कोरोना से बड़ा "मौत" का सामान बना लॉकडाउन, सिर्फ सड़क दुर्घटनाओं में गई 42 मजदूरों की जान
लॉक डाउन के बाद भूख प्यास, थकान और दुर्घटनाओं में मज़दूरों की मौत का सिलसिला चल रहा है. इसकी एक बड़ी वजह ये है कि 25 मार्च को एक दम से लॉकडाउन किए जाने के बाद शहरों में फंस गए प्रवासी मज़दूरों की जान आफ़त में आ गई है...
जनज्वार ब्यूरो। लॉक लॉक डाउन के बाद भूख प्यास, थकान और दुर्घटनाओं में मज़दूरों की मौत का सिलसिला चल रहा है. इसकी एक बड़ी वजह ये है कि 25 मार्च को एक दम से लॉकडाउन किए जाने के बाद शहरों में फंस गए प्रवासी मज़दूरों की जान आफ़त में आ गई है.डाउन के बाद भूख प्यास, थकान और दुर्घटनाओं में मज़दूरों की मौत का सिलसिला चल रहा है. इसकी एक बड़ी वजह ये है कि 25 मार्च को एक दम से लॉकडाउन किए जाने के बाद शहरों में फंस गए प्रवासी मज़दूरों की जान आफ़त में आ गई है. आप को जानकर हैरानी होगी की लॉकडाउन के पहले 2 चरणों में देश में 600 सकड़ दुर्घटनाएं हुई. इनमें 140 लोगों की मौत हुई. मरने वालों में 30 फीसदी मजूदर थे. लॉकडाउन के दो चरणों में 42 मजदूरों की मौत हो गई. सेव लाइफ फाउंडेशन की ये रिपोर्ट में ये बात कही गई है.
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी ने कहा है कि केंद्र सरकार को कोरोना वायरस के चलते अपने लॉकडाउन से वापसी के प्लान को लेकर पारदर्शिता दिखानी चाहिए. उन्होंने वीडियो कॉन्फ्रेस के जरिये एक संवाददाताओं से बातचीत के दौरान यह बात कही. मीडिया से बात करते हुए राहुल ने कहा, 'सरकार को इस मामले में शुरू से ही पारदर्शिता अपनानी थी. यह समझाना था कि किन क्षेत्रों को खोला जाएगा और इसका मापदंड क्या है.
पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष ने साफ कहा कि हम लॉकडाउन के कारण प्रभावित हुए लोगों को 'सपोर्ट' दिए बिना आगे नहीं बढ़ सकते. इस तबके को लॉकडाउन के कारण बहुत परेशानी उठानी पड़ी है. कांग्रेस नेता ने कहा कि केंद्र सरकार व राज्यों और सरकार व लोगों के बीच इस मसले पर काफी संवाद की जरूरत थी.
राहुल गांधी ने साफ किया कि ये समय सरकार की आलोचना करने का नहीं है बल्कि गरीब, मजदूर वर्ग पर ध्यान देने का है. उन्होनें सरकार से न्याय की तर्ज पर देश की 50 फीसदी आबादी के अकाउंट में 7500 रुपए ट्रांसफर किए जाए. साथ ही हम अपने जॉब क्रिएटर्स को बस डूबने के लिए छोड़ दें, ये सही नहीं हैं. उनके लिए 1 लाख करोड़ रुपये की वेज प्रोटेक्शन स्कीम लानी होगी, और MSME के लिए 1 लाख करोड़ रुपये की क्रेडिट गारंटी स्कीम सुनिश्चित करनी होगी.
लॉकडाउन के दौरान किसानों की स्थिति पर बात करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि किसानों को तुरंत मदद पहुंचाने के लिए 10,000 रुपए उन्हें दिए जाने की जरुरत है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस शासित राज्यों से जानकारी सामने आई है कि केंद्र सरकार द्वारा कोविड-19 को लेकर दिये जा रहे राहत पैकेज वहां नहीं पहुंच रहे हैं.