- Home
- /
- जनज्वार विशेष
- /
- दिल्ली अनाज मंडी में...
दिल्ली अनाज मंडी में भीषण आग से 46 लोगों की मौत का चश्मदीदों ने बताया आंखों देखा हाल
दिल्ली के अनाज मंडी में इमारत में भीषण आग लगने से अबतक 46 लोगों की मौत, 11 दिसंबर की सुबह लगी थी आग, परिजनों और चश्मदीदों ने इस दर्दभरी घटना का आंखों देखा हाल साझा किया..
जनज्वार। राजधानी दिल्ली के बीचों बीच में स्थित रानी झांसी रोड पर चार मंजिला फैक्ट्री में रविवार 8 दिसंबर की सुबह लगी भीषण आग में 46 मजदूरों की मौत हो गई थी। दिल्ली पुलिस ने फैक्ट्री के मालिक रेहान और मैनेजर के खिलाफ भारतीय दंड सहिता की धारा 304 के तहत मामला दर्ज कर उन्हें हिरासत में ले लिया गया है।
दिल्ली के अनाज मंडी स्थित जिस इमारत में रविवार सुबह आग लगी थी वहां पहुंचे एनडीआरएफ के दल ने बताया था कि इमारत में जहरीली कार्बन मोनोऑक्साइड गैस भर गई थी जिसके चलते इमारत में लगी आग की वजह से कम से कम 43 लोगों की मौत हो गई थी।
संबंधित खबर : दिल्ली के रानी झांसी रोड स्थित अनाज मंडी में लगी भीषण आग, 43 लोगों की मौत
अग्निश्मन सेवा के अधिकारियों ने बताया कि 600 वर्ग गज के क्षेत्र में फैले इस भवन में सिर्फ एक दरवाजा था। अग्निशमन विभाग के कर्मियों को फंसे हुए लोगों को बचाने के लिए खिड़की की ग्रिल और जाली काटनी पड़ी थी। संकरी गलियों में एक बार में केवल एक गाड़ी भेजी जा सकती थी जिस कारण आग को काबू करने में समय लग गया
मामले को लेकर स्थानीय निवासी शादाब ने जनज्वार को बताया कि 4:30 बजे के करीब हम लोगों को आग लगने का पता चला। आग बिल्डिंग के तीसरी मंजिल में लगी हुई थी जिसमे कुछ मजदूर सो रहे थे। गली संकरी होने के कारण अग्निशमन के लोग अंदर नहीं आ पा रहे थे जिस कारण आग को बुझाना मुश्किल हो गया था।
संबंधित खबर : पुणे में 15 मजदूरों की मौत के लिए बिल्डर जिम्मेदार, रेजिडेंट्स ने 5 महीने पहले ही किया था आगाह
शादाब आगे बताते हैं, 'स्थानीय लोगों के द्वारा फंसे हुए लोगों को निकालने की कोशिश की जा रही थी, मगर बिल्डिंग में धुंआ इतना ज्यादा था कि बिल्डिंग के अंदर जाना मुश्किल हो रहा था। इसके बाद अग्निशमन के अधिकारियों ने आग को बुझाना शुरु कर दिया था। बिल्डिंग के अंदर लोगों के चिल्लाने की आवाज आ रही थी। उन्होंने बताया कि बिल्डिंग में आग शार्ट सर्किट के कारण लगी थी।'
मामले को लेकर अवधेश सिंह कहते है कि हादसे में मेरे भतीजे राहुल की मौत हो गई है। वह यहां पिछले 6 महीने से काम कर रहा था। मुझे सुबह मेरे गांव से फोन आया था कि अनाज मंडी में आग लग गई है जिसके बाद मैने अपने भतीजे राहुल से बात करनी चाही लेकिन उसको फोन नहीं लग रहा था जब आज सुबह में यहां पहुंचा तो मुझे राहुल के मरने की खबर यहां पर मिली अब मैं उसका शव लेने अस्पताल जा रहा हूं।
संबंधित खबर : JNU - फीस बढ़ोत्तरी के खिलाफ आंदोलनरत छात्रों पर दिल्ली पुलिस ने किया लाठीचार्ज, राष्ट्रपति से करने जा रहे थे मुलाकात
मोहम्मद हैदर अली बताते है कि शनिवार की सुबह मेरे भाई का मुझे फोन आया जिसमें उसने बताया कि फैक्ट्री मे आग लग गई है मुझे लगा छोटी आग लगी होगी। जिसके बाद मैंने उसको वहां से भागने के लिए कहा लेकिन उसने रोते हुए कहा कि मेरा दमघुट रहा है में यहां से नहीं निकल पाउंगा। जब मैं घटना स्थल पर पहुंचा तो आग काफी ज्यादा लगी हुई थी लेकिन अग्निशमन के कोई अधिकारी आग के अंदर नहीं जा रहे थे ना ही किसी को जाने दे रहे थे।
हैदर आगे बताते हैं, 'इसके बाद अंदर गया तो दो लोगों को आग से निकाल कर लाया लेकिन तब तक मेरे भाई और दो लोग जो मेरे गांव के थे उनकी मौत हो चुकी थी। अस्पताल वालों ने भी डैड बॉडी देने की बात की थी लेकिन अब वह बॉडी देने से भी मना कर रहे हैं।'