देहरादून। बीजेपी के आला नेता और केंद्र के वरिष्ठ काबीना मंत्री वेंकैया नायडू ने प्रदेश की अपनी ही बीजेपी के सरकार के कामकाज पर सवाल उठा दिया है। गुरुवार 29 जून को उन्होंने मुख्यमंत्री की ही उपस्थिति में केंद्रीय योजनाओं में उत्तराखंड की स्थिति पर सवाल उठाए।
उन्होंने केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय की योजनाओं की प्रगति पर गहरा असंतोष व्यक्त जताया। साथ ही विभागीय अफसरों को दो दिन का गहन प्रशिक्षण देकर उन्हें लक्ष्य आवंटित करने को कहा है। उन्होंने सीधे तौर पर विकास योजनाओं की प्रगति को लेकर 100 दिन के कार्यप्रदर्शन पर असंतोष व्यक्त किया।
सुभाष रोड स्थित एक होटल में शहरी और आवास विभाग की समीक्षा बैठक के बाद आयोजित पत्रकार वार्ता में केन्द्रीय शहरी विकास, सूचना एवं प्रसारण मंत्री एम वेंकैया नायडू ने उत्तराखंड में सरकार गठन के तीन महीने बाद भी विकास कार्यों की प्रगति न होने पर चिन्ता जताते हुए अधिकारियों को चेतावनी दी है।
राज्य के बेहतर विकास के लिए एक स्मार्ट अधिकारी की नियुक्ति शीघ्र ही किए जाने के प्रति प्रदेश की जनता को आश्वस्त किया है। उन्होंने कहा कि हर राज्य के नगर निकाय अपने एक्शन प्लान रखें। इसी के अंतर्गत अगले तीन सालों के लिए राज्य के एक्शन प्लान को स्वीकृति दी गई है।
केंद्र की विकास योजनाओं को अमलीजामा पहनाने के लिए राज्य की स्थिति ठीक नहीं है। योजनाओं को लेकर उत्तराखंड की स्थिति काफी पिछड़ी है। योजनाओं को धरातल पर उतारने के लिए अफसरों को अपनी कार्यप्रणाली में सुधार लाना होगा।
उन्होंने कहा कि शहर के हालात देखकर उनका चयन स्मार्ट सिटी के लिए होता है, दून के लोगों के कारण ही शहर को स्मार्ट सिटी की सूची में स्थान मिल सका है। उन्होंने कहा कि एलईडी लाइट योजना में उत्तराखंड काफी पीछे है, इसमें सुधार लाए जाने की जरूरत है।
केंद्रीय मंत्री ने वार्ता में उन्होंने साफ किया कि अब आबादी और पिछड़ेपन की बजाय केंद्रीय अनुदान प्रदर्शन के आधार पर ही मिलेगा। असल में केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय के अफसर बुधवार 28 जून से ही देहरादून में डेरा डालकर यहां के काम की समीक्षा कर रहे हैं। इसी कड़ी में गुरुवार को नायडू ने मुख्यमंत्री के साथ समीक्षा की।
नायडू ने कहा कि इस तरह वे 22वें राज्य उत्तराखंड आए हैं और वे हर राज्य की गहन समीक्षा कर हाथों-हाथ मांग भी पूरी करते जा रहे हैं। इससे पहले मुख्यमंत्रीगण और उनके अफसर इस काम के लिए दिल्ली के चक्कर लगाया करते थे। केवल कार्य की समीक्षा ही नहीं, वे पैसा भी साथ लाए हैं और वह सरकार को सौंप दिया गया है।
उन्होंने बताया कि राज्य में अटल शहरी परिवर्तन मिशन (अमृत), स्वच्छ भारत मिशन और दीन दयाल अन्त्योदय योजना के अंतर्गत गुरुवार को 51.14 करोड़ रुपये की धनराशि स्वीकृत की गई है। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत और शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक तथा स्थानीय अधिकारियों के साथ की गई समीक्षा बैठक के बाद यह स्वीकृति प्रदान की गई है।
नायडू ने कहा नरेन्द्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने से पहले राज्य सरकार बिना किसी अध्ययन के प्रस्ताव केन्द्र को भेज देते थे, जिससे कार्यों में अनावश्यक विलंब होता था। अब वर्तमान सरकार ने राज्यों को पर्याप्त अधिकार देते हुए राज्य और केन्द्र सरकारों के बीच उत्पन्न खाई को समाप्त करने का कार्य किया है।
केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में स्टेट एक्शन प्लान को बनाए गए हैं, जिसके अंतर्गत, राज्य स्वयं अपने विकास के लिए तीन वर्ष की परियोजना तैयार करेंगे। केन्द्र ने विकेन्द्रीकरण की दिशा में कार्य किया है, ताकि केन्द्र और राज्य दोनों मिलकर काम करें, जिससे विकास कार्य में गति आएगी।
स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट पर बोलते हुए केन्द्रीय मंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि अब उत्तराखंड इस परियोजना को आगे बढ़ानेे के लिए सर्वोच्च कमेटी ‘स्पेशल परपज व्हीकल‘ (एसपीवी) का शीघ्र गठन कर आम जनता के इस स्वप्न को साकार करने के लिए तेज गति से कार्य करेगा।