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राजनीति

बिहार में कोरोना से पहली मौत, दूसरे मरीज को देखकर भागे डॉक्टर और कम्पाउंडर

Prema Negi
22 March 2020 10:00 AM GMT
बिहार में कोरोना से पहली मौत, दूसरे मरीज को देखकर भागे डॉक्टर और कम्पाउंडर
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पटना एम्स में भर्ती मुंगेर के चुरम्बा गांव निवासी युवक 38 वर्षीय सैफ अली ने कल देर रात को तोड़ दिया दम, इसके अलावा बिहार में कोरोना के मिले हैं दो पॉजिटिव मरीज, एक कतर से और दूसरा स्कॉटलैंड से आया है...

पटना से आलोक कुमार की रिपोर्ट

जनज्वार। बिहार के पटना एम्स में कोरोना से पहली मौत शनिवार 21 मार्च की देर रात हुई है। यह कोरोना से देश में छठी मौत है। पटना एम्स में भर्ती मुंगेर के चुरम्बा गांव निवासी युवक 38 वर्षीय सैफ अली ने शनिवार को दम तोड़ा। एम्स के निदेशक ने बताया कि मृतक युवक का शव परिवारवालों को सौंप दिया गया है। बिहार में कोरोना के दो पॉजिटिव मरीज भी मिले हैं। एक कतर से और दूसरा स्कॉटलैंड से आया है। स्कॉटलैंड वाला मरीज एनएमसीएच में भर्ती कराया गया है।

जानकारी के मुताबिक मुंगेर के चुरंबा गांव के सैफ अली का कतर में किडनी का इलाज चल रहा था। 13 मार्च को वह अपने गांव लौटा था। मुंगेर के एक प्राइवेट अस्पताल में एक दिन के लिए भर्ती हुआ था। वहां से उसे पटना के श्रवण अस्पताल रेफर कर दिया गया था, जहां से शुक्रवार 20 मार्च को पटना एम्स में भर्ती कराया गया था। वहां उसने शनिवार 21 मार्च को इलाज के दौरान दम तोड़ा।

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टना एम्स में कोरोना से यह पहली मौत है। सैफ अली कतर से किडनी का इलाज कराकर 13 मार्च को लौटा था। इस मामले में एम्स निदेशक डॉ. प्रभात कुमार सिंह ने बताया कि किडनी फेल होने की शिकायत पर उसे भर्ती कराया गया था। बाद में कोरोना की जांच की गई, जिसमें पॉजीटिव पाया गया। बिहार के स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार ने भी इसकी पुष्टि कर दी है।

हीं एक अन्य मामले में पटना के पीएमसीएच से रेफर किया गया कोरोना संक्रमण की आशंका वाला युवक एम्स पटना के आइसोलेशन वार्ड परिसर से गायब हो गया। 35 वर्षीय युवक चिकित्साकर्मियों को हाथ पर एयरपोर्ट की मुहर दिखाते हुए स्कॉटलैंड से आने और कोरोना पॉजिटिव होने की बात कह रहा था। सुनते ही चिकित्साकर्मी और मरीज भागने लगे। अफरातफरी का फायदा उठा आरएमआरआई में ही जांच कराने की बात कहते हुए वह फरार हो गया।

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स बात की सूचना मिलते ही एम्स के अधिकारियों के बीच हड़कंप मच गया। थानाध्यक्ष को सूचना देने के बाद सिविल सर्जन ने इस बाबत केस दर्ज कराया है। जिलाधिकारी कुमार रवि ने जिला प्रशासन, स्वास्थ्य विभाग और पुलिस को उसकी तलाश करने को कहा गया।

कोरोना वायरस से संक्रमित होकर सबसे कम उम्र में मौत का देश में यह पहला मामला है। युवक की मौत के बाद मुंगेर में उसके परिवार को आइसोलेट कर दिया गया है। मेडिकल टीम चुरम्बा गांव पहुंचकर उसके साथ ही अन्य लोगों की जांच कर रही है। सैफ अली के घर के लोगों को कोरोना वायरस के संक्रमण की जानकारी नहीं थी, इसलिए उसके परिवार को क्वारंटाइन में भर्ती नहीं किया गया था।

मौत के बाद युवक के शव को मुंगेर स्थित गांव लाया गया। सूचना मिलने पर स्वास्थ्यकर्मी उसके घर पहुंचे। शव पहुंचने पर सिर्फ उसके चार-पांच परिजन ही घर पर थे। शव को दफनाया जाएगा। इसमें दो में कोरोना वायरस की पुष्टि हुई है। अभी 41 सैंपल की जांच चल रही है।

टना में पहली मौत के बाद यहां हड़कंप मचा हुआ है। राज्य सरकार ने भी बैठक बुलाई है। एम्स, एनएमसीएच के अलावा अन्य मेडिकल कॉलेजों में भी आपात बैठक चल रही है। कोरोना मरीज की मौत के बाद एम्स प्रशासन विशेष सतर्कता बरतने लगा है। जो संदिग्ध हैं, उन्हें अलग वार्ड में रखकर विशेष नजर रखी जा रही है।

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बिहार के आरएमआरएई स्थित जांच केंद्र में आज रविवार 22 मार्च की दोपहर तक 129 सैंपल की जांच हुई है। पटना एम्स में ही भर्ती एक अन्य महिला की रिपोर्ट पॉजीटिव आई। यह महिला स्कॉटलैंड से पटना आई थी। इसकी जांच जारी है। अस्पताल प्रशासन का कहना है कि इसकी कोरोना जांच की प्रक्रिया अभी चल रही है। अस्पताल के प्रिंसिपल विजय कुमार गुप्ता का कहना है कि आज रविवार 22 शाम चार बजे रिपोर्ट आएगी, उसके बाद ही कुछ कहा जा सकता है कि इस महिला को कोरोना है या नहीं।

बिहार में कोरोना वायरस के लक्षण वाले 520 यात्रियों को अब तक सर्विलांस पर रखा गया है। इनको 14 दिनों तक होम आइसोलेशन पर रखकर डॉक्टरों द्वारा निगरानी की जा रही है। वहीं अब तक 119 संदिग्ध मरीजों को आइसोलेशन से बाहर किया गया है। स्वास्थ्य विभाग की ओर से ये जानकारी दी गयी। विभाग से मिली जानकारी के अनुसार राज्य में अबतक 85 संदिग्ध मरीजों से जांच के लिए नमूने संग्रह किए गए हैं, हालांकि इनमें किसी में भी अबतक कोरोना के वायरस नहीं पाए गए।

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स बीच मुम्बई के पुणे से हजारों की संख्या में लोग रेल से पटना आ रहे हैं। इन लोगों की जांच की व्यवस्था की गयी है। असैनिक शल्य चिकित्सक सह मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी, पटना का आदेश व निदेशानुसार कोरोना वायरस से बचाव के लिए दानापुर रेलवे स्टेशन के सामने अवस्थित दो स्कूलों में चिकित्सा दल का गठन किया जाता है, जिसमें चिकित्सा पदाधिकारी/कर्मियों की प्रतिनियुक्ति की जाती है जो आवश्यक जीवन रक्षक दवाओं/जांच उपकरण के साथ अपने ड्रेस कोड में 22 मार्च के पूर्वाह्न 06ः00 बजे से अगले आदेश तक निम्न तालिकानुसार दानापुर रेलवे स्टेशन के सामने अवस्थित दो स्कूलों में उपस्थित रहेंगे। 20 टीम बनायी गयी हैं। एक टीम में एक फर्मासिस्ट है। टीम नम्बर-1 में डाक्टर रंजीत कुमार और अनिल कमल, फार्मासिस्ट हैं।

देखें तालिका

सैनिक अस्पताल में दो अलग-अलग मेडिकल रिलीफ टीम गठित की गई है। जिसमें 3 सैन्य अधिकारी, 4 जेसीओ व 35 सैनिकों को शामिल किया गया है। साथ में एंबुलेंस, चिकित्सक व इंजीनियर भी तैनात रहेंगे। सैन्य अधिकारियों ने बताया कि आर्मी अस्पताल में 60 बेड वाला आइसोलेशन वार्ड बनाया गया है। छुट्टी या बाहर से आने वाले अधिकारियों व सैनिकों को कोरोना वायरस के आशंका पर स्वास्थ्य जांच की जायेगी। इसके लिए नालंदा छात्रावास को कोरेंटाइन बनाया गया है।

सैनिक अस्पताल परिसर में बिना मास्क के जाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। कोरोना से सामना करने के लिए आर्मी अस्पताल द्वारा कई उपकरणों की खरीदारी की गई है, ताकि कोरोना वायरस संक्रमण से सैनिकों को बचाया जा सके। सैनिकों के बीच जागरूकता चलाया जा रहा है। सैन्य अधिकारी व सैनिक अब बाहरी लोगों से दूरी बनाकर बातें कर रहे है और मिलने से पहले हैंडवास भी करा रहे हैं।

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