अरुणा राय कहती हैं, शंभूलाल ने इस जघन्य कृत्य के लिए 6 दिसंबर का दिन भी इसलिए चुना है, क्योंकि वह बाबरी मस्जिद को ढहाने की घटना को भी अपने कुकृत्य से जोड़ना चाहता था...
अजमेर। 'राजस्थान के राजसमन्द में जिस तरह एक कट्टर हिंदूवादी सोच से भरे दिमाग वाले सनकी व्यक्ति ने नृशंसता से पश्चिमी बंगाल के प्रवासी मज़दूर अफराजुल की हत्या की और उसका वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल किया है, वह इस देश के ताने-बाने को पूरी तरह ख़त्म करने की साजिश का हिस्सा है। इस साजिश में इस देश और राज्य की सरकारें भी पूरा योगदान दे रही हैं। मज़दूर किसान शक्ति संगठन को इससे बहुत बड़ा धक्का लगा है और हम इसकी कड़े शब्दों में निंदा करते हैं।' यह बात सुप्रसिद्ध राजनीतिक—सामाजिक कार्यकर्ता ने कही।
राजसमंद के नृशंस हत्याकांड के विरोध में विभिन्न सामाजिक संगठनों ने अजमेर प्रेस क्लब में प्रेस वार्ता के दौरान यह बातें कहीं।
सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों ने कहा कि राजस्थान की वसुंधरा राजे सरकार मुसलमानों पर दिन-प्रतिदिन बढ़ रहे हमलों को रोकने में पूरी तरह असफल है। ऐसे लगता है जैसे राज्य में कानून नाम की कोई चीज ही नहीं है।
राजस्थान में यह कोई पहली घटना नहीं है, पिछले 9 महीने में यह चौथी घटना है, जिसमें नफ़रत और फासीवादी सोच के चलते किसी व्यक्ति की हत्या की गई है। हिन्दुवादी ताकतों ने राजस्थान को एक प्रयोगशाला बना दिया है, जहां लोगों के दिमाग में वहशीपन भरा जा रहा है। देश के लोकतान्त्रिक एवं पंथ निरपेक्ष ढांचे को गहरी चोट पहुंचाई जा रही है और उसे बचाने में वसुंधरा राजे सरकार पूरी तरह से विफल रही है।
गौरतलब है कि राजसमंद जिले में नृशंस हत्याकांड को अंजाम देने वाले शंभूलाल रैगन ने हत्या के कृत्य का न सिर्फ वीडियो बनवाया, बल्कि उसमें हिंदूवादी बातों का जिस तरह जिक्र किया है वह बात कोई आम नागरिक नहीं कर सकता है।
सामाजिक कार्यकर्ताओं ने कहा कि शंभूलाल ने इस जघन्य कृत्य के लिए 6 दिसंबर का दिन भी इसलिए चुना है, क्योंकि वह बाबरी मस्जिद को ढहाने की घटना को भी अपने कुकृत्य से जोड़ना चाहता था। उसने वीडियो में यह तथ्य रेखांकित भी किया कि देश में 25 साल पहले बाबरी मस्जिद को ढहाए जाने के बाद भी कुछ नहीं हुआ। ऐसे हालात में उन लोगों तक पहुंचना बहुत जरूरी है, जो नफ़रत और हत्या की मानसिकता को बढ़ावा दे रहे हैं।
अरुणा राय ने कहा, मन की बात करने वाले हमारे देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जो बहुत छोटी-छोटी बातों पर तो तुरंत प्रतिक्रिया देते हैं, लेकिन जिस प्रकार से देश में मुसलमानों की हत्याएं की जा रही हैं, उन पर आज तक नहीं बोले हैं। उनको अपनी चुप्पी तोड़ते हुए देश की जनता को सुरक्षा और भय तथा नफ़रत से मुक्त वातावरण के लिए आश्वस्त करना चाहिए।
इस दौरान मांग की गई कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे नफरत की वजह से हुई अफराजुल की हत्या सहित अन्य सभी घटनाओं की सार्वजानिक तौर पर तुरंत निंदा करें।
राजस्थान में नफरत के आधार पर जितनी भी घटनाएँ हुई हैं, उनके अपराधियों और साजिशकर्ताओं को तुरंत गिरफ्तार किया जाये। भारतीय जनता पार्टी के लोग और कई जगह विधायक तक इन हत्याओं को सरंक्षण दे रहे हैं, जिन्हें तुरंत बंद किया जाना चाहिए।
साथ ही मांग की गई कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और विश्व हिन्दू परिषद् के समाज में नफरत फ़ैलाने वाले कार्यक्रमों पर रोक लगाई जाये।
इस कार्यक्रम में अरुणा रॉय, निखिल डे, शंकर सिंह एवं मज़दूर किसान शक्ति संगठन के कई कार्यकर्ता शामिल रहे।