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टिड्डियों के हमले से यूपी तक अलर्ट और मंत्री जी कहते हैं हम सीमा पर ही निपट लेंगे

Nirmal kant
29 May 2020 2:30 AM GMT
टिड्डियों के हमले से यूपी तक अलर्ट और मंत्री जी कहते हैं हम सीमा पर ही निपट लेंगे
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केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्यमंत्री कैलाश चौधरी ने कहा कि टिड्डी दल को अगली बार राजस्थान स्थित देश के सीमावर्ती इलाकों में दस्तक देते ही खत्म कर दिया जाएगा। इसके लिए केंद्र सरकार ने पुख्ता बंदोबस्त कर लिया है...

जनज्वार। टिड्डियों के हमले से इस समय दुनिया के करीब 50 देश प्रभावित हैं। ऐसे में भारत भी अब इससे अछूता नहीं रह गया है। टिड्डी हमलों ने पहले राजस्थान, मध्यप्रदेश में दस्तक दी, इसके बाद उत्तर प्रदेश में भी इसको लेकर अलर्ट कर दिया गया। सरकार की ओर से इसको निपटने के लिए कितनी तैयारी है, इसको लेकर केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्यमंत्री कहते हैं कि टिड्डियों को अब देश की सीमा में घुसने नहीं दिया जाएगा।

कैलाश चौधरी ने आईएएनएस से खास बातचीत में कहा कि टिड्डी दल को अगली बार राजस्थान स्थित देश के सीमावर्ती इलाकों में दस्तक देते ही खत्म कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि इसके लिए केंद्र सरकार ने पुख्ता बंदोबस्त कर लिया है।

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चौधरी ने बताया, 'भारत सरकार ने इंग्लैंड से खास तरह की 60 मशीनें खरीदी हैं, जिनसे रसायन का छिड़काव करके टिड्डियों का खात्मा किया जा सकता है। इनमें से 15 मशीनें अगले महीने 11 या 12 जून को देश में आ जाएंगी और इसके बाद 15-20 मशीनें 20-21 जून तक आ जाएंगी और बाकी मशीनों के भी जून के आखिर तक आने की संभावना है।'

न्होंने कहा कि इसके अलावा हेलीकॉप्टर और ड्रोन से छिड़काव करने का भी प्रबंध किया गया है। मोदी सरकार के युवा मंत्रियों में शुमार कैलाश चौधरी ने बताया, 'आज हमने टिड्डी नियंत्रण को लेकर कुछ कंपनियों से भी बातचीत की है और छिड़काव के लिए आवश्यक केमिकल्स का भी स्टॉक कर लिया गया है।'

दुनिया में सबसे पुराना और खतरनाक माइग्रेटरी पेस्ट यानी कीट है जो पूर्वी अफ्रीका से चलकर ईरान, अफगानिस्तान और पाकिस्तान के रास्ते भारत में प्रवेश करता है। कृषि वैज्ञानिक इसे पौधों का प्लेग कहते हैं जो करोड़ों की तादाद में एक झुंड में चलता है और एक दिन में 150-200 किलोमीटर का सफर तय करता है।

पिछले साल से ही देश में टिड्डियों के आने का सिलसिला तेज हो गया है। पिछले साल, इस पर काफी हद तक नियंत्रण किया गया, लेकिन इस साल मानसून के आगमन से पहले ही टिड्डियां दस्तक दे चुकी हैं और देश के मध्यवर्ती इलाके पंजाब और मध्यप्रदेश व महाराष्ट्र तक पहुंच चुकी हैं। यहां तक की देश की राजधानी दिल्ली पर भी इसके हमले का खतरा मंडरा रहा है।

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कृषि राज्यमंत्री से जब पूछा गया कि इस बार भी राजस्थान की सीमा पर टिड्डियों का रोका जा सकता था लेकिन ऐसा नहीं हुआ, इसकी क्या वजह रही? कैलाश चौधरी ने कहा कि इसके लिए राजस्थान की कांग्रेस सरकार के असहयोगात्मक रवैया जिम्मेदार रहा है। उन्होंने कहा, 'केंद्र सरकार ने राजस्थान सरकार को इसके लिए 14 करोड़ रुपए की राशि दी और जरूरी संसाधन उपलब्ध कराया लेकिन सरकार ने उसका समय पर इस्तेमाल नहीं किया।'

न्होंने कहा, 'रेगिस्तानी इलाके में छिड़काव की जिम्मेदारी भारत सरकार की है, जबकि कृषि भूमि में छिड़काव करने की जिम्मेदारी प्रदेश सरकार की है। राजस्थान की सरकार ने अब तक इस दिशा में कोई सक्रियता नहीं दिखाई।' कैलाश चौधरी ने कहा कि इस बार टिड्डी दल भले देश की सीमा में प्रवेश कर गया है, लेकिन अगली बार पर यह दस्तक देगा तो सीमा पर भी इसे खत्म कर दिया जाएगा, जिसके लिए भारत सरकार ने पूरी तैयारी कर ली है।

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