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दिल्ली

20 हजार गेस्ट टीचर को केजरीवाल नहीं देंगे 2 महीने का वेतन, लॉकडाउन में बिना सेलरी के कैसे चलेगा शिक्षकों का घर

Manish Kumar
7 May 2020 6:06 AM GMT
Delhi News : सत्येंद्र जैन के बाद अब मनीष सिसोदिया हो सकते है गिरफ्तार, झूठे केस में फंसाकर जेल भेजने की तैयारी - CM केजरीवाल का बड़ा दावा
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शिक्षा निदेशालय, दिल्ली सरकार द्वारा 5 मई को निकाले गए एक आदेश में कहा गया है कि अतिथि शिक्षकों को केवल 8 मई तक का ही वेतन दिया जाएगा...

जनज्वारः दिल्ली के स्कूलों में कार्यरत करीब 20 हजार अतिथि शिक्षकों को दिल्ली सरकार के एक आदेश के बाद निराश है. दरअसल दिल्ली सरकार के नए आदेश के मुताबिक गेस्ट टीचर्स को अब सिर्फ 8 मई तक का ही वेतन दिया जाएगा.

शिक्षा निदेशालय, दिल्ली सरकार द्वारा 5 मई को निकाले गए एक आदेश में कहा गया है कि अतिथि शिक्षकों को केवल 8 मई तक का ही वेतन दिया जाएगा और गर्मियों की छुट्टियों में उन्हें भुगतान तभी किया जाएग जब उनकी सेवाएं ली जाएंगी.

ऑल इंडिया गेस्ट टीचर्स एसोसिशएन ने शिक्षा निदेशालय के आदेश का विरोध किया है. एसोसिएशन ने उपराज्यपाल अनिल बैजल को एक पत्र लिखकर मांग की है कि कोरोना संकट के बाद उपजी परिस्थतियों और लॉकडाउन को देखते हुए अतिथि शिक्षकों को 8 महीने के बाद स्कूल खुलने तक नियमित वेतन दिया जाए.

गेस्ट टीचर्स को लेकर शिक्षा निदेशालय का आदेश...

एससोसिएशन के पदाधिकारी शोएब राणा ने कहा, 'दिल्ली में काम कर रहे ज्यादा अतिथी शिक्षक दूसरे राज्यों के वह यहां किराए पर रहते हैं लॉकडाउन के दौरान वे अपने घर नहीं जा सकते. अब उन्हें यही रहना है तो घर का किराया और दूसरे तमाम खर्च बिना सेलरी के कैसे पूरे होंगे.'

उन्होंने कहा, 'एक तरफ तो सरकार खुद कह रही है लॉकडाउन में किसी की नौकरी न जाए, किसी की सेलरी न काटी जाए और दूसरी तरफ अतिथि शिक्षकों को सेलरी नहीं देने जा रही है.'

राणा ने कहा कि इससे पहले की गर्मियों की छुट्टियों में एक्सट्रा क्लासेज और मिशन बुनियाद जैसे कार्यक्रमों में लगभग 70 प्रतिशत गेस्ट टीचरों को बुला लिया जाता था लेकिन लॉकडाउन में स्कूलों में ऐसी गतिविधियां होने की उम्मीद बहुत कम है. ऐसे में हमारा कहना है कि शिक्षकों को उनका पूरा वेतन दिया जाए ताकि लॉकडाउन के दौरान उनके सामने रोजी-रोटी का संकट न खड़ा हो जाए.

वहीं दूसरी तरफ सामाजिक कार्यकर्ता और वकील अशोक अग्रवाल ने कहा, यह सही है लॉकडाउन का वक्त बिना सेलरी के काटना किसी के लिए भी बहुत मुश्किल है, सरकार को मानवीय आधार पर एक बार इस फैसले पर सोचना चाहिए.

गेस्ट टीचर्स को दो महीनों की छुट्टियों का वेतन नहीं देने की नीति पर ही सवाल उठाते हुए कहा, यह नीति ही गलत है कि गेस्ट टीचर्स को गर्मियों की छुट्टियों का वेतन न दिया जाए, इस पर सोचा जाना चाहिए.'

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