तेजस्वी ने सुशासन सरकार पर लगाया आरोप, खाना मांगने पर भूखे मजदूरों को गालियां देकर पीट रहे अधिकारी

तेजस्वी यादव ने गुरुवार को आरोप लगाया कि औरंगाबाद में रेडक्रॉस द्वारा आयोजित कैम्प में असहाय, गरीब और भूखे मजदूरों के खाना मांगने पर अधिकारी उन्हें भद्दी-भद्दी गालियां देकर पीट रहे हैं। ऐसे अधिकारी को तुरंत बर्खास्त किया जाए...
जनज्वार। तेजस्वी यादव ने गुरुवार को आरोप लगाया कि औरंगाबाद में रेडक्रॉस द्वारा आयोजित कैम्प में असहाय, गरीब और भूखे मजदूरों के खाना मांगने पर अधिकारी उन्हें भद्दी-भद्दी गालियां देकर पीट रहे हैं। ऐसे अधिकारी को तुरंत बर्खास्त किया जाए। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता तेजस्वी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को संबोधित एक ट्वीट में लिखा, "नीतीश कुमार जी, औरंगाबाद में रेडक्रॉस द्वारा आयोजित कैम्प में असहाय, गरीब और भूखे मजदूरों के खाना मांगने पर आपके अधिकारी उन्हें भद्दी-भद्दी गालियां देकर पीट रहे हैं। इस अधिकारी को तत्काल बर्खास्त किया जाए। एक तो सरकार का कुप्रबंधन और ऊपर से गरीबों की पिटाई। यह कहां का न्याय है?"
आदरणीय @NitishKumar जी,
रेडक्रॉस द्वारा आयोजित कैम्प में असहाय भूखे मज़दूरों के खाना माँगने पर आपके अधिकारी उन्हें भद्दी-भद्दी गालियाँ देकर पीट रहे है। इस अधिकारी को तत्काल बर्खास्त किया जाए। एक तो सरकार का कुप्रबंधन और ऊपर से ग़रीबों की पिटाई। यह अमानवीय व्यवहार अस्वीकार्य है pic.twitter.com/gLpBrh1Hld
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) April 2, 2020
उन्होंने इस ट्वीट के साथ एक निजी चैनल का वीडियो क्लिप भी शेयर करते हुए आगे लिखा, "आपकी सरकार द्वारा गरीबों के साथ किया जाने वाला यह अमानवीय व्यवहार कतई स्वीकार नहीं है।"
इस वीडियो क्लिप में एक अधिकारी एक व्यक्ति को पीटते और भद्दी गालियां देते दिख रहा है।
इससे पहले नेता विपक्ष ने एक बयान जारी कर कहा कि बिहार सरकार द्वारा 40 टीमों के साथ सेटअप किए गए कंट्रोल रूम द्वारा तीन-चार दिन में 3000 कॉल प्राप्त किए गए थे। यह मुट्ठीभर आंकड़ा ही देशभर में फंसे बिहारवासियों की मदद के लिए उठाए कदमों, सरकार की गंभीरता और मंशा पर सवाल उठा रहा है।
उन्होंने आगे कहा, "हमारे कार्यालय ने ही पिछले पांच दिनों में 4000 से अधिक फोन कॉल्स को अटेंड किया और पूरे देश में फंसे हजारों बिहारवासियों के लिए भोजन और राशन की व्यवस्था की। हम संबंधित राज्य सरकारों, वोलंटियर्स और व्यक्तिगत संपर्कों के साथ समन्वय करके हजारों प्रवासियों की मदद कर रहे हैं, जबकि मुख्य रूप से यह कार्य बिहार सरकार को करना चाहिए था।"
