Begin typing your search above and press return to search.
राजनीति

नहीं रहे पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी

Prema Negi
16 Aug 2018 12:07 PM GMT
नहीं रहे पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी
x

कश्मीरियत, जम्हूरियत और इंसानियत के प्रणेता थे अटल बिहारी वाजपेयी

लंबे समय से हालत थी बहुत खराब, आखिरी तस्वीर आई थी 2015 में सामने जब तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने नवाजा था भारत रत्न से

जनज्वार। भाजपा की रीढ़ रहे पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का आज लंबी बीमारी के बाद 93 साल की उम्र में निधन हो गया है। वे पिछले कई सालों से लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर थे। पिछले 11 जून को एम्स में उन्हें यूरिन इंफेक्शन के बाद भर्ती किया गया था।

भाजपा को आज की भाजपा तक पहुंचाने वालों में अटल बिहारी वाजपेयी का बहुत बड़ा योगदान है। हालांकि वे 13 साल पहले सक्रिय राजनीति से संन्यास ले चुके थे, मगर उन्होंने पार्टी के लिए एक नींव तैयार कर दी थी।

उनकी लगातार बिगड़ती हालत के बाद जहां 15 अगस्त के मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने उनसे मुलाकात की, वहीं आज सुबह से भाजपा के वरिष्ठ नेता अमित शाह, गृहमंत्री राजनाथ सिंह, उपराष्ट्रपति वैंकेया नायडू, वरिष्ठ भाजपा नेता लाकृष्ण आडवाणी, प्रतिभा आडवाणी, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल समेत तमाम बड़े नेता अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान पहुंचना शुरू हो गए थे। अभी भी एम्स के बाहर भाजपा के नेताओं का तांता लगा हुआ है।

देर रात एम्स द्वारा जारी मेडिकल बुलेटिन में बताया गया था कि उनकी तबीयत पिछले 24 घंटे में काफी बिगड़ गई है। उन्हें लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर रखा गया है।

उसके बाद एम्स ने कई मेडिकल बुलेटिन जारी किए जिनमें लगातार उनकी क्रिटिकल हालत के बारे में सूचित किया गया। एम्स ने उनके बारे में अंतिम बुलेटिन आज शाम पांच बजे के बाद जारी किया, जिनमें उनकी मौत का समय शाम 5 बजकर 5 मिनट बताया गया है।

एम्स द्वारा जारी किया गया अटल बिहारी ​वाजपेयी की मौत का अंतिम बुलेटिन

वे पिछले 9 साल से गंभीर रूप से बीमार चल रहे थे। उनकी सिर्फ एक किडनी ही काम लायक थी और वही उनकी मौत की वजह बनी।

वे 2009 में आए स्ट्रोक के कारण चलने—फिरने में अक्षम हो गए थे। लाल किले पर दिया गया अटल बिहारी वाजपेयी का भाषण इतना प्रभावशाली था कि वह इतिहास के स्वर्णाक्षरों में अंकित हो गया है।

2009 में सांस लेने में दिक्कत के बाद वे कई दिन वेंटिलेटर पर रहे थे। बाद में वे ठीक हो गए और उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई थी, मगर इसके बाद आए स्ट्रोक की वजह से वो चल—फिर और बोल नहीं पाते थे, बाद के दिनों में तो उनकी स्मृति भी चली गई थी। किसी को वह पहचान नहीं पाते थे।

अटल बिहारी वाजपेयी 3 बार प्रधानमंत्री रहे। सबसे पहले 1996 में 13 दिन के लिए प्रधानमंत्री बने थे। बहुमत साबित नहीं कर पाने की वजह से उन्हें इस्तीफा देना पड़ा। दूसरी बार वे 1998 में प्रधानमंत्री बने। सहयोगी पार्टियों के समर्थन वापस लेने की वजह से 13 महीने बाद 1999 में फिर आम चुनाव हुए।

13 अक्टूबर 1999 को वे तीसरी बार प्रधानमंत्री बने। इस बार उन्होंने 2004 तक अपना कार्यकाल पूरा किया। 2014 के दिसंबर में अटलजी को भारत रत्न देने का एेलान किया गया। मार्च 2015 में तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने प्रोटोकॉल तोड़ा और अटलजी को उनके घर जाकर भारत रत्न से सम्मानित किया।

Next Story

विविध