कर्नाटक के 'किंग' बने कुमारस्वामी, शपथ ग्रहण समारोह में नजर आया विपक्षी एका
हालांकि राजनीति में कभी भी कुछ भी हो सकता है, मगर आज जिस तरह शपथ ग्रहण समारोह में कांग्रेस—जेडीएस एकता नजर आई उससे भाजपा का यह दावा खोखला लगता है कि यह सरकार 3 महीने का कार्यकाल भी पूरा नहीं कर पाएगी...
बेंगलुरू। कर्नाटक में 12 मई को विधानसभा चुनाव हुए थे, जिसका नतीजा 15 मई को आया था। नतीजे के बाद तमाम नाटक सामने आए, जिसमें भाजपा ने बिना बहुमत के राज्यपाल द्वारा भाजपा को सरकार बनाने का आमंत्रण दिया गया, येदियुरप्पा ने मुख्यमंत्री पद की शपथ भी ले ली, मगर जब कोर्ट ने 19 मई को फ्लोर टेस्ट का आदेश दिया तो उन्होंने बिना फ्लोर टेस्ट के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया।
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अब आज कांग्रेस—जेडीएस गठबंधन की तरफ से एचडी कुमारस्वामी ने कर्नाटक के 23वें मुख्यमंत्री के बतौर शपथ ली और कांग्रेस के जी परमेश्वर ने उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली।हालांकि भाजपा दावा कर रही है कि कांग्रेस—जेडीएस गठबंधन की यह सरकार 3 महीने का कार्यकाल भी मुश्किल से पूरा कर पाएगी, वहीं गठबंधन दलों का कहना है कि भाजपा दिन में सपने देखना छोड़ दे। हमारा गठबंधन जनता की आकांक्षाओं पर खरा उतरते हुए काम करेगा और हम एकजुटता से 2019 की भी तैयारी करेंगे।
आज एक तरफ कांग्रेस-जेडीएस की गठबंधन वाली सरकार का शपथ ग्रहण समारोह आयोजित हो रहा था, वहीं बीजेपी कर्नाटक में एंटी-पीपल मैंडेट डे यानी जनादेश विरोधी दिवस मना रही थी। रैली में पहुंचे 54 घंटे के सीएम बीएस येदियुरप्पा ने कहा कि भूख, लालच और पावर ही कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन का आधार है और इस तरह के गठबंधन वाली सरकार तीन महीने से ज्यादा दिनों तक नहीं चल पाएगी।
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हालांकि कर्नाटक विधानसभा चुनाव में बीजेपी 104 सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी, मगर किसी से समर्थन न मिलने के चलते वह फ्लोर टेस्ट से पहले ही इस्तीफा देने को मजूबूर हो गई। कांग्रेस अपनी 78 सीटों और जेडीएस की 38 सीटों की बदौलत आज सरकार बनाने में कामयाब रही।
राजनीतिक विश्लेषकों की राय में हालांकि राजनीति में कुछ भी कभी भी हो सकता है, मगर आज जिस तरह शपथ ग्रहण समारोह में कांग्रेस—जेडीएस एकता नजर आई उससे भाजपा का यह दावा खोखला लगता है कि यह सरकार 3 महीने का कार्यकाल भी पूरा नहीं कर पाएगी। सबसे बुरी स्थित तो मंच पर एचडी कुमारस्वामी को सीएम पद की शपथ दिलाने वाले राज्यपाल वजुभाई वाला की नजर आई, जिनसे न उगलते बन रहा था, न निगलते।
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शपथ ग्रहण समारोह के दौरान भी कांग्रेस—जेडीयू के अलावा चुनाव 2019 के मद्देनजर विपक्षी एका खूब नजर आया, 13 दलों के प्रमुखों ने इसमें हिस्सा लिया। यूपीए प्रमुख सोनिया गांधी, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री और एचडी कुमारस्वामी के पिता एचडी देवेगौड़ा, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और बसपा प्रमुख मायवती शपथ ग्रहण कार्यक्रम में उपस्थित हुए।
इनके अलावा बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव, आरएलडी प्रमुख अजीत सिंह, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू और एनसीपी प्रमुख शरद पवार भी नजर आए। मंच पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, सीपीआई (एम) नेता सीताराम येचुरी, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे, डी राजा और नारायणसामी भी मौजूद थे। सभी विपक्षी पार्टियों के नेताओं ने इस शपथ ग्रहण समारोह में शामिल हो मंच पर हाथ मिलाकर 2019 चुनावों के लिए अपनी एकजुटता का इशारा किया।
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गौरतलब है कि 19 मई को फ्लोर टेस्ट से पहले ही येदियुरप्पा के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे देने के बाद कर्नाटक के राज्यपाल ने कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन को सरकार बनाने के लिए न्यौता दिया।
वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस—जेडीएस में मुख्यमंत्री पद के लिए चल रही तनातनी की खबरों को अफवाह बताते हुए कांग्रेस के डीके शिवकुमार ने कहा कि इस एका से कोई नाखुश नहीं है। हम सभी साथ हैं। हम सभी सेलिब्रेट कर रहे हैं, क्योंकि हमारी सरकार सत्ता में आई है। जहां तक सवाल है कि मैं मुख्यमंत्री बनना चाहता हूं तो मैंने कभी नहीं कहा कि मैं कर्नाटक के मुख्यमंत्री पद का दावेदार हूं।
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शपथ ग्रहण समारोह के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने भी कुमारस्वामी और उपमुख्यमंत्री पद की शपथ लेने वाले जी परमेश्वर को ट्वीट कर शुभमकामनाएं प्रेषित कीं।