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मुजफ्फरपुर कांड : टैबलेट खिलाकर होता था बलात्कार, होश आने पर नहीं रहते थे बच्चियों के शरीर पर कपड़े

Prema Negi
28 July 2018 10:50 AM GMT
मुजफ्फरपुर कांड : टैबलेट खिलाकर होता था बलात्कार, होश आने पर नहीं रहते थे बच्चियों के शरीर पर कपड़े
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बलात्कार पीड़ित एक बच्ची कहती है, रवि रौशन ने बालिका गृह के रसोई घर में मेरे साथ बलात्कार किया। बलात्कार के बाद उसने रसोई घर में रखे चाकू से मेरे हाथ को बुरी तरह जख्मी कर दिया। मैं जब जब इस निशान को देखती हूं, मेरा रोम-रोम सिहर उठता है...

जनज्वार, पटना। बिहार के मुजफ्फरपुर में बालिका आश्रय गृह में बच्चियों के साथ दरिंदगी पार ​करते हुए जो हैवानियत हुई, वह आजकल मीडिया की सुर्खियों में है। हो भी क्यों नहीं क्योंकि आश्रयगृह में बच्चियों के साथ जो दरिंदगी की गई, वो रोंगटे खड़े करने वाली है।

मीडिया में आई खबरों के मुताबिक मुजफ्फरपुर बाल संरक्षण पदाधिकारी रवि रौशन के खिलाफ बच्चियों ने ऐसे—ऐसे बयान दिये हैं जिन्हें सुन रवि रौशन के इंसान होने पर भी शर्म आती है। गौरतलब है कि मुजफ्फरपुर बालिका गृह मामले में अब तक 42 में से 34 बच्चियों के साथ रेप की पुष्टि हो चुकी है।

मुजफ्फरपुर एसएसपी हरप्रीत कौर कहती हैं, बालिका गृह की 42 में से 34 बच्चियों से बलात्कार की बात सामने आ चुकी है। गौरतलब है कि पीएमसीएमच की जांच रिपोर्ट के मुताबिक पहले 29 बच्चियों से रेप की बात कही जा रही थी।

बिहार की नीतीश सरकार इस मामले में सीबीआई जांच के आदेश दे चुकी है। मुजफ्फरपुर के बाल संरक्षण पदाधिकारी रहे रवि रौशन के खिलाफ बच्चियों ने जो बयान दिये हैं, उनके आधार पर इस मामले में पुलिस ने रवि रौशन के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर दी है। रवि रौशन की पत्नी के बयान के बाद समाज कल्याण मंत्री मंजू वर्मा के पति पर भी बच्चियों के बलात्कार मामले में संलिप्तता उजागर हुई है।

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एनडीटीवी में प्रकाशित खबर के मुताबिक, रीता (काल्पनिक नाम) ने बताया कि' रवि रौशन सर एक दिन गृह में काउंसिलिंग के लिए आए थे। उस दिन चंदा आंटी मुझे नीचे रवि रौशन सर के पास लेकर गई। वहां जाने के बाद चंदा आंटी ने मुझे टैबलेट खाने को दिया, जिसे खाकर मैं बेहोश हो गई। जब मुझे होश आया तो शरीर पर कपड़े नहीं थे, और मेरे साथ बलात्कार हुआ था। मोकामा लाते वक्त रवि रौशन सर ने मुझे मुजफ्फरपुर की कोई भी घटना किसी से बताने से मना कर दिया था।

वहीं संगीता (काल्पनिक नाम) ने बताया, रवि रौशन सर ने मेरे साथ भी बलात्कार किया। मुझे चंदा आंटी रवि रौशन सर के पास लेकर गई, जहां उसने मेरे साथ गलत काम किया। मैंने जब विरोध किया तो उसने मुझे लात और थप्पड़ से मारा। बलात्कार के दौरान उसने मेरे सीने को अपने नाखून से नोच डाला। वह कभी कभी बियर की बोतल भी अपने साथ लाता था और बच्चियों को पिलाता था।

बलात्कार की शिकार हुई रानी (काल्पनिक नाम) बोल नहीं सकती इसलिए उसने इशारों में बताया- मैं भी यौन हिंसा का शिकार हुई हूं। जब रानी से पूछा गया कि उसके साथ किसने यौन हिंसा की तो उसने रवि रौशन की तस्वीर की तरफ इशारा करके अपनी आपबीती बताई।

काजल (काल्पनिक नाम) कहती है, रवि रौशन ने बालिका गृह के रसोई घर में मेरे साथ बलात्कार किया। बलात्कार के बाद उसने रसोई घर में रखे चाकू से मेरे हाथ को जख्मी कर दिया। मैं जब जब इस निशान को देखती हूं, मेरा रोम-रोम सिहर उठता है।

इनके अलावा एनडीटीवी ने कुछ और बालिका आश्रय गृहों का सच भी सामने रखा है। मशाल बालिका गृह (आशा किरण) आवासित बच्चियों की आपबीती के बारे में भी रिपोर्ट में लिखा है। मशाल की नेहा (काल्पनिक नाम) ने बताया, मेरे साथ कौन रेप करता था, उसका नाम नहीं मालूम। रोज रात को भोजन के बद आंटी मुझे कीड़े मारने की दवा कहकर टैबलेट खाने को देती थी, जिसे खाने के बाद मैं बेहोश हो जाती थी। जब मैं सुबह जागती थी तो शरीर के अंदरूनी हिस्सों में काफी दर्द महसूस होता था और कुछ कपड़े खुले हुए मिलते थे।

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वहीं इसी आश्रय गृह की बच्ची चंदा (काल्पनिक नाम) बताती है, मुझे भी रोज रात को भोजन के बद आंटी कीड़े मारने की दवा कहकर टैबलेट खाने को देती थी, जिसे खाने के बाद मैं बेहोश हो जाती थी। जब मैं सुबह जागती थी तो शरीर के अंदरूनी हिस्सों में काफी दर्द महसूस होता था और कुछ कपड़े खुले हुए मिलते थे।

निशांत बालिका आश्रय गृह में आवासित बच्चियों की आपबीती भी एनडीटीवी ने लिखी है। निशात की मनोरमा (काल्पनिक नाम) बताती है, लड़कियों को छोटे-छोटे कपड़े पहनाकर नचवाया जाता था। इसमें बाहर के भी कई लोग शामिल होते थे, जिनमें रवि रौशन भी हुआ करता था। जब हम नाचने का विरोध करते, तो वह हमें पीटते थे।

वहीं बच्ची रबीना खातून (काल्पनिक नाम) कहती है, मेरा भी बलात्कार हुआ. जिन लोगों ने मेरा बलात्कार किया, उन लोगों से रवि रौशन मिला हुआ था। रवि रौशन लड़कियों के डांस प्रोग्राम में आता था। वहां शराब पीकर डांस देखता था। अगर हम में से कोई मना कर देती थी, तो वह उसे पीटता था। रवि हमेशा गलत काम करने के इरादे से घूरता था और गलत तरीके से हम लड़कियों को छूता था।

रजनी (काल्पनिक नाम) रवि रौशन की तस्वीर को देखकर कहती है, मैं इस तस्वीर को अच्छे से पहचानती हूं, इसने हमारे साथ रहने वाली एक मंदबुद्धि लड़की को मीना आंटी के कमरे में ले गया। उसका वहां मुंह में कपड़ा ठूंसकर बलात्कार किया। मैंने ये सब खिड़की से लगी जाली से देखा। रवि मुझे भी गलत तरीके से छूता था। उसने बलात्कार के बाद एक बच्ची की हत्या भी की थी।

बालिका गृह रेप कांड में स्तब्ध करने वाली खबर यह भी है कि यहां रखी गई 42 नाबालिग लड़कियों में से छह गर्भवती हो गई थीं, जिनमें से तीन का अबॉर्शन भी करवाया गया था, जिसका खुलासा मेडिकल जांच में हुआ है। मेडिकल जांच में यह भी पता चला कि गर्भवती हुई लड़कियों की उम्र सात से 14 वर्ष के बीच है।

ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट के सामने दर्ज बयान में दस वर्ष की एक पीड़िता ने जो बताया वह उनके दर्द को बयां करने के लिए काफी है। बच्ची ने बताया सूरज ढलते ही बालिका गृह की लड़कियों के बीच दहशत फैल जाती थी। रातें आतंक की तरह बीतती थीं। दस वर्षीय एक और पीड़िता ने बताया कि कहना नहीं मानने वाली लड़कियों की वह डंडों से पिटाई करता था। 14 साल की एक अन्य पीड़िता कहती है, बृजेश के बालिका गृह आते ही कई लड़कियां तो डर से कांपने लग जाती थीं। उसे बच्चियां हंटरवाला अंकल कहती थीं।

कोर्ट के सामने सात साल की एक पीड़ित बच्ची ने यह भी बताया कि रेप के दौरान उसके हाथ पैर बांध दिए जाते थे। विरोध करने पर तीन दिन तक भूखा रखा जाता था और बेरहमी से पिटाई होती थी। बृजेश ठाकुर से माफी मांगने और उसके सामने सरेंडर करने पर ही खाना दिया जाता था। सात साल की एक लगभग गूंगी पीड़िता कहती है, उसे दो दिन भूखा रखा गया और वह हार गई। उसके साथ लगातार प्रताड़ना और बलात्कार के बाद हालत इतनी खराब हो गई कि वह कई दिन तक चल—फिर तक नहीं पाई।

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