दलित लेखक कांचा इलैया से सार्वजनिक मंचों पर जाने का अधिकार छीना
कांचा इलैया को पुलिस ने दी चेतावनी, करेंगे जनसभा तो भुगतना पड़ेगा खामियाजा...
जनज्वार, हैदराबाद। पुलिस ने आंध्र के दलित लेखक कांचा इलैया को घर में नजरबंद कर उनसे सार्वजनिक मंचों पर जाने का अधिकार छीन लिया है। कल पुलिस ने उन्हें उस समय घर से निकलने से रोक दिया जब वह आंध्र प्रदेश की राजधानी हैदराबाद के अपने घर से विजयवाड़ा में एक बैठक को संबोधित करने जा रहे थे। पुलिस अधिकारियों को आदेश था कि जैसे ही कांचा अपने आवास से बाहर निकलें, उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाए।
पिछले दिनों कांचा अलैया उस समय विवादों में आए थे जब उनकी वैश्य समुदाय पर तेलगू में लिखी पुस्तिका 'समाजिका स्मगल्लेरू कोमाटोलू' लोगों के हाथ में आई थी। पुस्तिका में आर्य वैश्य समुदाय को सामाजिक तस्कर कहा गया है।
वैश्य और ब्राह्मण समुदाय के लोगों का आरोप था कि लेखक ने पुस्तिका में वैश्य और ब्राह्मण समाज का चरित्रहनन किया है। इन समुदायों के लोगों ने पुस्तिका को प्रतिबंधित किए जाने और लेखक को गिरफ्तार किए जाने की मांग की थी। 'आर्य वैश्य ब्राह्मण एक्य वेदिका' नाम के संगठन, जो कि आर्य वैश्य और ब्राहण समुदायों की संयुक्त समिति है, ने कांचा इलैया को चेतावनी दी है कि यदि वह विजयवाड़ा जाकर जनसभा करेंगे तो उन्हें इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा।
पुलिस ने कहा कि हमने कांचा इलैया को दो कारणों से सभा को संबोधित करने जाने की अनुमति नहीं दी। एक तो उनकी जान खतरा था और दूसरा निषेधाज्ञा लागू होने की वजह से रैली—सभा की विजयवाड़ा में अनुमति नहीं है।