योगीराज में उत्तर प्रदेश की सड़कों पर गड्ढों के अलावा क्या है एक बार आप भी देखिए कि सड़कों को गड्ढामुक्त करने के दावों के बीच किस तरह उन्हें गड्ढा युक्त कर दिया गया है....
जनज्वार। योगी सरकार की गड्ढामुक्त सड़कों की हकीकत क्या है अगर जानना चाहते हैं तो इस खबर के साथ लगा वीडियो जरूर देखिए। अगर फिर भी यकीन न आए तो एक बार उत्तर प्रदेश की सड़कों से सफर कीजिए, तब यकीनन जुमलेबाजी और हकीकत का फर्क साफ-साफ नजर आ जाएगा।
मुख्यमंत्री योगी के दावों के विपरीत कुछ ऐसी ही हकीकत बयां करती है उत्तर प्रदेश में मनकापुर से गोंडा जाने वाली सड़क। 20 किलोमीटर की इस सड़क पर गड्ढों के अलावा क्या है एक बार आप भी देखिए और योगी सरकार को बताइए कि उन्होंने सड़कों को गड्ढामुक्त नहीं युक्त कर दिया। वहीं बस्ती जिले में शिवाघाट से बैरिहवा हसीनाबाद तक ऐसी सड़क है जिस पर ड्राइवर जाने का नाम नहीं लेते हैं।
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री बनते ही योगी आदित्यनाथ ने दावा और वादा किया था कि वह 15 जून 2017 तक राज्य की सभी सड़कों को गड्ढा मुक्त कर देंगे, मगर हकीकत और जुमलों का फर्क रोड पर नजर आ जाता है। उसके बाद योगी सरकार की तरफ से दावा किया गया था कि नवंबर 2018 तक तो पूरी तरह गड्ढे भर दिए जाएंगे।
आंकड़े बताते हैं कि दावों के विपरीत सड़कों पर गड्ढे मौत को दावत देते नजर आ रहे हैं। इन्हीं गड्ढों के चलते उत्तर प्रदेश में हादसों में उत्तर प्रदेश में सैकड़ों लोगों ने अपनी जान गंवाई। वर्ष 2017 में उत्तर प्रदेश में 987 लोगों की जान सड़क पर गड्ढों की वजह से हुए हादसों में गई, जो देश में किसी भी राज्य में होने वाली सड़क दुर्घटना की घटनाओं में सर्वाधिक थीं।
रोड एक्सीडेंट की खबरें बताती हैं कि गड्ढों में तब्दील हो चुकी सड़कें जानलेवा साबित हो रही हैं। पूरे देशभर में वर्ष 2017 में गड्ढों ने 3,597 लोगों की जान ली, यानी गड्ढों की वजह से हमारे देश में औसतन रोजाना 10 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी। 2016 के मुकाबले 2017 में यह आंकड़ा 50 फीसदी तक बढ़ गया। 2018 में भी रोड हादसों की संख्या डराती है।