Begin typing your search above and press return to search.
सिक्योरिटी

प्रवर्तन निदेशालय को नहीं है पासपोर्ट जब्‍त करने का अधिकार, सुप्रीम कोर्ट

Prema Negi
25 Feb 2020 7:19 AM IST
प्रवर्तन निदेशालय को नहीं है पासपोर्ट जब्‍त करने का अधिकार, सुप्रीम कोर्ट
x

सुप्रीम कोर्ट ने कहा, प्रवर्तन निदेशालय के पास पासपोर्ट जब्त करने का अधिकार नहीं, केवल संबंधित पासपोर्ट प्राधिकारी ही पासपोर्ट जब्त कर सकता है, इसलिए हम बहसतलब आदेश में हस्तक्षेप करने के इच्छुक नहीं हैं....

जेपी सिंह की टिप्पणी

जनज्वार। उच्चतम न्यायालय ने कहा है कि पासपोर्ट केवल पासपोर्ट अधिकारी ही जब्त कर सकते हैं। उच्चतम न्यायालय ने दोहराया है कि प्रवर्तन निदेशालय को पासपोर्ट जब्‍त करने अधिकार नहीं है। पासपोर्ट केवल पासपोर्ट अधिकारी ही जब्त कर सकते हैं। उच्चतम न्यायालय बॉम्बे हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ दायर प्रवर्तन निदेशालय की याचिका पर विचार कर रहा था। बॉम्बे हाईकोर्ट ने अपने फैसले में विशेष जज के फैसले को बरकरार रखा था, जिन्होंने अशोक रामचंदर चुगानी के पासपोर्ट, रेजिडेंट परमिट और पैन कार्ड लौटाने का निर्देश दिया था।

स्टिस अरुण मिश्रा और ज‌स्टिस इंदिरा बनर्जी की पीठ ने कहा कि सुरेश नंदा बनाम केंद्रीय जांच ब्यूरो, (2008) 3 एससीसी 674 के मामले में इस न्यायालय के निर्णय के मद्देनजर, जिसमें इस न्यायालय ने निर्धारित किया है कि प्रवर्तन निदेशालय के पास पासपोर्ट जब्त करने का अधिकार नहीं है, केवल संबंधित पासपोर्ट प्राधिकारी ही पासपोर्ट जब्त कर सकता है। इसलिए हम बहसतलब आदेश में हस्तक्षेप करने के इच्छुक नहीं हैं।

मामले में अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल अमन लेखी ने अदालत से प्रतिवादी पर ऐसी शर्तें लगाने का आग्रह किया कि वे मामले के खात्मे तक देश नहीं छोड़ सकें, क्योंकि वह एक डच नागरिक हैं और गंभीर किस्म के अपराधों के दो मामले उनके खिलाफ लंबित हैं। पीठ ने प्रतिवादी की विदेश यात्राओं पर दो महीने की अवधि के लिए रोक लगा दी, और कहा कि ईडी ने उपयुक्त पाबंदियों के लिए ट्रायल कोर्ट में अपील कर सकती है।

सुरेश नंदा मामले में ‌ उच्चतम न्यायालय के जस्टिस पीपी नौलेकर और जस्टिस मार्कण्डेय काटजू की दो सदस्यीय पीठ ने अंग्रेजी के शब्द ‘सीज’ और ‘इम्पाउण्ड’ के अर्थ में व्याप्त अंतर स्पष्ट किया था। पीठ ने व्यवस्था दिया था कि पासपोर्ट एक ऐसा महत्वपूर्ण दस्तावेज है, जिसे दण्ड प्रक्रिया संहिता के प्रावधान के तहत अदालत के आदेश से भी जब्त (इम्पाउण्ड) नहीं किया जा सकता है, बल्कि पासपोर्ट कानून के तहत ही उचित आदेश से ही किसी व्यक्ति का पासपोर्ट जब्त किया जा सकता है।

पीठ ने इस मुद्दे पर विचार किया था कि क्या पुलिस, जिसके पास धारा 102 (1) सीआरपीसी के तहत पासपोर्ट को अपने कब्जे में लेने का अधिकार है, उसे पासपोर्ट जब्त करने का भी अध‌िकार है? पीठ ने अपने जवाब में यह माना था कि पासपोर्ट जब्त करने का अध‌िकार पासपोर्ट अधिनियम, 1967 की धारा 10 (3) के तहत केवल पासपोर्ट प्राधिकरण के पास ही है।

कोर्ट ने कहा ‌था कि यदि धारा 102 (1) सीआरपीसी की सीमाओं भीतर अनुमेय है, तब पुलिस के पास पासपोर्ट को अपने कब्जे में लेने का अधिकार है, हालांकि पुलिस पासपोर्ट को अपने पास लंबे समय तक रख नहीं सकती या जब्त नहीं कर सकती है। यह केवल पासपोर्ट प्राधिकरण द्वारा पासपोर्ट अधिनियम की धारा 10 (3) के तहत ही किया जा सकता है, इसलिए यदि पुलिस पासपोर्ट अपने कब्जे में लेती है (जिसके पास धारा 102 सीआरपीसी के तहत ऐसा करने का अधिकार है) तो इसके बाद पुलिस को पासपोर्ट को एक पत्र के साथ पासपोर्ट प्राधिकारी को स्पष्ट रूप से यह बताते हुए भेजना होगा पासपोर्ट अधिनियम के धारा 10 (3) में उल्लिखित कारणों में से किसी एक कारण से पासपोर्ट जब्त किए जाने का हकदार है।

सके बाद पासपोर्ट प्राधिकारी को यह तय करना होगा कि पासपोर्ट को जब्त करना है या नहीं। चूंकि पासपोर्ट जब्त होने से नागरिक अधिकारों पर प्रभाव पड़ता है, इसलिए प्राधिकरण को पासपोर्ट जब्त करने से पहले संबंधित व्यक्ति को सुनने का अवसर जरूर देना चा‌हिए।

Next Story

विविध