बौरा गई यूपी सरकार, ताजमहल को पर्यटन स्थलों की सूची से किया बाहर
दुनिया के सात अजूबों में से एक ताजमहल को उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार के मुखिया योगी आदित्यनाथ के राज में पर्यटन स्थलों की सूची से बाहर कर दिया गया है...
जनज्वार। हिंदू युवा वाहिनी के मुखिया से यूपी के मुख्यमंत्री बने योगी आदित्यनाथ की छवि एक कट्टर हिंदूवादी नेता और संत की रही है। माना जा रहा है ताजमहल के साथ यह बेकद्री इसी का परिणाम है। यह हालत तब है जबकि भारत के जिन पर्यटन स्थलों को युनेस्कों ने संभालने का जिम्मा लिया उसमें ताजमहल सबसे पहला था।
भारत में सबसे ज्यादा पर्यटक देश की जिस सांस्कृतिक धरोहर को देखने आते हैं वह ताजमहल ही है। बड़ी बात यह है कि उत्तर प्रदेश सरकार को सबसे ज्यादा कमाई इसी पर्यटन स्थल से होती है।
टाइम्स नॉउ और सीएनएन न्यूज 18 चैनलों में आई खबरों के मुताबिक सरकार की ओर से जारी पर्यटन की पुस्तिका में ताजमहल का कोई जिक्र ही नहीं है। इस पुस्तिका में यूपी के पर्यटन स्थलों की जानकारी दी गयी है, पर ताजमहल इसमें से नदारद है। यहां तक कि इस पुस्तिका में ताजमहल के लिए एक शब्द भी नहीं है।
इससे पहले उत्तर प्रदेश की सरकार ने उत्तर प्रदेश की सांस्कृतिक धरोहरों की सूची में भी ताजमहल को शामिल नहीं किया था। तब भी मीडिया में सवाल उठा था। इतना ही नहीं 2017—18 के बीच सांस्कृतिक धरोहरों को बचाने और संवर्धित करने के लिए यूपी सरकार ने 'हमारी सांस्कृतिक विरासत' पर विशेष बजट जारी किया, उसमें भी ताजमहल की चर्चा नहीं की गयी।
उत्तर प्रदेश सरकार का यह रवैया आश्चर्यजनक इसलिए नहीं है कि खुद योगी आदित्यनाथ को भी लगता है कि ताजमहल भारतीय सांस्कृतिक परंपरा का प्रातिनिधित्व नहीं करता है। यह विचार उन्होंने हाल ही में बिहार के दरभंगा दौरे के दौरान व्यक्त किया है।