डीएसपी आत्महत्या कांड में कर्नाटक के मंत्री पर केस दर्ज
डीएसपी ने आरोप लगाया था कि उनके वरिष्ठ पुलिस अधिकारी उन्हें चर्च से संबंधित एक केस में क्लीनचिट देने के लिए पैसों की मांग कर रहे थे, जिसे उन्होंने तकरीबन सात साल पहले देखा था...
बेंगलुरु। कर्नाटक में जुलाई 2016 में एक पुलिस अधिकारी ने खुदकुशी की थी, उस मामले में सीबीआई द्वारा कर्नाटक सरकार के एक मंत्री पर एफआईआर दर्ज कर ली गई है। मंत्री के अलावा दो आईपीएस अधिकारियों पर भी डीएसपी सुसाइड मामले में केस दर्ज किया गया है।
गौरतलब है कि डीएसपी कौशलप्पा गणपति ने जुलाई 2016 में खुदकुशी कर ली थी। 52 वर्षीय गणपति ने जिस दिन आत्महत्या की थी, उस दिन एक टीवी चैनल को साक्षात्कार दिया था, जिसमें उन्होंने कहा था कि उनके दो वरिष्ठ अधिकारी और एक मंत्री उनका उत्पीड़न कर रहे हैं। अगर मेरे साथ कोई भी अनहोनी हुई तो इसके लिए यही तीनों जिम्मेदार होंगे।
हालांकि तब दोनों आईपीएस अधिकारियों और मंत्री महोदय का नाम का खुलासा नहीं हुआ था। मगर सालभर से भी ज्यादा का वक्त बीत जाने के बाद अब सीबीआई जांच में कर्नाटक सरकार में मंत्री केजे जॉर्ज और दो आईपीएस अधिकारियों प्रणब मोहंती और एएम प्रसाद पर केस दर्ज किया गया है। फिलहाल प्रणब मोहंती बेंगलुरु में आईजी लोकायुक्त हैं जबकि एएम प्रसाद एडीजीपी स्टेट इंटेलिजेंस के पद पर अपनी सेवाएं दे रहे हैं।
डीएसपी सुसाइड केस में सीबीआई की ओर से मंत्री केजे जॉर्ज पर केस दर्ज हो जाने पर विपक्ष ने इसे भुनाना शुरू कर दिया है। विपक्षी पार्टियां राज्य में सत्तासीन कांग्रेस सरकार पर दबाव बना रहे हैं कि वे जल्द से जल्द केजे जॉर्ज को मंत्री पद से बर्खास्त करें।
कर्नाटक में बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री रहे बीएस येदियुरप्पा ने भी सीबीआई द्वारा मंत्री के खिलाफ केस दर्ज करने के बाद उन्हें कैबिनेट से हटाए जाने की मांग की है।
इतना ही नहीं, विपक्षी दलों ने कांग्रेस सरकार पर दबाव बनाना शुरू कर दिया है कि अगर सिद्धारमैया सरकार ने आरोपी केजे जॉर्ज को मंत्री पद से नहीं हटाया तो भाजपा इसके खिलाफ राज्य स्तर पर आंदोलन करेगी।
गौरतलब है कि डीएसपी सुसाइड केस में जांच कर रही मेंगलुरु पुलिस ने कहा कि जांच में यह बात सामने आई कि गणपति सुसाइड करने के कुछ दिन पहले से काफी परेशान थे। हालांकि उन्होंने यह किसी को भी नहीं बताया कि वो किस वजह से परेशान थे, मगर अपने सुसाइड नोट में उक्त मंत्री और आईपीएस अधिकारियों को उन्हेांने अपनी मौत के लिए जिम्मेदार ठहराया था।
सुसाइड नोट में गणपति ने आरोप लगाया था कि उनके पुलिस अधिकारी उन्हें चर्च से संबंधित एक केस में क्लीनचिट देने के लिए पैसों की मांग कर रहे थे, जिसे उन्होंने तकरीबन सात साल पहले देखा था।