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देश में पहली बार दर्ज हुआ बेटी के पिता पर दहेज देने का मामला

Prema Negi
23 July 2019 5:27 AM GMT
देश में पहली बार दर्ज हुआ बेटी के पिता पर दहेज देने का मामला
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ऐसा पहली बार हुआ है जब दहेज मामले में हिंदू विवाह अधिनियम की धारा तीन का इस्तेमाल किया गया है और दहेज देने वाले के खिलाफ मामला दर्ज करने का निर्देश दिया गया हो...

जेपी सिंह की रिपोर्ट

क्या आपने कभी सुना है कि अपनी लड़की के विवाह में दहेज देने पर उसके पिता के खिलाफ दहेज देने का मामला दर्ज़ किया गया हो? नहीं न! लेकिन राजस्थान की एक अदालत ने एक पिता पर अपनी बेटी के ससुराल वालों को कथित तौर पर दहेज देने के संबंध में मामला दर्ज करने का निर्देश दिया है। ऐसा पहली बार हुआ है जब दहेज मामले में हिंदू विवाह अधिनियम की धारा तीन का इस्तेमाल किया गया है और दहेज देने वाले के खिलाफ मामला दर्ज करने का निर्देश दिया गया हो।

जोधपुर के मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट ने लड़की के पिता सेवानिवृत्त कर्मचारी रामलाल पर दहेज देने को लेकर मामला दर्ज करने को कहा है। लड़की के पिता रामलाल ने दलील रखे जाने के दौरान कहा था कि उन्होंने अपनी बेटी के ससुराल वालों को पर्याप्त दहेज दिया था और एक लाख रुपये नकद भी लिफाफा में दिया था। उनकी बेटी मनीषा की शादी 2017 में हुई थी।

रअसल जोधपुर के एक व्यक्ति ने पुत्री के ससुराल वालों पर दहेज प्रताड़ना का मामला दर्ज कराया था। पिता ने शिकायत में कहा था कि उसने बेटी की शादी में दहेज में एक लाख रुपए नगद दिए थे। इसे आधार बनाकर लड़के के पिता ने समधी पर दहेज देने का केस दर्ज करने का आग्रह न्यायालय से किया था।

रिटायर्ड फौजी रामलाल ने बेटी मनीषा का विवाह साल 2017 में कैलाश प्रजापति के साथ किया था। मनीषा का आरोप है कि विवाह के बाद से अब तक पति से किसी भी तरह के संबंध नहीं बन पाए। कैलाश के पिता बहू पर बुरी नजर रखते हैं। कैलाश नोएडा में एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर के पद पर निजी कंपनी में कार्यरत है। विवाह के बाद मनीष के पिता उसको लेकर कैलाश के नोएडा स्थित मकान पर पहुंच गए, जिसके बाद कैलाश ने नाराजगी जाहिर करते हुए दोनों बाप-बेटी को वहां से भगा दिया।

सने मनीषा को साफ कह दिया कि वह उससे किसी तरह का संबंध नहीं रखना चाहता। मनीषा बताती हैं कि कैलाश और उसके भाई की शादी एक साथ हुई थी। कैलाश के भाई के ससुराल वालों ने उसके ससुराल वालों को भरपूर दान दहेज दिया, जिसको लेकर उसके ससुर उसे ताना देते थे और उस पर बुरी नीयत रखते थे।

नीषा ने ससुराल वालों के खिलाफ दहेज प्रताड़ना और ससुर पर छेड़छाड़ का केस दर्ज करवाया। यह मामला न्यायालय में विचाराधीन है। पारिवारिक न्यायालय में मनीषा और उसके पिता रामलाल के बयान दर्ज किए गए। रामलाल ने कोर्ट में बताया कि उसने बेटी की शादी धूमधाम से की थी और यथासंभव स्त्री धन भी दिया। उसने बंद लिफाफे में वर पक्ष को एक लाख रुपए दिए।

नीषा के ससुर जेठमल प्रजापत पेशे से शिक्षक हैं। उनका आरोप है कि मनीषा और उसके पिता ने हमारे परिवार पर शादी का पूरा खर्च वापस लेने का दबाव बनाया। इसी को लेकर केस दर्ज करवाया है। चूंकि रामलाल ने बयान में यह माना है कि उसने एक लाख रुपए बंद लिफाफे में दिए हैं। जेठमल का कहना है कि हमने दहेज नहीं लिया। इधर, मनीषा के पिता यह स्वीकार करते हैं कि मैंने दहेज दिया है।

जेठमल ने इस्तगासा महानगर मजिस्ट्रेट संख्या 5 के समक्ष लड़की के परिवार पर दहेज देने का आरोप लगाया। कोर्ट ने इस मामले में केस दर्ज करने का आदेश दिया। दहेज लेने के आरोपित लड़के के पिता जेठमल ने कोर्ट में दलील दी है कि दहेज लेना और देना दोनों अपराध हैं। ऐसे में एक पक्ष ही सजा क्यों भुगते। दूसरे पक्ष पर भी केस दर्ज कर उसका चालान पेश किया जाना चाहिए और संभवत: प्रदेश ही नहीं देश में यह पहला मामला है, जब कोर्ट ने किसी दहेज देने वाले पिता पर केस दर्ज करने के आदेश दिए हैं।

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