चुनाव हारने के बाद सोशल मीडिया के 'स्टार बॉय' कन्हैया कुमार क्यों हैं गायब
सवाल है कि वर्चुअल दुनिया को छोड़कर क्या कन्हैया जमीनी काम कर रहे हैं, मगर आज के दिनों में बगैर वर्चुअल वर्ल्ड के साथ तालमेल बिठाये क्या राजनीति संभव है...
स्वतंत्र कुमार की रिपोर्ट
जनज्वार। लोकसभा चुनावों से पहले देश में और मीडिया व सोशल मीडिया पर जिस लोकसभा क्षेत्र की सबसे ज्यादा चर्चा थी वो बिहार का बेगूसराय था। इस चर्चा की मुख्य वजह वहां से चुनाव लड़ रहे लेफ्ट पार्टी सीपीआई के युवा नेता एवं जेएनयू छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार थे। उन्हें मीडिया से लेकर सोशल मीडिया ने एक उभरते हुए युवा नेता के तौर पर हाथोंहाथ लिया था।
जेएनयू में हुए विवाद के बाद कन्हैया कुमार देश में जाना-पहचाना नाम बन गए थे और किसी मंच से दिए जाने वाले उनके भाषणों को लोग ऐसे सुनने लगे थे जैसे अन्ना आंदोलन के दौरान अरविंद केजरीवाल को लोग सुनते थे। यूट्यूब, फेसबुक और ट्विटर पर कन्हैया के भाषण के वीडियो को लोग लाखों की संख्या में देखते थे।
समय बीतता गया और लोकसभा चुनाव हुए और वहां से बीजेपी ने बिहार के कद्दावर नेता गिरिराज सिंह के सामने कन्हैया कुमार थे। चुनाव हुए और कन्हैया कुमार चुनाव हार गए। कन्हैया कुमार चुनाव क्या हारे मीडिया के लिए अब वो पोस्टर बॉय नहीं रह गए और सोशल मीडिया से खुद कन्हैया कुमार ने दूरी बना ली है।
कन्हैया के ट्वीटर एकाउंट की बात करें तो उनका लास्ट ट्वीट 26 मई को आया और इसके बाद 27 मई को एक रिट्वीट किया। दिनभर में कई सामाजिक—राजनीतिक मसलों पर तल्ख टिप्पणी कई—कई ट्वीट करते रहे कन्हैया कुमार के तकरीबन साढ़े 7 लाख फॉलोवर हैं। मगर लोकसभा चुनावों के बाद उनका ट्वीटर हैंडल लगभग इनएक्टिव है।
27 मई के बाद उन्होंने लगभग 3 महीने के लंबे अंतराल के बाद देशवासियों को स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं देते हुए ट्वीट किया है और उसके बाद 27 अगस्त को। 28 अगस्त को एक रिट्वीट किया है। कन्हैया कुमार ने जून जुलाई में कोई ट्वीट नहीं किया है। ऐसा क्यों और किसलिए है, यह जानने के लिए उनकी पार्टी से जुड़े कई लोगों से जनज्वार ने बात करने की कोशिश भी की तो ज्यादातर ने बातचीत में यही कहा कि ये सवाल कन्हैया कुमार से ही किया जाना चाहिए कि वे सोशल मीडिया पर क्यों एक्टिव नहीं हैं, उनकी वर्चुअल दुनिया से इस दूरी का कारण क्या है।
इस मामले में जनज्वार द्वारा कन्हैया कुमार से कल 28 अगस्त को बातचीत की कोशिश की गई, तो उनके सहयोगी धनंजय कुमार ने बताया, 'वो भैया से बात करा देंगे, भैया अभी हैं नहीं।' उन्होंने आगे कहा कि रात में या सुबह वो कन्हैया कुमार से बात करवा देंगे, मगर आज जब कोशिश की गई तो कन्हैया कुमार के सहयोगी धनंजय कुमार का मोबाइल स्वीच आफ था।
सोशल मीडिया पर हमेशा एक्टिव रहने वाले कन्हैया कुमार के इनेक्टिव होने पर लोग तरह-तरह की टिप्पणियां कर रहे हैं। कह रहे हैं उनकी पार्टी सीपीआई के महासचिव डी राजा सोशल मीडिया पर नहीं हैं, संभवत: कन्हैया कुमार उन्हीं से इंस्पायर होकर अब ऐसा कर रहे हों।
सोशल मीडिया के जरिए ही ख्यात हुए कन्हैया कुमार की इससे दूरी को लेकर तमाम सवाल उठ रहे हैं। गौरतलब है कि उनके ट्वीटर हैंडल के ट्वीट्स के कंटेंट को लेकर तमाम अखबार, टीवी खबरें बनाते रहे हैं। सवाल ये भी है कि वर्चुअल दुनिया को छोड़कर क्या वे जमीनी काम कर रहे हैं। मगर आज के दिनों में क्या बगैर वर्चुअल दुनिया के साथ तालमेल बिठाये राजनीति संभव है।
जनज्वार की कोशिश है कि इस बारे में कन्हैया कुमार से बात हो पाये और वो सोशल मीडिया से दूरी का कारण बतायें।