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राजनीति

बराला की दरबानी में मुस्तैद हरियाणा महिला आयोग

Janjwar Team
8 Aug 2017 4:37 PM GMT
बराला की दरबानी में मुस्तैद हरियाणा महिला आयोग
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सुभाष बराला भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष हैं और हरियाणा महिला आयोग की अध्यक्ष प्रतिभा सुमन उसी पार्टी में एक नेता, ऐसे में एक पार्टी की नेता अपने प्रदेश अध्यक्ष के बेटे के खिलाफ कैसे बोल सकती हैं...

चंडीगढ़। भाजपा के हरियाणा के प्रदेश अध्यक्ष सुभाष बराला के बेटे विकास बराला द्वारा 4 अगस्त की रात को चंडीगढ़ में एक आईएएस अफसर की बेटी वर्णिका का पीछा करने और उसके साथ छेड़छाड़ करने के मामले में पूरे देश से उस लड़की के समर्थन में आवाजें उठ रही हैं। लेकिन इस पूरे प्रकरण में जो आवाज सबसे ज्यादा मुखर होनी चाहिए थी वो मौन है।

जी हां, हरियाणा महिला आयोग मौन है। इस घटनाक्रम को चार दिन बीत चुके हैं, लेकिन हरियाणा महिला आयोग की तरफ से कार्यवाही की बात तो दूर अभी तक एक ब्यान तक नहीं जारी किया गया है। जिससे हरियाणा महिला आयोग पर सीधे-सीधे अंगुली उठ रही हैं।

पिछले महीने 9 जुलाई 2017 को खट्टर सरकार ने रोहतक की भाजपा की नेत्री प्रतिभा सुमन को हरियाणा महिला आयोग का चेयरपर्सन नियुक्त किया था। लेकिन अपनी पार्टी से मामला जुड़ा होने की वजह से हरियाणा महिला आयोग की बोलती पूरी तरह से बंद है।

हरियाणा की राजनीति की समझ रखने वाले लोगों का कहना है कि जब किसी संवैधानिक पद पर फुल टाइम पॉलिटियशन को बैठाया जाएगा तो उनसे कैसे उम्मीद की जा सकती है कि वे निष्पक्ष होकर काम करेंगे।

हरियाणा की राजनीति की सम­झ रखने वाले सतीश कुमार कहना है कि सुभाष बराला भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष हैं और हरियाणा महिला आयोग की अध्यक्ष प्रतिभा सुमन उसी पार्टी में एक नेता हैं। ऐसे में एक पार्टी की नेता अपने प्रदेश अध्यक्ष के बेटे के खिलाफ कैसे बोल सकती है? यह बात प्रदेश की जनता को भी समझ आ रही है कि हरियाणा महिला आयोग में जिसे बैठाया गया है, उससे न्याय की उम्मीद रखना बेमानी है।

सतीश का कहना है कि हरियाणा महिला आयोग के पास यही अवसर था, जिसका फायदा उठाकर हरियाणा महिला आयोग देश में अपनी एक अगल पहचान बना सकता था। हरियाणा महिला आयोग को इस केस में सुभाष बराला को नोटिस जारी करना चाहिए था और इस केस की जांच कर रही पुलिस को भी नोटिस जारी कर खुद भी अपनी एक जाँच करनी चाहिए थी, ताकि जांच में किसी तरह की गड़बड़ी की आशंका न रहे। लेकिन हरियाणा महिला आयोग ने यह अवसर गवां दिया।

वहीं दूसरी ओर राष्ट्रीय महिला आयोग ने मामले की गंभीरता को समझ लिया और चंडीगढ़ पुलिस को नोटिस जारी कर इस केस में पूरी निष्पक्षता से जांच करने के लिए कहा है।

लगता है कि राष्ट्रीय महिला आयोग भांप गया था कि प्रदेश में उनकी सरकार है यदि राष्ट्रीय महिला आयोग इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं देगा तो उसकी मीडिया ट्रायल तय है। लोगों ने भी इस बात की आस छोड़ दी है कि इस मुद्दे पर हरियाणा महिला आयोग अपना मौन व्रत तोड़ेगा।

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