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लॉकडाउन में पेश की आदिवासी दंपती ने मिसाल, 20 दिन में दोनों ने मिलकर खोद डाला कुआं
एक तरफ जहां आदिवासी दंपती ने कुआं खोदा है, वहीं लोगों को हरी सब्जी उपलब्ध कराने का भी अभियान चलाया है, किचिन गार्डन में सब्जी उगा रहे हैं....
संदीप पौराणिक
सतना, जनज्वार। जब इरादे मजबूत हों तो कामयाबी मिलना तय है, इसका उदाहरण पेश किया है मध्य प्रदेश के सतना जिले के एक आदिवासी दंपती ने। इस दंपती ने कोरोना काल में पानी की समस्या से निजात पाने का संकल्प लिया। फिर क्या था दोनों जुट गए कुआं खोदने में, महज 20 दिन में उनकी मेहनत रंग लाई और कुआं खोद डाला व उस कुएं में पानी भी आ गया है।
सतना जिला मुख्यालय से लगभग 55 किलोमीटर दूर स्थित है मझगवां विकास खंड की पिण्ड्रा पंचायत का बरहा मवान गांव। इस गांव की आबादी लगभग सात सौ है। यहां के छोटू मवासी ओर उसकी पत्नी राजलली ने कोरोना के लॉकडाउन के कारण फुर्सत के पलों का उपयोग करने की ठानी। कुआं खोदकर इस दंपती ने आत्म निर्भरता की मिसाल पेश की है।
छोटू बताते हैं कि "कोरोना के कारण लॉकडाउन है। हम दोनों पति-पत्नी ने एक दिन सोचा क्यों न कुआं ही खोद लिया जाए। पानी की समस्या है, एक तो कुआं खुद जाएगा और दूसरा पानी की समस्या के निराकरण के साथ समय का भी सदुपयोग हो जाएगा। फिर क्या था, देानों जुट गए कुआं खोदने में। बीस दिन तक लगातार दोनों मिलकर खोदने में लगे रहे और कुआं खुद गया। पानी भी आ गया हैं। अब सरकार से अपेक्षा है कि वह इस कुएं को पक्का करा दे तो गांव के लोगों केा पीने का पानी मिलने लगेगा।"
एक तरफ जहां आदिवासी दंपती ने कुआं खोदा है, वहीं लोगों को हरी सब्जी उपलब्ध कराने का भी अभियान चलाया है। किचिन गार्डन में सब्जी उगा रहे हैं। राजलली बताती हैं कि उसने पति के साथ मिलकर कुआं खोद लिया है तो उसने किचन गार्डन भी लगाया। उसके मन में एक बात है कि जब कुआं खोदा जा सकता है तो सबकुछ किया जा सकता है।
आदिवासी दंपति ने 15 फुट गहरा और पांच फुट चौड़ा कुआं खोदा है। इस कुएं में पानी भी निकल आया है। मझगवां जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी अशोक मिश्रा का कहना है कि आदिवासी दंपती ने जो कुआं खोदा है उसे शासन की योजना में शामिल किया जाएगा। इस कुएं का मनरेगा के तहत पक्का कर कूप बनाया जाएगा।
एक आदिवासी दंपती द्वारा कुआं खोदने की चर्चा हर तरफ है। क्षेत्रीय सांसद गणेश सिंह ने भी गांव पहुंचकर आदिवासी दंपती से मुलाकात की और खोदे गए कुएं को देखा। उन्होंने आदिवासी दंपती द्वारा खोदे गए कुएं के चौड़ीकरण के साथ एक बड़े कूप का निर्माण करने के निर्देश दिए।