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चुनावी पड़ताल 2019

गरीबी पर शोर मचाने वाले सारे नेता हेलीकॉप्टर से चुनाव प्रचार पर रोज उड़ा रहे 20-25 लाख

Nirmal kant
10 Dec 2019 8:08 AM GMT
गरीबी पर शोर मचाने वाले सारे नेता हेलीकॉप्टर से चुनाव प्रचार पर रोज उड़ा रहे 20-25 लाख
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झारखंड विधानसभा चुनाव में प्रचार के लिए हेलीकॉप्टर का हो रहा खूब इस्तेमाल, हेलीकॉप्टर पर प्रतिदिन के हिसाब से खर्च कर रहे हैं 20-25 लाख रुपये, भाजपा के उम्मीदवार सबसे आगे...

रांची से अनिमेश बागची की रिपोर्ट

चुनाव के इस मौसम में झारखंड के आसमान में उड़नखटोले यानि हेलीकाॅप्टर की रोजाना आवाजाही को इन दिनों सूबे के लोग कौतूहल से देख रहे हैं। जनमानस के दरम्यान इस बात की चर्चा जोरों पर है कि हाल के वर्षों में राज्य के नेताओं के द्वारा हेलीकाॅप्टर की सवारी में खासा इजाफा हुआ है। कई लोग इसे नेताओं के स्टेटस सिंबल के तौर पर भी जोड़कर देख रहे हैं। हालांकि जहां तक राजनेताओं और उनके करीबियों की बात है, तो वे इस बात से इत्तेफाक रखते नहीं दिख रहे।

पसी बातचीत में राज्य के कई प्रमुख पार्टियों के ऑफिस से जुड़े लोग बताते हैं कि उड़नखटोले के इस्तेमाल से समय की बचत हो रही है। दूसरी ओर ज्यादा से ज्यादा क्षेत्रों तक पहुंचने में आसानी भी हो रही है। एक हेलीकाॅप्टर 180-200 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से अपने गंतव्य तक पहुंचता है। इस से राज्य के सियासत दानों को बड़े पैमाने पर मतदाताओं तक पहुंचने में परेशानी का सामना नहीं करना पड़ रहा।

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राज्य की भौगोलिक स्थिति को भी हेलीकाॅप्टर के इस्तेमाल से जोड़ा जा रहा है। राजनीतिक दलों से जुड़े लोगों का मानना है कि राज्य के दूर-दराज के क्षेत्रों में जाने के लिए हेलीकाॅप्टर का इस्तेमाल एक तरह से मजबूरी का ही पर्याय बन गया है। ऊपर से नक्सल प्रभाव वाले क्षेत्रों में सुरक्षा के लिहाज से भी आवागमन के लिए हेलीकाॅप्टर का इस्तेमाल आला नेता करते हैं। सभी दलों के बड़े नेता सड़क मार्ग से सुरक्षा के नजरिये से जाने में कतरा रहे हैं।

गौर करने की बात यह कि झारखंड की गरीबी और पिछड़ेपन का अपनी रैलियों में लगातार रोना रोने वाले नेताओं को इन उड़नखटोलों पर होनेवाले खर्चे की कोई फिक्र नहीं हो रही। तकरीबन सभी दलों के बड़े नेता इस महंगी सवारी पर होने वाले खर्चे पर मौन साधे हुए हैं। वे भले ही अपनी सभाओं में जोर-शोर से महंगाई से लेकर लोगों की गरीबी तक के खर्चोंं पर चीख-चीखकर शोर मचा रहे हों, लेकिन उड़न खटोलों पर होने वाले खर्चों पर उनकी जुबान नहीं खुल रही।

झारखंड में विधानसभा चुनाव कुल पांच चरणों में हो रहे हैं। मोटे तौर पर राज्य के इस चुनावी बयार पर सूबे के विभिन्न राजनीतिक दलों के द्वारा उड़नखटोलों पर होने वाले खर्चे की बात करें, तो प्रतिदिन के हिसाब से यह 20 से 25 लाख रुपये के करीब आता है। झारखंड जैसे नये और गरीब राज्य के लिए निश्चित तौर पर यह काफी बड़ी राशि के समान है।

राज्य में इन दिनों सिर्फ भाजपा और कांग्रेस जैसी राजनीतिक पार्टियां ही नहीं, बल्कि झारखंड मुक्ति मोर्चा और झारखंड विकास मोर्चा (प्रजातांत्रिक) जैसी क्षेत्रीय पार्टियों के द्वारा भी हेलीकाॅप्टर का इस्तेमाल जोरों पर है। सत्ताधारी भाजपा इस मामले में दूसरे सभी दलों से आगे नजर आ रही है। भाजपा कार्यालय में इस मामले से जुड़े पदाधिकारियों के मुताबिक, इन चुनावों में पार्टी ने तीन हेलीकाॅप्टर बुक करवाये हैं। इसमें एक हेलीकॅप्टर सात प्लस दो सीटर का है, जबकि बाकी दो हेलीकाॅप्टर दो प्लस पांच सीटर वाले हैं।

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झारखंड मुक्ति मोर्चा, झारखंड विकास मोर्चा और ऑल झारखंड स्टूडेंट्स यूनियन जैसी पार्टियों ने भी अपने-अपने नेताओं के लिए हेलीकॅप्टर बुक कराये हैं। प्रति घंटे के हिसाब से एक हेलीकाॅप्टर की सवारी का किराया लगभग अस्सी हजार से एक लाख रुपये के दरम्यान बैठता है। वयोवृ़द्ध नेता और झारखंड आंदोलन में अग्रणी भूमिका निभाने वाले झारखंड मुक्ति मोर्चा सुप्रीमो शिबू सोरेन को बढ़ते उम्र के चलते पिछले कुछ समय से स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं लगातार परेशान कर रही हैं। वर्षों से पार्टी की ओर से वे स्टार प्रचारक की भूमिका में रहे हैं। खासतौर पर राज्य के उत्तरी हिस्से में पड़ने वाले संथाल परगना इलाके में शिबू सोरेन की काफी पैठ रही है।

ने उनके लिए विशेषतौर पर एक हेलीकाॅप्टर का इंतजाम भी कर रखा है। पूर्व मुख्यमंत्री और शिबू सोरेन के पुत्र हेमंत सोरेन भी हेलीकॅप्टर से प्रचार करने में आगे हैं। झारखंड में इस बार भाजपा के खिलाफ बने महागठबंधन में हेमंत सोरेन को अपना नेता प्रोजेक्ट कर रखा है।

स हिसाब से हेमंत की काफी पूछ हो रही है। कांग्रेस को इस बार महागठबंधन में 31 सीटें मिली हैं। महागठबंधन के नेता होने के नाते हेमंत को कांग्रेस की सीटों पर भी जोर-शोर से प्रचार करना पड़ रहा है। इस बार महागठबंधन से अलग राह पकड़ चुके झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने राज्य की सभी सीटों पर प्रत्याशी उतारा है। मरांडी भी हेलीकाॅप्टर से प्रचार कर रहे हैं।

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पार्टी के वे स्टार प्रचारक हैं। राज्य की सभी सीटों पर अपने प्रत्याशियों के लिए प्रचार करने के लिए उनको लगातार दौरा करना पड़ रहा है। ऐसे में पार्टी के चुनावी मामलों के पदाधिकारी मरांडी के हेलीकाॅप्टर दौरे की अपरिहार्यता के बारे में सिद्दत से बातें करते दिखायी देते हैं। भाजपा को आंखें तरेरकर अलग हुए क्षेत्रीय दल आजसू के सुप्रीमो सुदेश महतो को भी इन दिनों हेलीकाॅप्टर की सवारी खूब भा रही है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अलावा भाजपा के दूसरे आला नेता इन दिनों झारखंड के अपने चुनावी भाषण में डबल इंजन की सरकार को फिर से सत्ता पर लाने के लिए जनता से पुरजोर अपील करते दिख रहे हैं। झारखंड के आसमान में भी इन दिनों विभिन्न दलों के डबल इंजन वाले हेलीकाॅप्टरों की गूंज यहां की जनता को खूब सुनायी दे रहे हैं। ऐसे में अब यह देखना दिलचस्प होगा कि जनता का मिजाज आखिर किस दिशा में करवट लेता है।

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