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समाज

दिल्ली के भजनपुरा में निर्माणाधीन इमारत गिरने से 4 छात्रों और ट्यूटर की मौत, कई गंभीर रूप से घायल

Prema Negi
25 Jan 2020 3:10 PM GMT
दिल्ली के भजनपुरा में निर्माणाधीन इमारत गिरने से 4 छात्रों और ट्यूटर की मौत, कई गंभीर रूप से घायल
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भजनपुरा इलाके में इमारत ढहने से चार छात्रों और एक ट्यूटर की हुई मौत, निर्माणाधीन इमारत में चल रहा था कोचिंग सेंटरए मलबे में अभी भी कई छात्रों के दबे होने की आशंका...

जनज्वार। हर रोज देशभर में हादसों की खबरें आम हो गयी हैं। अब ऐसी ही एक दुर्घटना की खबर दिल्ली के भजनपुरा से आ रही है, जहां आज 25 जनवरी को शाम के समय एक निर्माणाधीन इमारत गिरने से 4 छात्रों और एक अन्य की मौत हो गयी है।

त्तर-पूर्वी दिल्ली में स्थित भजनपुरा के पास सुभाष विहार इलाके में जहां यह दुर्घटना हुई है, वह बिल्डिंग निर्माणाधीन कोचिंग सेंटर की थी। इस इमारत के ग्राउंड फ्लोर में कोचिंग सेंटर चलाया जा रहा था। हादसे के बाद के बाद 13 लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया, जिसमें से चार छात्रों और ट्यूटर की मौत हुई है। हालांकि पड़ोसियों और प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि मरने वालों का आंकड़ा कहीं ज्यादा होगा। तीन छात्रों के अब भी इमारत के मलबे के नीचे दबे होने की आशंका है।

स संबंध में दिल्ली अग्निशमन विभाग का कहना है कि भजनपुरा इलाके में इमारत ढहने से चार छात्रों समेत पांच की मौत हुई है। इमारत में एक कोचिंग सेंटर चल रहा था। मलबे में कुछ छात्रों के फंसे होने की आशंका है। इस घटना की सूचना दमकल विभाग को शाम करीब साढ़े चार बजे मिली, जिसके बाद दमकल की सात गाड़ियों को मौके पर भेजा गया था। राहत कार्य जारी है।

टना की जानकारी सामने आने पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अफसोस जताते हुए ट्वीट कर कहा, 'भजनपुरा से बहुत बुरी खबर आ रही है। भगवान सब को सलामत रखे। थोड़ी देर में वहां पहुंचूंगा।'

स हादसे में घायल हुए अस्पताल में भर्ती हरिशंकर उर्फ शंकर ने बताया कि वह और उनके भाई उमेश कोचिंग सेंटर चलाते हैं। 10 से 12 बच्चे हादसे के वक्त निर्माणाधीन इमारत में थे। वे बिजली का तार लगाने के लिए निकले ही थे कि अचानक इमारत गिर गई। उसी समय बच्चे और उमेश मलबे में दब गए। शंकर ने बताया कि बच्चों पर गार्डर और मलबा पड़ा हुआ था। मैंने अपने भाई का मुंह दबा हुआ पाया। सबसे पहले वहां मलबे में दबे बच्चों को अपने हाथों से खोद-खोदकर निकाला।

ह कहते हैं, इमारत के बगल में दूसरी इमारत में भी बच्चों को पढ़ाया जाता था, लेकिन बच्चे ज्यादा हो गए थे तो जगह साफ कर उन्हें उस इमारत में बिठा दिया गया। शंकर की पत्नी रुचि भी वहीं पढ़ाती हैं, मगर हादसे के समय वह वहां नहीं थी।

दिल्ली में ऐसी दुर्घटना पहली बार नहीं हुई है। पिछले साल सितंबर में दिल्ली के सीलमपुर इलाके में एक चार मंजिला इमारत गिर गई थी, जिसमें दो लोगों की मौत हो गई थी, जबकि तीन लोग घायल हुए थे।

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