नसीरुद्दीन शाह के बाद अब मोहन भागवत हुए भारत में असुरक्षित?
सुरक्षा एजेंसियों ने कहा प्रधानमंत्री मोदी के करीबी और संघ प्रमुख मोहन भागवत जिन्हें जेड प्लस सुरक्षा पहले से मिली है उनकी जान को है देश में खतरा, इसलिए बढ़ाई जाए उनकी सुरक्षा...
जनज्वार। थोड़े दिन पहले ख्यात फिल्म अभिनेता नसीरुद्दीन शाह ने एक साक्षात्कार के दौरान कहा था कि उन्हें अपने बच्चों के लिए आज के भारत में बहुत डर लगता है, पता नहीं कौन कब कौन की गुस्साई भीड़ मेरे घर को घेर ले और पूछे कि तुम हिंदू हो या मुसलमान?
ये दीगर बात है कि इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी भी कह चुके हैं कि उन्हें अपनी जान का खतरा है। अब इस कड़ी में नया नाम संघ सुप्रीमो मोहन भागवत का जुड़ चुका है, जिन्हें पहले से ही जेड प्लस सुरक्षा मिली हुई और 60 से अधिक सीआईएसएफ कमांडो हर वक्त उनकी सुरक्षा में तैनात रहते हैं।
जनसत्ता में प्रकाशित एक खबर के मुताबिक 2019 के चुनावों से पहले आरएसएस सुप्रीमो मोहन भागवत की जान के खतरे को लेकर केंद्रीय और स्टेट एजेंसियों का एक आडिट सामने आया है, जिसमें सुरक्षा एजेंसियों ने राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) के ब्लैक कैट कमांडों में अपग्रेड करने की सिफारिश की। यानी मोदी राज में असुरक्षित आरएसएस सुप्रीमो को अब ब्लैक कैट कमांडो सुरक्षा प्रदान करेंगे।
गौरतलब है कि मौजूदा समय में मोहन भागवत को फिलहाल जो जेड प्लस सुरक्षा मुहैया करायी जा रही है, वह देश की तीसरी सबसे उच्च श्रेणी की सुरक्षा में शामिल है और कद्दावर लोगों को ही यह सुरक्षा मुहैया कराई जाती है। कहा जा रहा है कि सुरक्षा एजेंसियों के इस समीक्षा के बाद कि भागवत को एनसीजी सुरक्षा मुहैया कराई जाए, नॉर्थ ब्लॉक के अधिकारियों ने कहा है कि वह अभी रिपोर्ट की समीक्षा कर रहे हैं और इसके बाद ही इस पर जल्द ही फैसला लिया जाएगा कि भागवत की सुरक्षा को और बढ़ाया जाना है या नहीं।
सुरक्षा एजेंसियों द्वारा दी गई रिपोर्ट में उन घटनाओं का विवरण दिया गया है, जहां—जहां कहा जा रहा है कि मोहन भागवत की सुरक्षा में भारी चूक हुई है।
बकौल सुरक्षा अधिकारियों के मोहन भागवत की सुरक्षा में राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में भारी चूकें सामने आई हैं, जहां उनकी जान तक जा सकती थी। मीडिया में आई खबरों के मुताबिक मोहन भागवत को आतंकी संगठन अलकायदा, आईएस से जान का भारी खतरा है।
सुरक्षा एजेंसियों ने यह रिपोर्ट उस संदर्भ में दी है, जिसमें वह कई भाजपा और आरएसएस के नेताओं पर हमले के खतरों को लेकर समीक्षा कर रही है। सुरक्षा एजेंसियों ने संदर्भ दिया है कि पिछले वर्ष पंजाब में आरएसएस के नेता की हत्या कर दी गई थी, जिसके पीछे आईएसआई का हाथ था। 2017 में दो अज्ञात बाइक सवारों ने लुधियाना में 60 वर्षीय आरएसएस नेता रवींद्र गोसेन पर जानलेवा हमला किया था। आरएसएस नेता ब्रज जगदीश गगनेजा की भी जालंधर में हत्या की गई थी।
मीडिया में आई खबरों के अनुसार कुछ समय पहले तमिलनाडु पुलिस ने छह युवाओं को गिरफ्तार किया था, जिनपर आतंकी संगठन आईएस के साथ कथित संबंधों की बात सामने आई थी। इन युवाओं पर आरोप था कि वे राइट विंग नेताओं पर हमले की काफी समय से तैयारी कर रहे थे।