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समाज

आखिर किस कारण असम में NRC का डाटा वेबसाइट से हुआ गायब?

Vikash Rana
12 Feb 2020 8:13 AM GMT
आखिर किस कारण असम में NRC का डाटा वेबसाइट से हुआ गायब?
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31 दिसंबर 2019 से पहले असम में जन्मे और बाहर से आकर असम में रह रहे सभी नागरिकों की अंतिम जानकारी इस वेबसाइट में उपलब्ध थी...

जनज्वार। देश में NRC और CAA के विरोध में लगातार आंदोलन किए जा रहे हैं। वहीं विरोध प्रदर्शन कर रहे लोगों की गिरफ्तारी भी की जा रही हैं। ऐसे में असम में एनआरसी सूची का डाटा आधिकारिक रूप से वेबसाइट से गायब हो गया है। मामले पर केंद्रीय गृहमंत्री ने डाटा गायब होने की खबर को गलत बताया है। उन्होंने कहा तकनीकी कारणों से वेबसाइट नहीं चल पा रही है। डाटा पूरी तरीके से क्लाउड तकनीकी के जरिए सुरक्षित है।

NRC के अधिकारियों ने डाटा गायब होने का कारण आईटी कंपनी विप्रो के साथ कांट्रैक्ट (अनुंबध) को आगे जारी नहीं होना बताया है।नआरसी के अधिकारियों ने कहा कि डाटा गायब होने का कारण आईटी कंपनी विप्रो के साथ कांटेक्ट (अनुंबध) को आगे चालू नहीं किए जाने के कारण कंपनी ने डाटा को वेबसाइट से हटा दिया है।

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न्होंने आगे बताया कि बेवसाइट में भारी मात्रा में डाटा के लिए क्लाउड की सेवा विप्रो के द्वारा मुहैया कराई गई है और कंपनी का सरकार के साथ कांट्रैक्ट पिछले साल अक्टूबर में खत्म हो चुका है। जिसके बाद से विप्रो द्वारा डाटा की सेवा को बंद कर दिया गया है। असम में जन्मे और बाहर से आकर असम में रह रहे प्रवासियों की जानकारी इस वेबसाइट में 31 दिसंबर 2019 को सुप्रीम कोर्ट के समक्ष उपलब्ध कराई गई थी।

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मामले पर NRC के समन्वयक हितेश देव शर्मा का कहना है कि एनआरसी के लिए क्लाउड डाटा की सेवा विप्रो के द्वारा दी जा रही थी। सरकार ने पिछले साल एनआरसी से सह-समन्वयक प्रतीक हजेला के निर्देश में विप्रो कंपनी के साथ अनुबंध किया था, जिसको आगे जारी नहीं रखे जाने के कारण कंपनी ने अपनी सेवा को 15 दिसंबर को बंद कर दिया। मैने एनआरसी के समन्वयक के तौर पर 24 दिसंबर को पदभार संभाला है। अब आगे कंपनी से बात की जा रही है। जल्द ही डाटा वेबसाइट पर उपलब्ध करा दिया जाएगा।

न्होंने बताया कि राज्य समन्वय समिति ने 30 जनवरी की बैठक में आवश्यक औपचारिकताएं करने का फैसला किया था और फरवरी के पहले सप्ताह में विप्रो को पत्र लिखा था। शर्मा ने कहा, 'विप्रो जब डाटा लाइव कर देगा तो डाटा की जानकारी लोगों तक उपलब्ध हो जाएगी। हम आशा करते हैं कि लोग दो-तीन दिनों में यह देख सकेंगे।'

पर असम विधानसभा में विपक्ष के नेता देबब्रत सैकिया ने भारत के महापंजीयक को पत्र लिखते हुए इस विषय को फौरन देखने का अनुरोध किया है। उन्होंने ऑनलाइन डाटा गायब होने को दुर्भावनापूर्ण बताया है।

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