22 फरवरी से लोगों को भड़का रहे थे कपिल मिश्रा, लेकिन गृहमंत्री को चाहिए राहुल गांधी से जवाब
हिंसक भीड़ ने घरों, दुकानों, वाहनों और पेट्रोल पंपों पर पथराव किया जिससे कई अर्द्धसैनिक और दिल्ली पुलिस के जवानों समेत कम से कम 50 लोग घायल हो गए...
जनज्वार। 24 जनवरी को जब तमाम सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों और टेलीविजन चैनलों की स्क्रीन पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का भाषण चल रहा था तभी पूर्वोत्तर दिल्ली में हिंसा का खुला खेल चल रहा था। देखते ही देखते सोशल मीडिया पर हिंसा की तस्वीरें और वीडियो तेजी से वायरल होने लगी जिन्होंने लोगों का ध्यान ट्रंप के दौरे से दिल्ली की हिंसा की ओर खींच लिया। इस हिंसा के बाद मरने वालों की संख्या बढ़कर सात हो गई है। मारे गए लोगों में दिल्ली पुलिस के हेड कांस्टेबल रतन लाल भी शामिल हैं।
सोमवार 24 जनवरी को अधिकारियों ने कहा था कि हिंसा में कम से कम चार लोग मारे गए। उन्होंने बताया कि मंगलवार को मरने वालों की संख्या बढ़कर सात हो गई है। हिंसक भीड़ ने घरों, दुकानों, वाहनों और पेट्रोल पंपों पर पथराव किया जिससे कई अर्द्धसैनिक और दिल्ली पुलिस के जवानों समेत कम से कम 50 लोग घायल हो गए।
पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे और लाठीचार्ज का भी सहारा लिया क्योंकि जाफराबाद, मौजपुर, चांदबाग, खुरेजी खास और भजनपुरा में समर्थक और सीए विरोधी समूहों के बीच झड़पें हुईं। इसके बाद स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए सुरक्षा कर्मियों ने फ्लैग मार्च किया। पुलिस ने हिंसा से प्रभावित इलाके में सीआरपीएफ की धारा 144 लगाई है। चार लोगों के इकट्ठा होने पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है। यह स्थिति तब है जब अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अपने भारत दौरे के दूसरे दिन दिल्ली में ही हैं।
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बता दें कि 17 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट ने शाहीन बाग के सीएए विरोधी आंदोलन को लेकर कहा था कि विरोध प्रदर्शनों को 'चिन्हित क्षेत्रों' में आयोजित किया जाना चाहिए और प्रदर्शनकारी सार्वजनिक सड़कों को अवरुद्ध नहीं कर सकते हैं और दूसरों को असुविधा का कारण बन सकते हैं। जस्टिस एस के कौल और के एम जोसेफ की बेंच ने कहा था कि आप सार्वजनिक सड़कों को अवरुद्ध नहीं कर सकते। ऐसे क्षेत्र में विरोध की अनिश्चित अवधि नहीं हो सकती है। यदि आप विरोध करना चाहते हैं, तो यह चिह्नित क्षेत्र में होना चाहिए। आप लोगों के लिए असुविधा पैदा नहीं कर सकते। कोर्ट ने आंदोलनकारियों से कहा था कि यह देखें कि क्या आंदोलन को कहीं और स्थानांतरित किया जा सकता है।
इसके बाद कुछ सीएए विरोधियों ने शाहीनबाग आंदोलन से हटकर जाफराबाद में आंदोलन शुरु कर दिया। इसके बाद से भाजपा नेता कपिल मिश्रा लगातार सक्रिय रहे। कपिल मिश्रा ने 22 फरवरी को ट्वीट कर लिखा कि अभी रात को दिल्ली के जाफराबाद की मैन रोड पर भी कब्जा कर लिया गया है। एक और सड़क बंद ....बांटो बिरयानी।'
अभी रात को दिल्ली के जाफराबाद की मैन रोड पर भी कब्जा कर लिया गया है
एक और सड़क बंद ....
बांटो बिरयानी pic.twitter.com/0evdpDpoCs
— Kapil Mishra (@KapilMishra_IND) February 22, 2020
23 फरवरी को कपिल मिश्रा ने कई ट्वीट किए। एक ट्वीट में उन्होंने कहा था जाफराबाद में अब स्टेज बनाया जा रहा हैं। एक और इलाका जहां अब भारत का कानून चलना बंद। सही कहा था मोदी जी ने शाहीन बाग एक प्रयोग था। एक एक करके सड़को, गलियों, बाजारों, मोहल्लों को खोने के लिए तैयार रहिए। चुप रहिए, जब तक आपके दरवाजे तक ना आ जाएं, चुप रहिए।
जाफराबाद में अब स्टेज बनाया जा रहा हैं
एक और इलाका जहां अब भारत का कानून चलना बंद
सही कहा था मोदी जी ने शाहीन बाग एक प्रयोग था
एक एक करके सड़को, गलियों , बाजारों, मुहल्लों को खोने के लिए तैयार रहिए
चुप रहिए , जब तक आपके दरवाजे तक ना आ जाएं, चुप रहिए pic.twitter.com/san18pqjIa
— Kapil Mishra (@KapilMishra_IND) February 23, 2020
दूसरे ट्वीट में उन्होंने सीएए के समर्थकों से सड़कों पर उतरने के लिए कहा, 'आज ठीक तीन बजे - जाफराबाद के जवाब में, जाफराबाद के ठीक सामने, मौजपुर चौक की रेड लाइट पर सीएए के समर्थन में डंके की चोट पर हम लोग सड़क पर उतरेंगे, आप सभी आमंत्रित हैं।'
आज ठीक तीन बजे - जाफराबाद के जवाब में
जाफराबाद के ठीक सामने
मौजपुर चौक की रेड लाइट पर
CAA के समर्थन में
डंके की चोट पर
हम लोग सड़क पर उतरेंगे
आप सभी आमंत्रित हैं
— Kapil Mishra (@KapilMishra_IND) February 23, 2020
फिर अगले ट्वीट में उन्होंने लिखा, 'ये हैं भजनपुरा चांद बाग रोड - अभी अभी ये सड़क भी बंद कर दी हैं मुस्लिम भीड़ ने। उधर से जाफराबाद बंद, इधर से चांद बाग बंद। यानी दिल्ली के जमनापार में रहने वाले लगभग 35 लाख लोग अब कैद में हैं, ना कोई आ सकता, ना जा सकता। बाहर जाने के दोनों रास्तों पर कब्ज़ा हो चुका हैं।'
ये हैं भजनपुरा चांद बाग रोड - अभी अभी ये सड़क भी बंद कर दी हैं मुस्लिम भीड़ ने
उधर से जाफराबाद बंद, इधर से चांद बाग बंद
यानी दिल्ली के जमनापार में रहने वाले लगभग 35 लाख लोग अब कैद में हैं, ना कोई आ सकता, ना जा सकता
बाहर जाने के दोनों रास्तों पर कब्ज़ा हो चुका हैं pic.twitter.com/8FNplzi982
— Kapil Mishra (@KapilMishra_IND) February 23, 2020
एक और ट्वीट में कपिल मिश्रा ने लिखा, 'दिल्ली में दूसरा शाहीन बाग नहीं बनने देंगे।'
दिल्ली में दूसरा शाहीन बाग नहीं बनने देंगे
— Kapil Mishra (@KapilMishra_IND) February 23, 2020
23 फरवरी को एक और ट्वीट में अब सीएए के समर्थन में मौजपुर चौक पर जाफराबाद के सामने, कद बढ़ा नहीं करते एड़ियां उठाने से, सीएए वापस नहीं होगा सड़कों पर बीबियां बिठाने से।
Now at Muajpur in suport of CAA
मौजपुर चौक पर जाफराबाद के सामने
कद बढ़ा नहीं करते
एड़ियां उठाने से
CAA वापस नहीं होगा
सड़कों पर बीबियाँ बिठाने से pic.twitter.com/yUC5BOBR6H
— Kapil Mishra (@KapilMishra_IND) February 23, 2020
उसी दिन कपिल मिश्रा ने सीएए समर्थकों को संबोधित किया और पुलिस अधिकारियों के सामने ही उन्हें रास्ता खाली करवाने का अल्टीमेटम दिया। वीडियो में वह यह कहते हुए सुनाई दे रहे हैं कि दिल्ली पुलिस को तीन दिन का अल्टीमेटम - जाफराबाद और चांद बाग की सड़कें खाली करवाइए इसके बाद हमें मत समझाइयेगा, हम आपकी भी नहीं सुनेंगे।
दिल्ली पुलिस को तीन दिन का अल्टीमेटम - जाफराबाद और चांद बाग की सड़कें खाली करवाइए इसके बाद हमें मत समझाइयेगा , हम आपकी भी नहीं सुनेंगे, सिर्फ तीन दिन@DelhiPolice pic.twitter.com/9ozTazMZew
— Kapil Mishra (@KapilMishra_IND) February 23, 2020
हालांकि जब हिंसा ने व्यापक रुप ले लिया तो कपिल मिश्रा ने शांति की अपील करते हुए खुद का बचाव किया। इसके बाद एक ट्वीट में उन्होंने कहा, 'मेरी सभी से अपील हैं कि हिंसा से कोई समाधान नहीं निकलता, हिंसा किसी विवाद का हल नहीं। दिल्ली का भाईचारा बना रहे इसी में सबकी भलाई हैं। सीएए समर्थक हो या सीएए विरोधी या कोई भी, हिंसा तुरंत बंद होनी चाहिए। मेरी पुनः अपील, हिंसा बंद कीजिए।'
दूसरे ट्वीट में कहा, 'सीएए विरोधी भजनपुरा, चांद बाग, करावल नगर, मौजपुर, बाबरपुर, जाफराबाद में दंगा कर रहे हैं। पेट्रोल पंप , घरों, मंदिरों, गाड़ियों में पथराव और आगजनी। स्थिति बहुत भयानक है। पुलिस को तुरंत इनको चांद बाग और जाफराबाद की सड़को से बलपूर्वक हटाना चाहिए। सब लोगों से अपील शांति बनाए रखिये।'
वहीं केंद्रीय गृह राज्यमंत्री जी किशन रेड्डी इस हिंसा को एक साजिश बता रहे हैं। रेड्डी ने कपिल मिश्रा के बयानों पर तो कुछ नहीं कहा लेकिन विपक्ष दलों के नेताओं और सीएए विरोधी आंदोलनकारियों को ही हिंसा का जिम्मेदार ठहरा दिया। उन्होंने कहा कि इस घटना के लिए राहुल गांधी और सीएए विरोधी जिम्मेदार हैं।
रेड्डी ने कहा कि यह घटना निंदनीय है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दौरे के वक्त इसको जान-बूझकर उकसाया जा रहा है। लोकतंत्र के दायरे में रहकर अपनी भावनाओं को जाहिर करना चाहिए। उन्होंने शाहीन बाग की ओर से इशारा करते हुए कहा कि दो महीने नेशनल हाइवे बंद किया तब भी हमने रुकावट नहीं की। आज पत्थर मार रहे हैं, आगजनी कर रहे हैं, सरकार इसको सहन नहीं करेगी और सख्त कार्रवाई करेगी।
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उन्होंने कहा कि गृह मंत्रालय हालात पर नजर बनाए हुए है। अमेरिकी राष्ट्रपति के दिल्ली में रहते हुए इस तरीके के षड्यंत्र पर राहुल गांधी और सीएए का विरोध करने वालों को जवाब देना चाहिए। ट्रंप के दौरे पर देश की इमेज खराब करने की कोशिश की जा रही है।
उन्होंने आगे कहा कि गृह मंत्रालय लगातार दिल्ली पुलिस के संपर्क में है और हालात की जानकारी ले रहा है। दिल्ली पुलिस सीपी कंट्रोल रूम में मौजूद हैं और ग्राउंड पर मौजूद अफसरों से लगातार ब्रीफिंग ले रहे हैं। जानकारी सामने आ रही है कि जाफराबाद और आसपास के इलाकों में हुई घटना सुनियोजित साजिश है।