछ लोग बस में पहले से ही मौजूद थे। बस में कुल 42 सवारियां थी, जिनमें से लगभग 20 लोगों के जलने का अनुमान है। 21 लोगों को राहत कार्य के बाद बचा लिया गया है, जिनका अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया गया है।

हालांकि इस बड़े हादसे के बाद शासन-प्रशासन कुछ भी बयानबाजी करे, कितने भी आंकड़े छुपाए पर देर-सबेर सच सामने आ ही जायेगा। मामला और हादसा इतना बड़ा व दर्दनाक था कि प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ को रात में ही प्रेस कांफ्रेंस करनी पड़ी। हादसे में मरने वालों को मुख्यमंत्री ने 2 लाख रुपये तो सभी घायलों को 50-50 हजार रुपये की धनराशि देने का ऐलान किया है, साथ ही ये कहकर अपनी सरकार का पल्ला झाड़ लिया कि दोनों ही वाहनों में कोई भी वाहन सरकारी नहीं था।

Next Story

विविध