Begin typing your search above and press return to search.
राजनीति

CAA होर्डिंग्स प्रकरण में योगी सरकार ने कोर्ट में दाखिल की सुनवाई टालने की अर्जी

Prema Negi
17 March 2020 1:33 PM IST
CAA होर्डिंग्स प्रकरण में योगी सरकार ने कोर्ट में दाखिल की सुनवाई टालने की अर्जी
x

योगी सरकार ने पोस्टर लगाने को वैध करार देने का अध्यादेश जारी कर कोर्ट के आदेश का अनुपालन करने से बचने का रास्ता खोज लिया है...

जेपी सिंह की रिपोर्ट

जनज्वार। नागरिकता संशोधन कानून यानी CAA के विरोध प्रदर्शन में हिंसा के दौरान संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के आरोपितों के फोटो वाले होर्डिंग्स तथा पोस्टर्स के मामले में राज्य सरकार ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में सुनवाई टालने के लिए अर्जी दाखिल की है। सोमवार 16 मार्च को हड़ताल होने के कारण इस पर सुनवाई नहीं हो सकी।

यह भी पढ़ें : CAA विरोधी प्रदर्शनकारियों की चौराहे पर होर्डिंग लगाने पर हाईकोर्ट हुआ सख्त, सरकार से मांगा जवाब

त्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने उच्चतम न्यायालय में राज्य सरकार की एसएलपी व राज्य सरकार के जारी अध्यादेश के आधार पर इलाहाबाद हाईकोर्ट से फिलहाल सुनवाई टालने की अर्जी दाखिल की है। चीफ जस्टिस गोविन्द माथुर और जस्टिस रमेश सिन्हा की खंडपीठ ने फोटो सार्वजनिक स्थानों पर प्रदर्शित करने को निजता के अधिकार का उल्लंघन करार देते हुए पोस्टर तत्काल कटाने का निर्देश दिया था, जिसमें 16 मार्च को अनुपालन रिपोर्ट के साथ हलफनामा दाखिल करने पर याचिका निस्तारित होने का आदेश दिया था।

यह भी पढ़ें : पूर्व IPS ने कहा चौराहे पर पोस्टर लगाकर हमारी मॉब लिंचिंग करवाना चाहती है योगी सरकार

योगी सरकार ने इस आदेश को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी है, जिसे वृहद पीठ को भेज दिया गया है। राज्य सरकार ने पोस्टर लगाने को वैध करार देने का अध्यादेश जारी कर कोर्ट के आदेश का अनुपालन करने से बचने का रास्ता खोज लिया है। अनुपालन रिपोर्ट न दाखिल कर सरकार ने हलफनामा दाखिल करने के लिए अतिरिक्त समय की मांग की है।

गौरतलब है कि नागरिकता संशोधन कानून यानी CAA के विरोध में लखनऊ सहित प्रदेश के एक दर्जन शहरों में हिंसा तथा तोड़फोड़ करने के आरोपितों के फोटो होर्डिंग्स तथा पोस्टर्स में लगाने के मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेकर प्रदेश सरकार को 16 मार्च को अनुपालन रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया था। उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 16 मार्च तक सीएए के खिलाफ हुए हिंसक प्रदर्शन के सभी आरोपियों के फोटो वाले होर्डिंग्स तथा पोस्टर्स को हटाने का निर्देश दिया था। हाईकोर्ट ने इस प्रकरण में लखनऊ के जिलाधिकारी तथा पुलिस कमिश्नर को तलब भी किया था।

यह भी पढ़ें : यूपी की तर्ज पर दिल्ली दंगों के नुकसान की वसूली किससे करेगी मोदी सरकार?

लाहाबाद हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस गोविंद माथुर ने होर्डिंग्स तथा पोस्टर्स के मामले का स्वत: संज्ञान लेते हुए 9 मार्च रविवार को पोस्टर हटाकर 16 मार्च को अनुपालन रिपोर्ट देने का आदेश दिया था। उनके इस निर्देश के खिलाफ यूपी सरकार सुप्रीम कोर्ट पहुंची थी। वहां पर सुप्रीम कोर्ट की डबल बेंच ने हाईकोर्ट के आदेश पर रोक तो नहीं लगाई, लेकिन मामला बड़ी बेंच को रेफर कर दिया था।

Next Story

विविध