आतंकी हमलों से ज्यादा लोग सड़कों के गड्ढों से मारे जा रहे : सुप्रीम कोर्ट
सड़क पर गड्ढों से होने वाली दुर्घटना में भारत में मरते हैं हर रोज 30 लोग, पिछले 4 वर्षों में मारे गए 11 हजार से ज्यादा, अकेले मुंबई में सड़कों पर 4000 से ज्यादा बड़े गड्ढे
जनज्वार, दिल्ली। जन—जन जानता है कि पुलिस की मिलीभगत के बगैर सड़कों पर होने वाले अतिक्रमण संभव नहीं है, इसलिए सुप्रीम कोर्ट ने सीधे पुलिस कमीश्नर को तलब करते हुए कहा है कि अतिक्रमण हटाने में दो साल का समय क्यों लगेगा?
सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस मदन बी लोकुर और दीपक गुप्ता ने सड़क हादसों को लेकर सख्ती दिखाई है। कोर्ट ने 20 जून को चिंता जताते हुए कहा है कि गड्ढों के कारण होने वाली मौतों की संख्या आतंकी हमलों में मारे गए लोगों से कहीं ज्यादा है।
बारिश के बाद दिल्ली समेत देश के तमाम महानगरों की सड़कों का हाल देख सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में स्वत: संज्ञान लिया है। दिल्ली की एक सोशल मीडिया पर तस्वीर वायरल हुई जिसमें मिटों रोट रेलेवे ब्रिज के नीचे मामूली बारिश में इतना पानी भर गया कि बस आधी डूब गयी। कोर्ट ने कहा कि मामूली बारिश में दिल्ली का ये हाल है, अगर ज्यादा बारिश होगी तो क्या होगा?
सुप्रीम कोर्ट के दोनों जजों की पीठ ने यह भी कहा कि गड्ढों के कारण मारे गए लोगों के परिजनों को मुआवजा भी मिलना चाहिए। इसके लिए देश की सबसे बड़ी अदालत ने सुप्रीम कोर्ट की समिति से सड़क सुरक्षा पर दो हफ्ते में रिपोर्ट मांगी है। सु्प्रीम कोर्ट के सेवानिवृत जज केएस राधाकृष्णन की अध्यक्षता में सड़क सुरक्षा समिति गठित की गयी है।
इस मामले की गंभीरता के मद्देनजर दिल्ली पुलिस कमीश्नर को अदालत ने तलब किया है और अगली सुनवाई 10 दिन करने को कहा है। मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक अकेले मुंबई की सड़कों पर 4 हजार से अधिक बड़े गड्ढे हैं।