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राजनीति

छत्तीसगढ़ पुलिस अ​पराधियों को बचाने में लगी थी, लेकिन बेला भाटिया ने खुद सबूत पेश कर दिया अदालत में

Janjwar Team
20 Jan 2018 4:27 PM GMT
छत्तीसगढ़ पुलिस अ​पराधियों को बचाने में लगी थी, लेकिन बेला भाटिया ने खुद सबूत पेश कर दिया अदालत में
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एक साल पहले 23 जनवरी 2017 को सामाजिक कार्यकर्ता बेला भाटिया के परपा स्थित मकान में गुंडों द्वारा किए हमले के मामले में छत्तीसगढ़ पुलिस को अदालत में पानी—पानी होना पड़ा है...

जनज्वार, बस्तर। छत्तीसगढ़ पुलिस के जांच अधिकारियों ने अदालत में 16 जनवरी को क्लोजर रिपोर्ट दाखिल कर कहा कि बेला भाटिया हमले के मामले में न अपराधियों की पहचान हो पा रही है और न उस गाड़ी का पता चल पा रहा है, जिस पर सवार होकर बेला के घर परपा गांव पहुंचे थे। पुलिस ने अदालत से कहा कि अब इस मामले को बंद कर दिया जाए। लेकिन अदालत ने बेला भाटिया का पक्ष सुनने के बाद पुलिस की क्लोजर रिपोर्ट को किनारे करते हुए इस मामले की अगली तारीख 16 जनवरी दे दी है।

गौरतलब है कि बेला भाटिया का मामला तब प्रकाश में आया था जब साल भर पहले 23 जनवरी 2017 की दोपहर बस्तर के परपा गांव में बेला भाटिया के घर पर 30 लोगों भीड़ पहुंची और उनमें से एक आदमी ने आगे बढ़ कहा, 'काट दूंगा, बस्तर छोड़ दो'. पिछले 2 दशक से बस्तर में आदिवासी अधिकारों के लिए संघर्ष से जुड़ी बेला को यह धमकी पहली बार नहीं दी गयी थी, पर इस धमकी के बाद उन्हें अपना घर छोड़ दूसरी जगह रहने को मजबूर होना पड़ा था।

घटना हाईप्रोफाइल सामाजिक कार्यकर्ता बेला भाटिया से जुड़े होने के कारण देश की मीडिया ने प्राथमिकता के साथ इस पर ध्यान दिया। बेला भाटिया चर्चित अर्थशास्त्री ज्यां द्रेज की पत्नी हैं। इस मामले में राष्ट्रीय स्तर पर किरकिरी होने के बाद राज्य के सीएम रमन सिंह ने घटना को संज्ञान में लेकर आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई करने पुलिस को आदेश दिए थे।

मामला हाईप्रोफाइल होने के कारण पुलिस ने तत्काल मुकदमा तो कायम कर लिया लेकिन बेला भाटिया द्वारा घटना स्थल पर मौजूद आरोपियों की तस्वीर तथा अपराध में उपयोग किए वाहन का दस्तावेज पुलिस को सौंपें जाने के बावजूद पुलिस एक साल तक आरोपियों की धरपकड़ नहीं कर सकी। उल्टे मामले में आरोपी अज्ञात हैं, कहते हुए कोर्ट में क्लोजर रिपोर्ट पेश कर दी।

ऐसे में बेला भाटिया ने अपना पक्ष रखते हुए अदालत के समक्ष सबूत पेश किए। सीजेएम अच्छेलाल काछी ने बेला भाटिया का पक्ष सुनने के बाद पुलिस को नोटिस जारी किया है जिसमें इस मामले के दोनों विवेचकों यानी जांच अधिकारियों को 16 फरवरी को अदालत में पेश होने का आदेश दिया है। 16 को ही अदालत तय करेगी कि इस मामले को क्लोज किया जाए या ट्रायल चलाया जाए।

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