Begin typing your search above and press return to search.
समाज

यूपी में गुंडागर्दी चरम पर, पुलिस वैन से खींचकर कर दी हत्या

Prema Negi
29 Nov 2018 9:39 AM IST
यूपी में गुंडागर्दी चरम पर, पुलिस वैन से खींचकर कर दी हत्या
x

पुलिस की मौजूदगी के बावजूद भीड़ में शामिल एक युवक जख्मी राजेंद्र को तब तक मारता रहा, जब तक उसके प्राण पखेरू नहीं उड़ गए....

सुशील मानव की रिपोर्ट

जनज्वार। क्या प्रशासन का चरित्र सचमुच इतना तरल होता है कि सत्ता में बैठे व्यक्ति की सोच में तब्दील हो जाती है। यूपी पुलिस के बारे में ये बात सौ फीसदी मुफीद बैठती है। क्रिमिनल माइंड का व्यक्ति सत्ता में होता है तो प्रशासन उसका शूटर बनकर रह जाती है। गुजरात और उत्तर प्रदेश में पुलिस द्वारा किए गए सैकड़ों फर्जी एनकाउंटर इन बातों को और पुख्ता करते हैं।

बता दें कि उत्तर प्रदेश के शामली जिले के झिनझाना पुलिस स्टेशन के अंतर्गत आने वाले हाथछोया गांव में यूपी पुलिस की मौजूदगी में भीड़ ने 27 नवंबर को एक युवक की पीट-पीटकर हत्या कर दी। सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीडियो में देखा जा सकता है कि वारदात के दौरान पुलिस मौके पर मौजूद होकर भी तमाशबीन बनी हुई है।

28 वर्षीय राजेंद्र कश्यप नाम के युवक का दूसरे पक्ष के हाशिम, रिफू, सदाकत, वसार, सहादत और आमीर आदि लोगों से किसी बात को लेकर सोमवार 26 नवंबर को झगड़ा हो गया था, जिसके बाद गुस्साए लोगों ने उस पर लाठी से हमला कर दिया। सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंच तो गई, लेकिन जख्मी राजेंद्र की जान बचाने की किसी जल्दबाजी में नहीं दिखी और पुलिस के वाहन में होने के बावजूद हमलावर उसे जिंदा छोड़ने को किसी कीमत पर तैयार नहीं हुए।

यह भी पढ़ें : पुलिस ने लिंचिंग के शिकार अकबर के मरने का पहले किया इंतज़ार, फिर ले गयी अस्पताल

पुलिस की मौजूदगी के बावजूद भीड़ में शामिल एक युवक जख्मी युवक पर तब तक मारता रहा, जब तक वह बुरी तरह जख्मी होकर सड़क पर नहीं गिर गया। पूरे घटनाक्रम में यूपी पुलिस की भूमिका तमाशबीन की बनी रही।

इन निंदनीय घटना का वीडियो जैसे ही सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, शामली के एसपी अजय कुमार ने मामले को रफा-दफा करने के उद्देश्य से टि्वटर पर ट्वीट किया कि शामली की घटना में मौके पर मौजूद पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया गया है। आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की कई धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। घटना के बाद क्षेत्र में तनाव देखने को मिला है, ऐसे में प्रशासन ने अतिरिक्त पुलिस बल तैनात कर दिया है।

इससे पहले इसी साल के जून महीने में पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले के पिलखुआ हापुड़ के कासिम और समयाउद्दीन को लोगों ने गौकशी के फर्जी आरोप लगाकर लिंचिंग की थी और जिंदा कासिम को यूपी पुलिस के पीछे पीछे लोग सड़क पर घसीटकर ले जा रहे थे।

यह भी पढ़ें : गोहत्या के नाम पर यूपी में भीड़ ने फिर किया एक दादरी कांड

वहीं इसी साल की 3 फरवरी की रात को यूपी पुलिस के के चौकी इंचार्ज विजय दर्शन शर्मा ने जिम ट्रेनर जीतेंद्र यादव को पकड़कर गर्दन में गोली मार दी थी, जब जितेंद्र यादव बहन की सगाई करके स्कॉर्पियो से अपने दोस्तों के साथ गाजियाबाद से लौट रहा था। उस मौके पर विजय दर्शन के साथ तीन पुलिसकर्मी और थे।

जीतेंद्र के दोस्तों के मुताबिक विजय दर्शन ने उन्हें धमकी दी कि ‘प्रमोशन का सीज़न चल रहा है और आउट ऑफ टर्न प्रमोशन के लिए उन्हें एक-दो को टपकाना है।’ जबकि इसी साल के सितंबर महीने में अलीगढ़ के मुस्तकीम और नौशाद को पुलिस घर से उठाकर ले गई और अपराधी घोषित करके मीडिया के सामने एनकाउंटर कर दी, जबकि पिछले महीने ही यूपी पुलिस द्वारा दिनदहाड़े विवेक तिवारी की हत्या का मामला बहुत तूल पकड़ लिया था जिसे योगी सरकार ने पीड़िता को 40 लाख और सरकारी नौकरी के बल पर खरीदकर शांत करवाया था।

पढ़ें : अब सीतामढ़ी में चोरी के शक में भीड़ ने मार डाला एक शख्स को

उपरोक्त घटनाओं के आईने में आज की तारीख में यूपी पुलिस की भूमिका क्या रह गई है ये आसानी से जाना-समझा जा सकता है। पुलिस न सिर्फ पेड क्रिमिनल की पोजीशन में आ गई है, बल्कि सबसे ज्यादा क्राइम आज पुलिस ही कर रही है। अगर समय रहते मौके पर पहुंचकर भी पुलिस किसी की जान नहीं बचा सकती तो किस काम की है यूपी पुलिस।

Next Story

विविध