जहानाबाद में 10 अक्टूबर के बलवे के बाद से इंटरनेट बंद, शहर में धारा 144 लागू
जहानाबाद में 4 दिन पहले हुए बलवे के बाद अब शहर में शांति है, लेकिन स्थिति अभी तनावपूर्ण है। इन्टरनेट सेवाएँ अभी भी बंद हैं और धारा 144 भी है लागू...
सलमान अरशद की रिपोर्ट
जनज्वार, जहानाबाद। अल्लाह और भगवान मिलकर अपने भक्तों का कितना भला करते हैं, इसका जवाब तो उनके नुमाइंदे भी न दे सकते पर मजहब के नाम पर इंसानों के बीच जो फसाद मचता है, उससे बच्चे, महिलाएं और आम नागरिक किस तरह खौफजदा होकर जीने को मजबूर होते हैं, उसकी ताजा मिसाल जहानाबाद में दुर्गापूजा के बाद मूर्ति विसर्जन को लेकर उभरा हिंदू—मुस्लिम समुदायों के बीच हुआ विवाद है।
दक्षिणी बिहार के चर्चित शहर जहानाबाद में गुरुवार 10 अक्टूबर को दुर्गा पूजा प्रतिमा विसर्जन के दौरान समुदाय विशेष के धार्मिक स्थल के समीप सुबह 6 बजे रोड़ेबाज़ी के कारण भगदड़ मच गई थी। रोड़ेबाज़ी की घटना में 4 पुलिस के जवान और 10 अन्य लोग घायल हो गए थे। गंभीर रूप से घायल 8 लोगों को सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जिनमें दो पुलिसकर्मी और एक पत्रकार भी शामिल थे।
पुलिस अधीक्षक मनीष कुमार कहते हैं कि जहानाबाद की स्थिति सामान्य होने तक इंटरनेट सेवा बहाल नहीं की जाएगी। गौरतलब है कि जत्थे में शामिल तीन युवकों ने शुक्रवार को शहर के जाफरगंज मोहल्ले में मूर्ति विसर्जन करने जा रहे विष्णु कुमार नामक एक युवक की गोली मारकर हत्या कर दी थी, जिसके बाद शहर की स्थिति बेकाबू हो गयी। हिंदू—मुस्लिम समुदायों में तनाव व्याप्त हो गया।
इस उपद्रव की शुरुआत 10 अक्टूबर की सुबह करीब 6 बजे हो गयी थी, जब प्रतिमा के साथ चल रहे लोगों ने पास की समुदाय विशेष की बस्ती पर पथराव किया। लेकिन इस पथराव की शुरुआत इस आरोप के साथ की गयी थी कि समुदाय विशेष की बस्ती की ओर से प्रतिमा को क्षतिग्रस्त करने की नियत से पत्थर फेंके गये थे। इस उपद्रव में समुदाय विशेष के एक धर्मस्थल को नुकसान पहुंचा है। बाद में दूसरे सम्प्रदाय ने भी जवाबी कार्यवाही की थी, दोनों समुदायों की इस पत्थरबाजी में कई लोग घायल हुए थे।
उपद्रवियों ने शहर के पंचमहल्ला, राजा बाज़ार, फ़िदा हुसैन रोड, मल्लाह चक, नया टोला, शिवाजी पथ, विंध्यवासिनी मार्केट, बत्तीस भंवरिया, सट्टी मोड़ आदि स्थानों पर दुकानों में लूटपाट की थी, वहीं 20 से अधिक दुकानों में आग लगा दी थी।
घटना की जानकारी मिलते ही जहानाबाद के डीएम नवीन कुमार तथा एसपी मनीष दल-बल के साथ घटनास्थल पर पहुंचे और भीड़ को नियंत्रित करने की कोशिश की थी। इस प्रयास में पुलिस द्वारा फ़ायरिंग भी की गई थी, जिसके पश्चात् लोग शांत हो गये थे, लेकिन स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई थी। भुक्तभोगी नागरिकों का कहना है कि इस मामले में स्थानीय प्रशासन और पुलिस का रोल ठीक रहा।
समुदाय विशेष की बस्तियों और व्यापारिक प्रतिष्ठानों पर हमले की ख़बरें हैं, लेकिन प्रशासन ने भी बड़ी चुस्ती दिखाई है, लिहाज़ा जान व माल के नुकसान कोई बड़ी घटना नहीं हुई। जामा मस्जिद के आसपास की कई दुकानें खुल गयी हैं, लेकिन सड़कों पर अभी सन्नाटा है। यहाँ दुकानों को लूटने की कोशिशें हुईं हैं, मगर उपद्रवियों को सफलता नहीं मिल पाई, दुकानों के शटर और बोर्ड को जरूर नुकसान हुआ है।
राजा बाज़ार में समुदाय विशेष की कुछ दुकानों को लूटा गया है। कच्ची मस्जिद के पास का इलाका ही उपद्रव का गढ़ बना था, लेकिन यहां भी कोई गंभीर रूप से घायल नहीं हुआ है, हां मस्जिद को और कब्रिस्तान में कुछ कब्रों को क्षति पहुंचाई गयी है। मस्जिद के मोअज्जिन (जो मस्जिद में अज़ान देता है) जिनकी उम्र लगभग 80 साल है, को पुलिस द्वारा इस मामले में गिरफ्तार किया गया है।
गाँधीनगर के टीचर्स कॉलोनी में समुदाय विशेष के करीब 50 घर हैं, इन पर हमला हुआ है, लेकिन लोग अपने घरों में बंद रहे और प्रशासन भी इस इलाके में गस्त करता रहा, इसलिए मकानों को मामूली नुकसान हुआ है लेकिन लोग सुरक्षित हैं। कुछ लोगों ने इस इलाके को छोड़कर सुरक्षित इलाकों में अपने रिश्तेदारों के घर भी पनाह ली है।
दोनों ही समुदायों से गिरफ्तारियां हुई हैं, मगर समुदाय विशेष का आरोप है कि उनके लोगों को ही बड़े पैमाने पर गिरफ्तार किया गया है। अब तक 75 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। सुरक्षा गार्ड हर जगह तैनात हैं। शहर में शांति है, लेकिन स्थिति अभी तनावपूर्ण है। इन्टरनेट सेवाएँ अभी भी बंद हैं और धारा 144 भी लागू है।