कोर्ट ले जाते हुए भीड़ ने किया उनपर हमला, पुलिस को भांजनी पड़ी थीं लाठियां, उन्हें न परिजनों से मिलने दिया गया और न ही वह कह पा रहे हैं पत्रकारों से अपनी बात
कोर्ट के लिए थाने से निकलते वक्त थाने के सामने जमा कुछ लोगों ने किया हंगामा, उस गाड़ी को रोकी जिसमें बैठे थे विनोद वर्मा और तोड़ दिया शीशा, पुलिस को ने भांजनी पड़ी लाठिया
जनज्वार, रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार के मंत्री राजेश मुढ़त के सेक्स स्कैंडल की सीडी रखने और ब्लैकमेलिंग करने के आरोप में गिरफ्तार किए गए पत्रकार विनोद वर्मा की जान को लगातार खतरा बना हुआ है। एक तरफ जहां पुलिस उनके प्रति सख्ती से पेश आ रही है, वहीं मंत्री समर्थक उनपर हमला करने की फिराक में लगे हुए हैं।
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पुलिस विनोद वर्मा को न परिवार वालों से मिलने दे रही है और न ही पत्रकारों से। वह जहां भी जा रहे हैं वहां पत्रकारों का जमघट लग जा रहा है, लेकिन हर जगह पुलिस उनका मुंह बंद कर दे रही है या फिर बाइट लेने वाले पत्रकारों को धमका दे रही है।
वहीं आज कोर्ट में पेश होने के दौरान कथित अश्लील सीडी मामले में गिरफ्तार पत्रकार विनोद वर्मा के रिमांड पत्र की खामियों को लेकर कोर्ट ने फटकार लगाई। करीब आधे घंटे तक दोनों पक्षों के बीच चली दलीलों के बीच कोर्ट ने इस मामले के जांच अधिकारी संजय सिंह से भी सवाल किए।
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सेक्स स्कैंडल मामले के आरोपी पत्रकार विनोद वर्मा ने भी पुलिस के रवैए पर सवाल उठाए। विनोद वर्मा ने कहा कि उन्हें स्लिप डिस्क की शिकायत है, लेकिन पुलिस द्वारा उन्हें परेशान करने के लिए सड़क मार्ग से लाया गया।
वर्मा के वकील फैजल रिजवी और सतीश वर्मा ने कोर्ट में छत्तीसगढ़ पुलिस पर आरोप लगाता हुए हुए कहा कि विनोद वर्मा की गिरफ्तारी की सूचना उनके परिजनों तक को नहीं दी गयी।
बहस के दौरान 156/3 के तहत बचाव पक्ष के वकील कहा कि अंतागढ़ टेप मामले में विनोद वर्मा की भूमिका महत्वपूर्ण थी और इस मामले में दायर याचिका में साक्ष्य जुटाने में विनोद वर्मा सक्रिय थे। उनकी इसी सक्रियता से सरकार चिढ़ गयी थी और उन्हें षड्यंत्र पूर्वक फंसा लिया।
दोपहर में कोर्ट के लिए थाने से जाते हुए वरिष्ठ पत्रकार विनोद वर्मा पर हमला हुआ. यह हमला माना थाना से निकलने के दौरान हुआ जब पुलिस उन्हें कोर्ट ले जाने के लिए गाड़ी में बैठा रही थी। हमलावरों ने पुलिस की गाड़ी को रोकने की भी कोशिश की।
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हमलावर जब सफल नहीं हुए तब उन्होंने पत्रकार को भद्दी गालियां दीं। हालांकि छत्तीसगढ़ पुलिस ने पत्रकार हमला मामले में न तो अबतक कोई एफआईआर दर्ज की है और न ही कोई गिरफ्तारी हुई है।
पत्रकार विनोद वर्मा को लेकर छत्तीसगढ़ पुलिस का रवैया : देखें वीडियो