भाजपा सरकार ने कहा किसानों का कर्ज माफ करने की नहीं कोई जरूरत
प्रधानमंत्री मोदी के गृहराज्य गुजरात के उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल कहते हैं किसानों का कर्ज माफ करने की नहीं कोई जरूरत, तो दूसरी तरफ टाटा के फेल हो चुके मॉडल नैनो को कम ब्याज पर दिए गए 33 हजार करोड़ रुपए के लोन की करते हैं वकालत
अहमदाबाद, जनज्वार। एक तरफ प्रधानमंत्री मोदी किसानों के हित में तमाम दावे—वादे करते रहते हैं, ये अलग बात है कि वो सिर्फ हवा—हवाई होते हैं, उसी के उलट उनके गृहराज्य गुजरात में उनके दावों की सरेआम धज्जियां और किसानों का उपहास सरेआम उनके उपमुख्यमंत्री महोदय उड़ा रहे हैं।
विधानसभा में चले प्रश्नोत्तर काल के दौरान कांग्रेस के विधायकों की बात का जवाब देते हुए उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल ने कहा कि किसानों का कर्ज माफ करने की कोई जरूरत नहीं है।
नितिन पटेल ने कहा किसानों का कर्ज इसलिए माफ नहीं किया जाना चाहिए क्योंकि हमारे प्रदेश के किसान दिवालिया नहीं हैं। यह बात नितिन पटेल ने उस दौरान कही जब कांग्रेस विधायक किसानों के कर्ज माफ करने की मांग विधानसभा में कर रहे थे।
नितिन पटेल ने कहा कि हमारे राज्य में किसान हर साल सहकारी बैंकों से 20 हजार करोड़ लोन लेकर 95 फीसदी कर्ज चुका देते हैं, इसलिए कर्जमाफी की यहां कोई जरूरत नहीं है।
इसके उलट गुजरात के प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भरत सिंह सोलंकी ने एक आंकड़ा पेश करते हुए कहा कि गुजरात के किसान 24,000 करोड़ रुपए के कर्ज में डूबे हुए हैं। बीजेपी सरकार किसान विरोधी है। भाजपा ने उर्वरकों तक पर 5 फीसदी टैक्स लगाया हुआ है।
गृह मंत्रालय की एक रिपोर्ट के मुताबिक पिछले तीन सालों के दौरान गुजरात में 1,483 किसानों ने भाजपा सरकार की नीतियों से आजिज आकर मौत को गले लगाया है। सोलंकी ने एक आंकड़ा साझा करते हुए कहा कि किसान विरोधी भाजपा सरकार किसानों को नए बिजली कनेक्शन तक नहीं दे रही है, नए बिजली कनेक्शन के लिए आए तकरीबन 85 फीसदी आवेदन पेंडिंग पड़े हैं। इससे साफ—साफ पता चलता है कि बीजेपी किसानों की नहीं पूंजीपतियों की हितैषी है।
जहां किसानों के हित में भाजपा सरकार यह कहती है कि किसानों का कर्ज माफ करने की कोई जरूरत नहीं है क्योंकि किसान दिवालिया नहीं हुए हैं, वहीं पूंजीपतियों के हितों में नए—नए कानून लाती रहती है।
सोलंकी ने नितिन पटेल को कटघरे में खड़ा करते हुए सवाल उठाया कि मुख्यमंत्री विजय रूपानी व्यापारी हैं, इसलिए किसानों की दुर्दशा उन्हें समझ में नहीं आती, सिर्फ पूंजीपतियों के हित समझ में आते हैं, मगर उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल तो किसान के बेटे हैं उन्हें किसानों का दर्द क्यों नहीं समझ में आता। गुजरात के किसानों को कोई कर्ज नहीं है, यह कहना उनकी संवेदनहीनता का चरम है।
विपक्ष द्वारा यह सवाल उठाने पर कि एक तरफ तो सरकार किसानों की कर्जमाफी की जरूरत नहीं है जैसे किसान विरोधी बयान देती है और दूसरी तरफ टाटा नैनो को बहुत कम ब्याज पर 33 हजार करोड़ का लोन देती है, को खारिज करते हुए उपमुख्यमंत्री ने कहा कि टाटा को 33 हजार करोड़ नहीं सिर्फ 584.82 करोड़ रुपए लोन दिया गया है। टाटा को कम ब्याज दर पर कर्ज जरूर दिया गया है, मगर नैनों के आने से गुजरात में मोटर उद्योग को विस्तार मिला है।
गौरतलब है कि यह कुतर्क नितिन पटेल तब दे रहे हैं जबकि नैनो का मॉडल पूरी तरह फेल हो गया है।