Begin typing your search above and press return to search.
बिहार

नीतीश सरकार का प्रवासी मजदूरों को साफ संदेश, जो लोग ट्रेन से आएं अपनी जेब से भरें टिकट का पैसा

Nirmal kant
3 May 2020 7:00 AM IST
नीतीश सरकार का प्रवासी मजदूरों को साफ संदेश, जो लोग ट्रेन से आएं अपनी जेब से भरें टिकट का पैसा
x

छात्रों के लिए चलने वाली ट्रेन का खर्च राज्य सरकारें वहन कर रही हैं। ऐसे में अब सवाल यह उठने लग गया है कि मजदूरों के लिए चलने वाली ट्रेन का किराया क्यों लिया जा रहा है...

जनज्वार ब्यूरो। कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए दूसरा लॉकडाउन समाप्त हो चुका है। इसके साथ ही पाबंदियों में थोड़ी ढील दी गई है। इसके साथ ही शनिवार को श्रमिकों के लिए देशभर में विशेष ट्रेनें चलाई गईं लेकिन इस बात पर बहस होनी शुरु हो गई है कि मजदूरों के टिकट का पैसा कौन देगा। क्योंकि लॉकडाउन की वजह से उनके पास जो पैसे थे भी वो भी खत्म हो गए हैं।

स बीच दक्षिण भारतीय राज्यों खासकर त्रिवेंद्रम में यात्रियों ने शिकायत की कि ट्रेन में चढ़ने से पहले उनसे पैसा लिया जा रहा है। वहीं बिहार सरकार ने भी साफ कर दिया है कि ट्रेन से आने वाले लोगों को अपनी जेब से ही किराया चुकाना होगा। बिहार सरकार के आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमत ने इस संबंध में साफ किया कि केंद्र सरकार का निर्देश है कि यात्रियों को अपने किराये का पैसा देना होगा।

संबंधित खबर : देश में अब तक का टूटा रिकॉर्ड, 24 घंटों में कोरोना के लगभग ढाई हज़ार नए मामले

ता दें कि छात्रों के लिए चलने वाली ट्रेन का खर्च राज्य सरकारें वहन कर रही हैं। ऐसे में अब सवाल यह उठने लग गया है कि मजदूरों के लिए नियम क्यों बदले जा रहे हैं।

क दिन पहले ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कोरोनावायरस संक्रमण को काबू करने के लिए देशभर में लागू लॉकडाउन के कारण दूसरे राज्यों में फंसे हुए प्रवासी मजदूरों, छात्र-छात्राओं, श्रद्धालुओं, पर्यटकों एवं अन्य लोगों के आवागमन को लेकर केन्द्र सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों में छूट दिए जाने का स्वागत किया था।

नीतीश ने इस छूट के लिए केन्द्र सरकार का धन्यवाद करते हुए कहा था कि ये निर्णय उपयुक्त एवं स्वागत योग्य है। उन्होंने कहा था, ‘यह हमारा आग्रह था और उस पर केन्द्र सरकार ने सकारात्मक निर्णय लिया है। इससे बड़ी संख्या में दूसरे राज्यों में फंसे हुए बिहार आने के इच्छुक प्रवासी मजदूरों, छात्र-छात्राओें, श्रद्धालुओं, पर्यटकों तथा अन्य लोगों को यहां आने में सुविधा होगी और उन्हें बड़ी राहत मिलेगी।'

संबंधित खबर : गरीबों को रोज 20 रुपए का खाना देने में अक्षम है सरकार, लेकिन 20,000 करोड़ की संसद बनाने पर हो गयी राजी

मुख्यमंत्री ने कहा था कि केन्द्र सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का अनुपालन जनहित में है और सबको इसका पालन करना चाहिए। उन्होंने कहा कि बिहार सरकार ने इस मामले में केन्द्र सरकार द्वारा आपदा प्रबंधन अधिनियम के अन्तर्गत जारी दिशा-निर्देशों का हमेशा अनुपालन किया है। कोरोना वायरस पर चर्चा के लिए गत 27 अप्रैल को प्रधानमंत्री के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में नीतीश ने कहा था कि राजस्थान के कोटा में कोचिंग संस्थानों में बिहार के छात्र भी बड़ी संख्या में पढ़ते हैं।

Next Story

विविध