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समाज

सुप्रीम कोर्ट ने कहा ‘भयानक' और ‘डरावनी’ है मुजफ्फरपुर रेप केस में सीबीआई की स्टेट्स रिपोर्ट

Prema Negi
26 Oct 2018 5:06 PM IST
सुप्रीम कोर्ट ने कहा ‘भयानक और ‘डरावनी’ है मुजफ्फरपुर रेप केस में सीबीआई की स्टेट्स रिपोर्ट
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शेल्टर होम में बच्चियों के साथ न केवल बलात्कार हुआ बल्कि यहां लड़कियां प्रेग्नेंट भी हुईं। इस मामले में आरोपी ब्रजेश ठाकुर है। वहीं नीतीश सरकार की मंत्री मंजू वर्मा का नाम आने के बाद उन्हें मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था....

मुजफ्फरपुर शेल्टर बलात्कार होम केस में सुप्रीम कोर्ट ने लगाई बिहार सरकार को फटकार

वरिष्ठ पत्रकार जेपी सिंह की रिपोर्ट

जनज्वार। बिहार के मुजफ्फरपुर शेल्टर होम यौन उत्पीड़न मामले में उच्चतम न्यायालय ने आरोपी ब्रजेश ठाकुर को नोटिस जारी किया है और पूछा है कि निष्पेक्ष और स्वतंत्र जांच के लिए क्यों न उसे बिहार से बाहर की जेल में शिफ्ट कर दिया जाए? बिहार के मुजफ्फरपुर शेल्टयर होम मामले में उच्चतम न्यायालय ने बिहार सरकार को भी फटकार लगाई है।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि शेल्टर होम मामले में सीबीआई की स्टेटस रिपोर्ट चौंकाने वाली है और इससे पता चलता है कि किस भयावह तरीके से अपराध किया गया। न्यायालय ने पूछा कि बिहार सरकार क्या कर रही है? बालिका गृह में लड़कियों से यौन हिंसा और बलात्कार के आरोपों की जांच कर रहे केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की रिपोर्ट में दिए गए विवरण को उच्चतम न्यायालय ने ‘भयानक’ और ‘डरावना’ करार दिया है।

सीबीआई की प्रगति रिपोर्ट के अवलोकन के बाद पीठ ने कहा कि इसमें तो लड़कियों को नशीला पदार्थ देने सहित बहुत ही हतप्रभ करने वाले तथ्य सामने आए हैं। 25 अक्टूबर को मामले की सुनवाई करते हुए जस्टिस मदन बी लोकुर, जस्टिस एस. अब्दुल नज़ीर और जस्टिस दीपक गुप्ता की पीठ ने सीबीआई की प्रगति रिपोर्ट का अवलोकन करने के बाद कहा कि यह सब क्या हो रहा है? यह तो बहुत ही भयानक है।

उच्चतम न्यायालय ने इस मामले में बिहार की पूर्व मंत्री मंजू वर्मा के पति चंद्रशेखर वर्मा का पता लगाने में हुई देरी पर बिहार सरकार और सीबीआई को फटकार लगाई और इस मामले में उनसे जवाब मांगते हुए पूछा कि अभी तक पूर्व मंत्री मंजू वर्मा के पति शेखर वर्मा की गिरफ्तारी क्यों नहीं हुई? उच्चतम न्यायालय ने कहा कि आरोपी बृजेश ठाकुर काफी प्रभावशाली व्यक्ति है और वो चल रही जांच में बाधा पहुंचा रहा है। इसलिए उसे बिहार से बाहर जेल में ट्रांसफर कर देना चाहिए। कोर्ट ने बृजेश ठाकुर को नोटिस जारी कर पूछा कि क्यों न फ्री एंड फेयर जांच के लिए उसे बिहार से बाहर जेल में ट्रांसफर कर दिया जाए?

उच्चतम न्यायालय ने कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए पूछा है कि आखिर अवैध तौर पर इमारत का निर्माण कैसे हुआ और ये बालिका गृह कैसे चल रहा था? उच्चतम न्यायालय ने कहा कि जो तथ्य सामने आए हैं वो भयावह हैं, शर्मनाक हैं। कोर्ट ने ये भी कहा कि चन्द्रशेखर वर्मा की पत्नी मंजू वर्मा तो मंत्री थीं। इस पर वकील ने कहा कि इस मामले में चंद्रशेखर को अब तक गिरफ्तार नहीं किया गया, वो भी काफी प्रभावशाली है और उसके पास से हथियार भी बरामद हुआ था। इस पर उच्चतम न्यायालय ने कहा कि वो कहां हैं, इस बारे में सीबीआई बताए।

मामले में वकील ने कहा कि जब शेल्टर होम की बच्चियां चिल्लाती थीं तो समाज का कोई शख्स सामने नहीं आता था और इससे पता चलता है कि आपोपी बृजेश ठाकुर जैसे लोग कितने प्रभावशाली लोग थे। वहीं वकील ने ही न्यायालय को ये जानकारी दी कि वो इमारत जहां ये शेल्टर होम चल रहा था वो अवैध रूप से बना हुआ था और उसके हालात बहुत खराब थे। जिस पर न्यायालय ने अचरज जताते हुए सवाल किया कि फिर भी इसे गिराया नहीं गया?

अमिक्स क्यूरी अपर्णा भट्ट ने न्यायालय को बताया कि अभी तक शेल्टर होम की इमारत तो गिराया नहीं गया है और इसे सील किया गया है। फिलहाल सीबीआई को इस इमारत की फोरेंसिक जांच की जरूरत पड़ सकती है, इसलिए इसे अभी गिराया नहीं जाना चाहिए।

जांच ब्यूरो की ओर से पेश वकील ने आरोप लगाया गया कि जेल में ब्रजेश ठाकुर के पास से मोबाइल बरामद हुआ है और वह जेल से ही 40 व्यक्तियों के साथ संपर्क में था.इस पर पीठ ने कहा कि उसे (ठाकुर) बिहार से बाहर स्थानांतरित करना होगा और दूसरी जेल में भेजना होगा। यह तमाशा है।जांच ब्यूरो ने कहा कि इस मामले में नौ आरोपियों से जांच दल ने पूछताछ की है और इन सभी ने एक समान कहानी सुनाई है, जिससे पता चलता है कि ठाकुर ने उन्हें सिखाया-पढ़ाया है।

सीबीआई ने कोर्ट को जानकारी दी है कि वो इस मामले में जल्द चार्जशीट दायर करने वाले हैं. मामले में अगली सुनवाई मंगलवार 30 अक्तूबर को होने वाली है। इस मामले में सीबीआई ने ब्रजेश ठाकुर के चचेरे मामा रामानुज ठाकुर को भी गिरफ्तार किया है। उसे समस्तीपुर जिले के वारिसनगर थाने के रोहुआ गांव से पकड़ा गया है। बुधवार 24 अक्टूबर को उसे पॉक्सो कोर्ट में भी पेश किया गया था, जहां से अदालत ने उसे सीबीआई रिमांड पर भेज दिया है।

बिहार के मुजफ्फरपुर शेल्टर होम में 34 बच्चियों के साथ रेप हुआ है। शेल्टर होम में टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल सांइसेज, मुंबई की ओर से करवाए गए सर्वेक्षण के बाद पेश सामाजिक अंकेक्षण रिपोर्ट के आधार पर प्राथमिकी दर्ज करवाई गई थी। रिपोर्ट के मुताबिक शेल्टर होम में बच्चियों के साथ न केवल बलात्कार हुआ बल्कि यहां लड़कियां प्रेग्नेंट भी हुईं। इस मामले में आरोपी ब्रजेश ठाकुर है। वहीं नीतीश सरकार की मंत्री मंजू वर्मा का नाम आने के बाद उन्हें मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था।

बालिका गृह के संचालक ब्रजेश ठाकुर सहित कुल 10 आरोपियों- किरण कुमारी, मंजू देवी, इंदू कुमारी, चंदा देवी, नेहा कुमारी, हेमा मसीह, विकास कुमार एवं रवि कुमार रौशन को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है। इस साल 31 मई को इन लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी। सीबीआई ने सितंबर में जांच अपने हाथ में ले ली थी।

लड़कियों के इलाज के लिए बालिका गृह के ऊपर एक कमरा बना हुआ था, जहां से पुलिस ने छापा मारकर 63 तरह की दवाएं जब्त की हैं। मामला तब सामने आया जब इस साल के शुरू में मुंबई के एक संस्थान टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज़ (टिस) की ‘कोशिश’ टीम ने अपनी समाज लेखा रिपोर्ट में दावा किया था कि बालिका गृह की कई लड़कियों ने यौन उत्पीड़न की शिकायत की है। उनके साथ अमानवीय व्यवहार किया जाता है और आपत्तिजनक हालातों में रखा जाता है।

शेल्टर होम में लड़कियों को बेहोशी की दवा देने के साथ-साथ उन्हें प्रताड़ित किया जाता रहा, लेकिन ठाकुर के खौफ के चलते आसपास के लोग भी चुप रहे। पीठ ने कहा कि आखिर यह हो क्या रहा है? सरकार क्या कर रही है? इस मामले के मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर पर सीबीआई ने जो आरोप लगाए हैं, वो बेहद गंभीर हैं। इस मामले में अगली सुनवाई 30 अक्तूबर को होगी।

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