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राजनीति

ट्वीटर पर दलित महिलाओं को 59 प्रतिशत ज्यादा पड़ती हैं गालियां, सामान्य जाति की महिलाओं से

Nirmal kant
18 Feb 2020 2:52 AM GMT
ट्वीटर पर दलित महिलाओं को 59 प्रतिशत ज्यादा पड़ती हैं गालियां, सामान्य जाति की महिलाओं से
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जनज्वार। एमनेस्टी इंटरनेशनल की एक नई स्टडी रिपोर्ट 'टोल पेट्रोल इंडिया : एक्सपोजिंग ऑनलाइन अब्यूज फेस्ड बाई वुमेन पॉलिटिशियंस इन इंडिया' में पाया है कि भारतीय महिला राजनेताओं के लिए प्रत्येक सात में से एक या 13.8 प्रतिशत ट्वीट्स अपमानजनक और आपत्तिजनक थे। इस स्टडी के लिए भारत की 95 महिला राजनेताओं के 114,716 से अधिक ट्वीट्स शामिल किए गए। स्टडी रिपोर्ट कहती है कि ब्रिटेन और संयुक्त राज्य अमेरिका में भी इसी तरह महिला राजनेताओं के लिए 7.1 प्रतिशत ट्वीट्स आपत्तिजनक या अपमानजनक थे।

स्टडी आगे बताती है कि हाशिए की जातियों की महिलाओं को सामान्य जातियों की महिलाओं की तुलना में 59 प्रतिशत अधिक जतातिवादी और टिप्पणियां मिली। ट्विटर हाशिए की जातियों से ताल्लुक रखने वाली महिला राजनेताओं को उनकी जाति के आधार भेदभावपूर्ण और उपेक्षा की जाति है और उनके समुदाय को नीचा दिखाने के लिए निशाना बनाया जाता है। मुस्लिम महिलाओं को अन्य धर्मों की महिलाओं की तुलना में 94.1% अधिक धर्म आधारित अपमानजनक और आपत्तिजनक कंटेंट मिला।

स्टडी रिपोर्ट बताती है कि साल 2019 में जब लोकसभा चुनाव हुए तो मार्च और मई के बीच में मुस्लिम महिला राजनेताओं के खिलाफ 20.8 प्रतिशत समस्याग्रस्त या अपमानजनक ट्वीट्स थे जबकि हिंदू महिला राजनेताओं के खिलाफ 12.8 प्रतिशत समस्याग्रस्त और अपमानजनक ट्वीट्स थे। रिपोर्ट कहती है कि कुल मिलाकर मुस्लि महिला राजनेताओं को अन्य धर्मों की महिलाओं की तुलना में 55.5 प्रतिशत अधिक समस्याग्रस्त या अपमानजनक कंटेंट मिला है।

स्टडी रिपोर्ट से पता चलता है कि सत्तारुढ़ भाजपा की राजनेताओं की तुलना में अन्य राजनीतिक दलों की महिला राजनेताओं को 56.7 प्रतिशत अधिक आपत्तिजनक और अपमानजनक कंटेंट मिला। कांग्रेस की महिला राजनेताओं को भाजपा की तुलना में 45.3 प्रतिश अधिक अपमानजनकर और समस्याग्रस्ट कंटेंट मिला।

स विश्लेषण में अन्य पार्टियों से आम आदमी पार्टी, एआईडीएमके, डीएमके, तृणमूल कांग्रेस, बहुजन समाज पार्टी, वाम दल, राजद, शिरोमणि अकाली दल, शिवसेना और समाजवादी पार्टी को शामिल किया गया। स्टडी में आगे पाया गया कि जिन महिला राजनेताओं की वर्तमान में शादी नहीं हुई (विधवा, तलाकशुदा, अलग या अविवाहित समेत) को विवाहित महिला नेताओं की तुलना में 40.6 प्रतिशत आपत्तिजनक और 31 प्रतिशत समस्याग्रस्त अधिक ट्वीट मिले। स्टडी रिपोर्ट में कहा गया है, अविवाहित महिलाओं को यौन दुर्व्यवहार या गलतफहमी के 13.9 प्रतिशत अधिक ट्वीट्स मिले।

स्टडी में पाया गया कि महिला राजनेताओं को अन्य भाषाओं की तुलना में हिंदी में अधिक में 26.9 प्रतिशत अधिक समस्याग्रस्त या अपमानजनक ट्वीट्स ( इसमें 27.7% अधिक समस्याग्रस्त और 24.6% अधिक अपमानजनक कंटेंट) मिले। इसमें आगे तमिल को छोड़कर सभी भाषाओं में समस्याग्रस्त और अपमानजनक सामग्री के अनुमानित अनुपात को दिखाया गया है।

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