जिस अधिकारी को चुनाव आयोग ने किया था प्रतिबंधित, वही करेगा दिल्ली दंगे की जांच
उत्तर पूर्वी दिल्ली में तीन दिनों तक हुई हिंसा के संबंध में राजधानी के कई पुलिस थानों में अभी तक 48 एफआईआर दर्ज हुई हैं, जिन्हें एसआईटी को सौंप दिया गया है....
जनज्वार। दिल्ली पुलिस ने उत्तर पूर्वी दिल्ली में हुए दंगों की जांच अपराध शाखा (क्राइम ब्रांच) को सौंप दी है. इन मामलों की जांच के लिए दो विशेष जांच टीमों (एसआईटी) का गठन किया है. हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, एसआईटी की एक टीम के प्रमुख डीसीपी जॉय टिर्की जबकि दूसरी टीम का नेतृत्व डीसीपी राजेश देव करेंगे.
#Update: 2 SITs of Crime Branch have been formed under DCP Joy Tirkey and DCP Rajesh Deo. The teams to immediately take over the investigation of the cases connected with North East Delhi violence. BK Singh, Addnl CP Crime Branch to supervise the work of the 2 teams https://t.co/5S7StbYMZY
— ANI (@ANI) February 27, 2020
प्रत्येक टीम में चार सहायक पुलिस कमिश्नर (एसीपी) होंगे और इन दोनों टीमों की जांच की निगरानी अतिरिक्त पुलिस आयुक्त बीके सिंह करेंगे.पुलिस कमिश्नर के कार्यालय की ओर से जारी बयान के मुताबिक, उत्तर पूर्वी दिल्ली में तीन दिनों तक हुई हिंसा के संबंध में राजधानी के कई पुलिस थानों में अभी तक 48 एफआईआर दर्ज हुई हैं, जिन्हें एसआईटी को सौंप दिया गया है.
इस आदेश में कहा गया है कि इन दोनों टीमों में तीन इंस्पेक्टर, चार सब इंस्पेक्टर और तीन हेड कॉन्सटेबल/कॉन्सटेबल शामिल होंगे, जो तुरंत जांच शुरू कर देंगे. क्षेत्राधिकार की चौड़ाई की वजह से दो एसआईटी का गठन किया गया है. टेलीग्राफ की रिपोर्ट के मुताबिक, एसआईटी का नेतृत्व करने वाले जॉय टिर्की और राजेश देव जामिया मिलिया और जेएनयू में हुई हिंसा की जांच की भी निगरानी कर रहे हैं.
चुनाव आयोग ने पिछले महीने राजेश देव के खिलाफ सख्ती बरतते हुए उन्हें दिल्ली विधानसभा चुनाव की ड्यूटी से हटा दिया था. दरअसल राजेश देव ने दावा किया था कि शाहीन बाग में गोली चलाने वाला युवक आम आदमी पार्टी से जुड़ा है. इस पर चुनाव आयोग ने राजेश देव को चेतावनी देते हुए नोटिस जारी किया था. चुनाव आयोग ने अपने नोटिस में कहा था कि डीसीपी देव के एक राजनीतिक पार्टी के बारे मे ऐसे समय पर बयान देने से चुनावों पर नकारात्मक असर हुआ है.
मालूम हो कि उत्तर पूर्वी दिल्ली के कई इलाकों में नागरिकता संशोधन कानून के समर्थन और विरोध में हो रहे प्रदर्शन के दौरान हिंसा भड़क उठी थी. इन हिंसक झड़पों में अब तक 38 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 300 से अधिक लोग घायल हुए हैं. घायलों का अस्पतालों में इलाज चल रहा है. मृतकों में दिल्ली पुलिस का एक हेड कॉन्स्टेबल और आईबी का एक कर्मचारी भी शामिल है.