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आगरा मॉब लिंचिंग में 200 लोगों पर केस दर्ज और 9 की गिरफ्तारी, बच्चा चोरी के शक में पीटा था युवक और विक्षिप्त महिला को

Prema Negi
9 Aug 2019 4:55 AM GMT
आगरा मॉब लिंचिंग में 200 लोगों पर केस दर्ज और 9 की गिरफ्तारी, बच्चा चोरी के शक में पीटा था युवक और विक्षिप्त महिला को
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बच्चा चोरी की अफवाह फैलने पर एक युवक को बुरी तरह पीटा आगरा में भीड़ ने, इससे पहले आगरा में ही एक बुजुर्ग विक्षिप्त महिला को बच्चा चोरी के आरोप में लोगों ने जमकर पीटा था और उसे थाने तक घसीटकर ले गयी थी भीड़...

जनज्वार। मॉब लिंचिंग की घटनायें दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही हैं। सोशल नेटवर्किंग साइट्स वाट्सअप और फेसबुक पर फैलाई जाने वाली अफवाह ऐसी घटनाओं में और बढ़ोत्तरी का काम कर रही हैं।

न्मादी भीड़ द्वारा हो रहे ऐसे जघन्य कांडों को रोकने के लिए सरकार तमाम ट्रेनिंग कैंप चलाने और उन्हें कड़ी सजा देने की वकालत करती है, मगर जमीनी स्तर पर इसका कोई असर नहीं हो रहा। अगर लिंचर्स पर सरकार कड़ी कार्रवाई करती तो देश में इतनी बड़ी तादाद में मॉब लिंचिंग की घटनायें सामने नहीं आतीं।

मॉब लिंचिंग की ऐसी ही एक घटना 7 अगस्त को आगरा में हुई, जिसमें लोगों ने बच्चा चोरी की अफवाह फैलने पर एक युवक को बुरी तरह पीटा गया। इससे पहले आगरा में ही एक बुजुर्ग विक्षिप्त महिला को बच्चा चोरी के आरोप में लोगों ने जमकर पीटा था। न केवल पीटा बल्कि उसे थाने तक भीड़ घसीटते हुए ले गयी थी।

स मामले में पुलिस ने 200 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। घटना की जांच कर रही पुलिस का कहना है कि वीडियो फुटेज के आधार पर आरोपियों की पहचान कर उन पर कड़ी कार्रवाई की जायेगी।

मीडिया में आई खबरों के मुताबिक इससे पहले यहां 60 वर्षीय मानसिक रूप से विक्षिप्त महिला को आगरा में ही बच्चा चोर की अफवाह फैलने पर पीट—पीटकर लोगों ने लहूलुहान कर दिया था। इस मामले में पुलिस ने 9 लोगों को गिरफ्तार किया है। बुजुर्ग महिला की हालत बहुत बिगड़ गयी थी।

मॉब लिंचिंग मामले की जांच कर रहे आगरा सर्कल ऑफिसर (सदर) विकास जायसवाल ने मीडिया से कहा कि 200 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है। पुलिस घटना के वीडियो फुटेज की मदद से मॉब लिंचिंग के आरोपियों की पहचान कर रही है। पहचान होने के बाद पुलिस आरोपियों को गिरफ्तार करेगी और उनके खिलाफ एक्शन लिया जायेगा।

कौल जायसवाल मॉब लिंचिंग की ऐसी घटनायें सामने न आयें, इसके लिए स्थानीय पुलिस आम लोगों के बीच जन—जागरूकता बढ़ाने का प्रयास कर रही है। उन्हें समझाया जा रहा है कि अफवाहों के आधार पर खुद से कोई लिंचिंग न करें, बल्कि पुलिस को उसके बारे में सूचित करें। बच्चों को चुराने से संबंधित किसी भी गतिविधि के मामले में शक होने पर लोग पुलिस को सूचना दें।

गौरतलब है कि सरकार के तमाम दावों और वादों के बावजूद देश में मॉब लिंचिग की घटनाओं का सिलसिला जारी है। कहीं अंधविश्वास, कहीं दलित उत्पीड़न, कहीं गोकशी और कहीं सांप्रदायिक के नाम पर भारत में मॉब लिंचिंग की घटनाओं ने कीर्तिमान स्थापित कर लिया है। झारखंड, मध्य प्रदेश, बिहार तो इस समय मॉब लिंचिंग की घटनाओं में टॉप पर बने हुए हैं। यहां समय-समय पर भीड़ का अमानवीय चेहरा सामने आता रहता है।

जानकारी के मुताबिक 7 अगस्त को आगरा के थाना शाहगंज के नगला छऊआ रेलवे लाइन किनारे पर मॉब लिंचिंग की पहली घटना सामने आयी। यहां बच्चा चोरी की अफवाह फैलने पर भीड़ ने एक युवक को बेरहमी से पीटा। भीड़ ने उसे इतनी बुरी तरह लहूलुहान कर दिया कि बेहोशी की हालत में पड़ा युवक पुलिस को अपनी पहचान तक नहीं बता पाया।

हीं आगरा में ही मॉब लिंचिंग की एक दूसरी घटना थाना शमशाबाद इलाके में सामने आयी। यहां भी भीड़ ने एक 60 वर्षीय बुजुर्ग विक्षिप्त महिला को बच्चा चोर की अफवाह फैलने पर न केवल बुरी तरह पीटा, बल्कि उसके दोनों हाथ पकड़कर सड़क पर काफी दूर तक घसीटकर भीड़ उसे थाने ले गयी।

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