एलटी ग्रेड भर्ती परीक्षा-2018 पेपर लीक में 6 आरोपितों की अग्रिम जमानत की अर्जी कोर्ट ने की खारिज
एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती परीक्षा पेपर लीक मामले में एसटीएफ जांच में खलल डालने वालों को हाईकोर्ट से लगा बड़ा झटका, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मामले की जांच कर रही एसटीएफ की कार्रवाई पर रोक लगाने से किया इन्कार....
जनज्वार। एलटी ग्रेड भर्ती परीक्षा-2018 पेपर लीक मामले के छह आरोपितों की अग्रिम जमानत अर्जी वाराणसी की विशेष न्यायाधीश (भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम चतुर्थ) रामचंद्र की अदालत ने मंगलवार 6 अगस्त को खारिज कर दी।
उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की एलटी ग्रेड भर्ती परीक्षा-2018 के पेपर लीक मामले का एसटीएफ ने खुलासा किया था। एसटीएफ इंस्पेक्टर ने 11 नामजद लोगों के खिलाफ चोलापुर थाने में केस दर्ज कराया था। इस प्रकरण में कोलकाता निवासी कौशिक कुमार को 27 मई को गिरफ्तार किया गया। वहीं तत्कालीन उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की तत्कालीन परीक्षा नियंत्रक अंजू लता कटियार को 30 मई को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया।
इस मामले में आरोपित जौनपुर निवासी अजीत कुमार व अजय कुमार चौहान, चोलापुर निवासी शैलेन्द्र कुमार सिंह, गाजीपुर निवासी प्रभुदयाल सिंह यादव, पश्चिम बंगाल के आसनसोल निवासी गणेश व रंजीत ने अग्रिम जमानत अर्जी कोर्ट में दाखिल की थी। जिस पर सुनवाई के बाद कोर्ट ने अर्जी को खारिज कर दिया। मामले में निलंबित परीक्षा नियंत्रक अंजू लता कटियार की जमानत अर्जी हाईकोर्ट से भी खारिज हो चुकी है।
इस बीच एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती परीक्षा 2018 के पेपर लीक मामले में एसटीएफ जांच में खलल डालने वालों को हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मामले की जांच कर रही एसटीएफ की कार्रवाई पर रोक लगाने से इन्कार कर दिया है।
उत्तर प्रदेश लोकसेवा आयोग (यूपीपीएससी) को अब एसटीएफ को जांच के लिए दस्तावेज देना होगा। कोर्ट ने एसटीएफ द्वारा दस्तावेजों की मांग को विशेषाधिकार का हनन मानते हुए नोटिस की वैधता को चुनौती देने वाली याचिका खारिज कर दी है।
यह आदेश न्यायमूर्ति जेजे मुनीर तथा न्यायमूर्ति अनिल कुमार की खंडपीठ ने यूपीपीएससी के सचिव की ओर से दाखिल याचिका पर दिया है। शासकीय अधिवक्ता शिवकुमार पाल, अपर शासकीय अधिवक्ता पतंजलि मिश्र व दीपक मिश्र ने सरकार की ओर से बहस की। कोर्ट ने कहा है कि घपले की जांच जनहित का मामला है, जिस पर हस्तक्षेप नहीं किया जा सकता।
एलटी ग्रेट शिक्षक भर्ती परीक्षा में पेपर लीक मामले की जांच कर रही एसटीएफ ने परीक्षा नियंत्रक डॉ. अंजूलता कटियार को गिरफ्तार किया था। जांच आगे बढ़ाने के लिए एसटीएफ ने यूपीपीएससी से कुछ दस्तावेजों की मांग करते हुए नोटिस दिया। इस नोटिस की वैधता को यूपीपीएससी ने यह कहते हुए कोर्ट में चुनौती दी कि यह उसके विशेषाधिकारों का उल्लंघन है। एसटीएफ को अधिकारियों का उत्पीड़न करने से रोका जाए, क्योंकि आयोग ने गोपनीय दस्तावेज देने से इन्कार कर दिया है।
हाईकोर्ट ने कहा कि प्राथमिकी से स्पष्ट है कि आयोग में सबकुछ सही नहीं है। इसकी समीक्षा होनी चाहिए, जिससे आयोग की विश्वसनीयता कायम रखी जा सके। कोर्ट ने कहा है कि कई भर्ती परीक्षाओं की शुचिता संदिग्ध है, ऐसे में एसटीएफ की कार्रवाई पर हस्तक्षेप करना उचित नहीं है।
इस पर यूपीपीएससी ने कोर्ट में स्वीकार किया कि वह दस्तावेज दिखा सकते हैं, लेकिन गोपनीयता सार्वजनिक न होने पाए। फिलहाल जांच एजेंसी को आयोग के निर्णयों की तह तक जाने का रास्ता मिल गया है।