बड़ी खबर : पत्नी व बेटे संग जेल भेजे गये सांसद आजम खान, जानें क्या है मामला
Azam Khan News : हमसे बड़ा क्रिमिनल कौन? रामपुर में वोटिंग के दौरान आजम खान का बड़ा बयान
जनज्वार। समाजवादी पार्टी के सांसद आजम खान के साथ-साथ उनकी विधायक पत्नी तजीन फात्मा और बेटे अब्दुल्लाह आजम को रामपुर की एडीजे-6 कोर्ट ने 2 मार्च तक न्यायिक हिरासत में जेल भेजने का आदेश बुधवार को दिया है।
जानकारी के अनुसार फर्जी जन्म प्रमाणपत्र बनाने के मामले में गैर जमानती वारंट जारी होने के बाद इनपर ये कार्रवाई की गयी है। मामले में बुधवार को आजम खान पत्नी व बेटे के साथ कोर्ट के समक्ष पेश हुए थे। जहां कोर्ट ने तीनों को न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेजने का आदेश दिया। मामले में अगली सुनवाई 2 मार्च को होगी।
आजम खान के साथ उनकी पत्नी और बेटे को 2 मार्च तक न्यायिक हिरासत में भेजा गया है। इससे पहले आज ही तीनों ने कोर्ट में सरेंडर किया था। आजम खां ने कोर्ट में जमानत के लिए याचिका दाखिल की थी जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया।
आपको बता दें कि सपा सांसद ने 20 मामलों में जमानत याचिका दायर की थी. कई मामलों में तो उन्हें जमानत मिल गयी लेकिन एक मामले में वे फंस गये। दरअसल, बेटे अब्दुल्ला आजम के फर्जी प्रमाण पत्र और दो पासपोर्ट के मामले में धारा 420 के तहत दर्ज मामले में उन्हें राहत नहीं मिली। कोर्ट ने उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी. सपा सांसद को अब जमानत के लिए हाईकोर्ट का रुख करना होगा।
आजम खान के जेल जाने के बाद रामपुर में हिंसा की आशंका जतायी जा रही है। रामपुर के एसपी ने कानून व्यवस्था बिगड़ने की आशंका जताते हुए कहा है कि आजम को रामपुर जेल में नहीं रखा जाना चाहिए। उन्हें किसी अन्य जिले में भेजा जाना चाहिए।
मामले में कुर्की की मुनादी होने के बावजूद कोर्ट में तीनों पेश नहीं हुए। कोर्ट तीनों की संपत्ति कुर्क करने के आदेश पहले ही दे चुकी थी। इनके द्वारा अग्रिम जमानत की याचिका भी डाली गयी थी जिसे सोमवार को कोर्ट ने खारिज कर दिया था। यहां आपको बताते चलें कि अब्दुल्ला आजम खां के जन्म के दो प्रमाणपत्र होने के मामले में भाजपा लघु उद्योग प्रकोष्ठ के क्षेत्रीय संयोजक आकाश सक्सेना ने मामला दर्ज करवाया था।
अप्रैल में पुलिस ने मामले में चार्जशीट दाखिल की थी जिसकी सुनवाई एडीजे-6 कोर्ट में जारी है। सुनवाई के दौरान लगातार तीनों गैरहाजिर रहे जिसके बाद कोर्ट ने तीनों के खिलाफ पहले समन, फिर जमानती वारंट और बाद में गैरजमानती वारंट जारी करने के आदेश दिये थे।