स्थानीय लोगों का कहना है कि इस घटना ने पूरे जिले को झकझोर कर रख दिया है। बड़े—बड़े नेम प्लेट लगाकर सुरक्षा इंतजामों का दावा करने वाले ऐसे तथा कथित स्कूल संचालकों के खिलाफ भी कार्यवाही की जानी चाहिए...
फरीद आरज़ू की रिपोर्ट
बलरामपुर। यूपी के बलरामपुर स्थित शारदा पब्लिक स्कूल के हॉस्टल परिसर में छात्रा निकिता को जिंदा जलाकर हत्त्या के मामले में एक हफ्ता बीत जाने के बाद भी अभियुक्तों की गिरफ्तार न होने से नाराज कई सामाजिक संगठन सड़कों पर उतर आए हैं।
पिछले 2 अक्टूबर की रात में 8वीं क्लास में पड़ने वाली निकिता को स्कूल हॉस्टल परिसर में जिंदा जला दिया गया था। 3 दिन पहले इलाज के दौरान लखनऊ के ट्रामा सेंटर में निकिता की मौत हो गयी। निकिता की मां सुनीता श्रीवास्तव स्कूल प्रबंधक के यहां घरेलू नौकरानी की काम करती थी। जिस स्कूल में बच्ची को जिंदा जलाया गया, उसी स्कूल में सुनीता श्रीवास्तव पिछले 10 वर्षों से क्लास फोर्थ श्रेणी में भी काम कर रहीं हैं।
निकिता की मां ने पुलिस को दी तहरीर में कहा है कि लड़की को मिट्टी का तेल डालकर जला दिया गया। लाश 90 प्रतिशत से अधिक जल गयी थी। 2 अक्टूबर को हुई घटना के बाद लड़की 5 दिन तक तक जिंदा रही। 7 अक्टूबर की हुई मौत से पहले लड़की इस हालत में नहीं थी कि वह पुलिस को अपना बयान नहीं दे सके। मां ने अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है।
छात्रा पर मिट्टी का तेल डालकर उस समय जलाया गया जब वह बाथरूम गयी थी। इस मामले में पुलिस का कहना है कि बाहर के किसी आदमी द्वारा किया गया अपराध नहीं है, अपराध स्कूल के भीतर के किसी व्यक्ति ने ही किया है। ऐसे में सवाल यह है कि फिर पुलिस स्कूल प्रबंधन या स्टॉफ को लेकर कोई जांच क्यों नहीं कर रही, पूछताछ अबतक क्यों नहीं शुरू की।
सामाजिक संगठनों ने पुलिस कार्यशैली पर ऊंगली उठाते हुये मृतक छात्रा के इंसाफ के लिये संघर्ष का बीड़ा उठाया है। तन्मय सेवा संस्थान, जिला प्रधान संघ, ब्राह्मण महासभा अपना दल, युवा अधिवक्ता विचार मंच उतरौला सहित कई संगठनों के कार्यकर्ताओं ने न्याय रैली निकाली और डीएम कार्यालय पर प्रदर्शन कर डीएम को ज्ञापन सौपा।
सामाजिक कार्यकर्ताओं ने निकिता हत्त्याकांड कांड की सीबीआई जांच की मॉग करते हुई कहा कि अगर इस हत्त्याकांड का जल्द खुलासा नहीं हुआ तो 3 दिन के बाद जन आंदोलन किया जायेगा और जरूरत पड़ने पर हाई कोर्ट, सुप्रीम कोर्ट तक मामले को उठता जाएगा।
उतरौला में युवा अधिवक्ता विचार मंच के वकीलों ने मामले की सीबीआई जाँच की मांग करते हुए राज्यपाल को सम्बोधित एक ज्ञापन एसडीएम को सौंपा। वकीलों ने कहा कि इस घटना ने पूरे जिले को झकझोर कर रख दिया है। बड़े—बड़े नेम प्लेट लगाकर सुरक्षा इंतजामों का दावा करने वाले ऐसे तथा कथित स्कूल संचालकों के खिलाफ भी कार्यवाही की जानी चाहिए।
इस घटना को लेकर स्कूली छात्रों और अभिभावकों में बच्चों के भविष्य को लेकर बैचनी और जिले की जनता में गहरा रोष है। एक हफ्ते से ज्यादा का समय बीत जाने के बाद भी पुलिस के हाथ खाली हैं।