Begin typing your search above and press return to search.
आंदोलन

भारतीय कम्युनिस्ट पाटी के पूर्व सचिव और सांसद विश्वनाथ शास्त्री का निधन

Prema Negi
18 March 2019 3:43 PM IST
भारतीय कम्युनिस्ट पाटी के पूर्व सचिव और सांसद विश्वनाथ शास्त्री का निधन
x

विश्वनाथ शास्त्री की सादगी का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि कम्युनिस्ट पार्टी के राष्ट्रीय सचिव और सांसद रहने के बावजूद उन्होंने कभी सरकारी सुविधाओं का लाभ नहीं लिया, बहुत बेहद साधारण तरीके से अपना जीवन बिताया....

जनज्वार। आज 18 मार्च की सुबह लगभग 6.30 बजे भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के पूर्व राज्य सचिव और गाजीपुर के पूर्व सांसद कामरेड विश्वनाथ शास्त्री का लखनऊ में निधन हो गया है।

पिछले काफी लंबे समय से बीमार चल रहे विश्वनाथ शास्त्री मूल रूप से उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जनपद के असाव गांव के रहने वाले थे। फिलहाल वह अपने बेटे के साथ लखनऊ के गोमती नगर में रह रहे थे।

पिछले दिनों गंभीर रूप से बीमार होने की हालत में उन्हें लखनऊ के गोमती नगर स्थित सहारा अस्पताल मे भर्ती कराया गया था। कुछ दिन भर्ती रहने के बाद वह स्वस्थ होकर घर वापस आ गये थे, मगर आज सुबह अचानक स्वास्थ्य बिगड़ने पर उनका निधन हो गया।

पूर्व सांसद विश्वनाथ शास्त्री ने 1991 में सीपीआई के टिकट पर लोकसभा का चुनाव जीता था। प्रतिबद्ध और समर्पित कम्युनिस्ट के रूप में सादगी और सरलता भरा उनका व्यक्तित्व आम आदमी को उनसे सहजता से जोड़ता था। उनकी सादगी का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि कम्युनिस्ट पार्टी के राष्ट्रीय सचिव और सांसद रहने के बावजूद उन्होंने कभी सरकारी सुविधाओं का लाभ नहीं लिया, बहुत बेहद साधारण तरीके से अपना जीवन बिताया।

बचपन में विश्वनाथ शास्त्री का नाम विश्वनाथ यादव हुआ करता था, मगर काशी विद्यापीठ से पढ़ाई के बाद इनको शास्त्री की डिग्री मिली और तभी से ये विश्वनाथ शास्त्री के नाम से जाने जाने लगे।

विश्वनाथ शास्त्री की अंत्येष्टि कल 19 मार्च को उनके पैतृक निवास ग़ाज़ीपुर के जमानिया घाट पर की जाएगी। उनका पार्थिव शरीर आज ही लखनऊ से ग़ाज़ीपुर ले जाया जा गया है।

प्रदेश मुख्यालय पर उनके सम्मान में सीपीआई का झंडा झुका दिया गया है। पार्टी ज़िला सचिव कामरेड अमरीका सिंह यादव के मुतााबिक आगामी 23 मार्च को सीपीआई कार्यालय भारद्वाज भवन ग़ाज़ीपुर में सवेरे 10 बजे उनके निधन पर शोक सभा आयोजित की जाएगी।

वरिष्ठ पत्रकार उर्मिलेश विश्वनाथ शास्त्री को याद करते हुए लिखते हैं, 'मेरे गांव के पास के असांव गांव में एक साधारण किसान परिवार में जन्मे शास्त्री जी युवावस्था में ही कम्युनिस्ट आंदोलन में शामिल हो गये। 1991 में वह हमारे गाजीपुर संसदीय क्षेत्र से भाकपा के उम्मीदवार के रूप में सांसद चुने गए। पूर्वी यूपी के इस इलाके से तीन-चार बड़े नेता वाम-राजनीति के राष्ट्रीय पटल पर उभरे जिनमें सरजू पांडे, झारखंडे राय, जयबहादुर सिंह, रुस्तम सैटिन और विश्वनाथ शास्त्री के नाम प्रमुख हैं। शास्त्री जी बाद के चुनाव में हार गये, लेकिन उनकी धवल छवि हमेशा अविजित रही! ईमानदारी, समझदारी और उत्पीड़ित समाज के प्रति अपनी पुख्ता तरफदारी के लिए वह युवा पीढ़ी के राजनीतिक कार्यकर्ताओं और आम लोगों के लिए प्रेरणास्रोत बने रहे और निधन के बाद भी बने रहेंगे! मेरे बड़े भाई केशव प्रसाद के निधन के बाद शास्त्री जी अपने जनपद गाजीपुर में मेरे लिए अभिभावक जैसे थे! उनके निधन से हमने एक योग्य नेता, मार्गदर्शक और अपने बड़े भाई जैसा अभिभावक खो दिया।'

वरिष्ठ पत्रकार उर्मिलेश के बगल में खड़े विश्वनाथ शास्त्री

Next Story

विविध