एनजीटी ने दिया उत्तराखण्ड के दो स्टोन क्रशरों को आदेश, अन्यत्र स्थानांतरित करें अपने प्लांट
आदेश का पालन नहीं होने पर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, उद्योग विभाग और जिलााधिकारी नैनीताल जबरन हटा देंगे हिमालय स्टोन क्रशर और हिमालया ग्रिट्स स्टोन क्रशर को
हल्द्वानी से संजय रावत की रिपोर्ट
पर्यावरण दूषित करने के मामले में एन.जी.टी. द्वारा दो स्टोन क्रशर बंद कर अन्यत्र स्थानांतरित करने के निदेश जारी किए है। ये आदेश वर्ष 2016 से एनजीटी में चल रहे मामले की सुनवाई के दौरान 3 अप्रैल को जारी किए गए।
घटनाक्रम के अनुसार हिमालय स्टोन क्रशर और हिमालया ग्रिट्स अपनी स्थापना के समय से ही नियम मानकों को ताक में रख संचालित किए जा रहे थे। शिकायत के बाद ये मामला हाईकोर्ट नैनीताल पहुंचा और उसके बाद एनजीटी।
एनजीटी में सुनवाई के दौरान पहले उक्त स्टोन क्रशर को रात में प्लांट चलाने की मनाही ही नहीं की, बल्कि समय ही निर्धारित कर दिया जिसका पूर्ण रूप से कभी पालन नहीं हो पाया। लगातार सुनवाई और साक्ष्यों को देखते हुए स्थानांतरण करने के निर्देश जारी कर दिए।
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इन निर्देर्शों के अनुसार हिमालय स्टोन कम्पनी और हिमालय ग्रिट्स एक सप्ताह के अंदर शपथ पत्र दाखिल करेंगे कि 30 नवम्बर 2018 तक मौजूदा स्थान फत्ता बांगर, तहसील लालकुआं से अन्यत्र स्थानांतरित करेंगे। ऐसा न करने कि स्थिति में एनजीटी ने निर्देश जारी किए कि प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, उद्योग विभाग और जिलााधिकारी नैनीताल बल पूर्वक दोनों क्रशर्स को हटा देगा।
इस मामले की पुष्टि करते हुए अधिवक्ता दुष्यंत मैनाली ने बताया कि यह मामला वर्ष 2016 से चल रहा था, जिस पर एनजीटी ने ये निर्देश जारी किए है। उक्त क्रशर स्वामी भूमेश अग्रवाल से हमने इस बावत बात की तो उनका कहना था कि एक सप्ताह के भीतर हमने शपथ पत्र दाखिल तो करना है, पर निर्देश में एनजीटी ने कहा है कि सरकारी नीतियों के अनुपालन के तहत कार्यवाही अमल में लाई जाएगी।
यहां उल्लेखनीय है कि उक्त मामले की सुनवाई के दौरान एनजीटी ने हल्द्वानी - लालकुआं क्षेत्र के सभी स्टोन क्रशर्स की पर्यावरणीय जांच 'केन्द्रीय पर्यावरण एवं प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड' से करवाई थी, जिस पर करीब 300 पृष्ठ की रिपोर्ट बनाई गयी है। उक्त क्रशर पर निर्देश जारी करने के बाद अब अन्य स्टोन क्रशर की सुनवाई 10 अप्रैल को होनी है।