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मराठी कीर्तनकार इंदुरीकर महाराज ने बेटा पैदा करने का सुझाया फार्मूला
इंदुरीकर महाराज का सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा बयान, इंदुरीकर महाराज ने कहा- बेटा पैदा करने के लिए एक खास समय पर करें संभोग, महाराष्ट्र अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति ने की मामला दर्ज करने की मांग..
जनज्वार ब्यूरो। महाराष्ट्र के मराठी कीर्तनकार इंदुरीकर महाराज के खिलाफ महाराष्ट्र अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति (एमएएनएस) ने पीएनडीटी एक्ट के तहत मामला दर्ज कराने की शिकायत पुलिस को दी है। समिति के अध्यक्ष अविनाथ पाटिल ने बताया कि इंदुरिकर ने एक बयान दिया जिसके जरिए प्रसर्व पूर्व लिंगनिर्धारित करने की तरीका सुझाया गया है। इसमें उन्होंने बताया कि बेटा पैदा करने के लिए एक खास समय पर संभोग करना चाहिए।
उनका यह बयान सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि यदि अशुभ समय पर पति पत्नी संभोग करते हैं तो पैदा होने वाला बच्चा परिवार के लिए अशुभ होता है। इंदुरिकर ने यह बात अहमदनगर जिले के एक गांव में अपने कीर्तन के दौरान बोली।
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महिला विरोध और अवैज्ञानिक है यह बात
महाराष्ट्र में अंधविश्वास के खिलाफ लोगों को जागरूक करने वाली समिति एमएएनएस ने इस पर सख्त आपत्ति दर्ज करायी है। समिति के अध्यक्ष अविनाथ पाटिल ने कहा कि यह बयान 'अवैज्ञानिक, गैरजिम्मेदार, महिलाओं के लिए अपमानजनक, और कानून और संविधान के खिलाफ हैं'। इसलिए ऐसा बयान देने के वाले के खिलाफ ठोस कार्यवाही होनी चाहिए।
कन्या भ्रूण हत्या रोकने और देश में गिरते लिंगानुपात पर रोक लगाने के लिए पीएनडीटी एक्ट बनाया गया। इस एक्ट के प्रावधान है कि किसी भी माध्यम से प्रसव पूर्व लिंग निर्धारण करना अपराध है जबकि इंदुरिकर दावा कर रहे हैं कि कैसे बेटा पैदा किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि इसलिए उनके खिलाफ तुरंत कार्यवाही होनी चाहिए।
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अंधविश्वास को दे रहे बढ़ावा
इंदुरिकर के बयान की सभी ने कड़ी आलोचना की है। उन्हें समाज में अंधविश्वास फैलाने वाला बताया गया है। इस तरह की भ्रांति फैलाकर वह लोगों को गुमराह कर रहे हैं जबकि ऐसा कुछ भी नहीं होता। विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह की बातों में रत्तीभर भी सच्चाई नहीं होती। जिस तरह से इंदुरिकर दावा कर रहे हैं इस तरह से बेटा-बेटी पैदा नहीं होते।
बाद में अपने बयान पर बवाल उठता देख कर इंदुरिकर ने माफी मांगी है। आलोचना के बाद बैकफुट पर आए बाबा ने कहा कि बीते 26 सालों में कीर्तन कार्यक्रमों में उन्होंने अंधविश्वासों के खिलाफ ही काम किया है लेकिन अगर किसी को ठेस पहुंची हो तो वे माफी मांगते हैं। बाबा ने अपने बचाव में यह भी कहा कि कुछ लोग उनके समाज के प्रति कार्य को लेकर नाराज हैं और उन्हें बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं।